अफ्रीकी देश केन्या (Kenya) में पादरी पॉल माकेन्ज़ी नथेन्गे (Paul Mackenzie Nthenge) द्वारा फैलाए गए अंधविश्वास ‘भूखे रहोगे तो यीशु से मिलवाऊँगा’ के चलते अब तक दर्जनों लोग अपनी जान दे चुके हैं। मंगलवार (25 अप्रैल 2023) को मरने वालों की संख्या बढ़कर 90 हो गई, जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं। केन्याई पुलिस शाकाहोला के जंगल से लोगों के शवों को अभी भी निकाल रही है। पुलिस के अनुसार, जाँच कर रहे अधिकारियों ने कुछ समय के लिए शवों की तलाश रोक दी थी, क्योंकि मुर्दाघर भरे हुए थे।
The death toll from a suspected Kenyan starvation cult climbed to 90 on Tuesday, including many children, as police said investigators were pausing the search for bodies because the morgues were full. https://t.co/WmfEBpJf0U
— 48 Hours (@48hours) April 26, 2023
मालिंदी शहर के पास शाकाहोला जंगल में सामूहिक कब्रों की खोज ने केन्याई लोगों को झकझोर कर रख दिया है। अभी और लाशें मिलने की आशंका जताई जा रही। मंगलवार को 17 शवों का पता लगाया गया। केन्याई अधिकारियों ने इसे ‘शाकाहोला वन नरसंहार’ करार दिया है। इसके साथ ही केन्या की सरकार ने बड़े पैमाने पर ईसाई देश में कट्टरपंथी धार्मिक संगठनों पर नकेल कसने का संकल्प लिया है। अधिकारियों के अनुसार, मरने वालों में 50-60 प्रतिशत बच्चे हैं।
केन्या के गृह मंत्री किथुरे किंडिकी ने मीडियाकर्मियों से कहा, “हम नहीं जानते हैं कि कितनी और कब्रें व शव मिलेंगे। जिसने लोगों से भूखा रहने को कहा था, वे आराम से खा-पी रहे थे और कह रहे थे कि वो उन्हें अपने जीसस से मिलने के लिए तैयार कर रहे हैं।” इससे पहले किथुरे किंडिकी ने शाकाहोला जंगल की लगभग 800 एकड़ जमीन को सील कर इसे अपराधस्थल घोषित कर दिया था। इस मामले की जाँच से जुड़े लोगों के मुताबिक, मरने वालों में अधिकांश बच्चे शामिल हैं। उनके माता-पिता ने उन्हें भूखा रहने के लिए कहा था, ताकि वह भी पादरी के कहे अनुसार जीसस से मिल सकें।
गौरतलब है कि यह पूरा मामला केन्या के किलिफी काउंटी क्षेत्र के शाकाहोला गाँव का है। यहाँ पादरी पॉल माकेन्ज़ी नथेन्गे गुड न्यूज इंटरनेशनल चर्च चलाता था। वह यहाँ प्रार्थना के लिए लोगों को इकट्ठा करता था। इसके बाद लोगों से उसने कहा कि ‘यदि वे भूखे रहेंगे तो वह उन्हें यीशु से मिलवाएगा’। उसकी बात पर यकीन कर कई लोग भूखे रहने लगे। इस मामले का खुलासा 15 अप्रैल 2023 को हुआ था। पादरी की बातों पर विश्वास करके 15 लोगों ने खाना छोड़ दिया था और सभी एक घर में एक साथ रहने लगे थे।