28 जून 2022। राजस्थान के उदयपुर में मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ने कन्हैया लाल तेली (Kanhaiya lal murder) का गला उनकी दुकान में घुसकर काट दिया था। इस बर्बर हत्या के मुख्य चश्मदीद हैं राजकुमार शर्मा (Rajkumar Sharma)। राजकुमार उस दिन भी कन्हैया लाल को बचाने दौड़े थे। इस्लामी कट्टरपंथी हत्यारों ने उन पर भी हमला किया था जो खाली चला गया। लेकिन इस हत्या ने राजकुमार के भीतर जो खौफ पैदा किया, उन्होंने जिस मानसिक तनाव को झेला उसके कारण आज भी उनका शरीर बेजान है।
राजकुमार को लकवा मार चुका है। वे बिस्तर से उठ नहीं पाते। बोलने में दिक्कत होती है। खुद से पानी तक पी नहीं पाते। उनके परिवार के लिए दो जून की रोटी का इंतजाम करना भी मुश्किल हो चुका है। जिस बेटी की शादी सालभर पहले हो जानी तय थी, वह आज तक नहीं हो पाई है। राजकुमार शर्मा और उनके परिवार की यह स्थिति दैनिक भास्कर के निखिल शर्मा की रिपोर्ट से सामने आई है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि राजकुमार उस बर्बर हत्या को आज तक भूल नहीं पाए हैं। उनके सपने में मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद गला काटते दिखते हैं। कन्हैया लाल की खून से लथपथ लाश दिखती है। खौफ ऐसा है कि घर पर लगी नेमप्लेट से अपना नाम मिटा दिया है। अनजान नंबर से काॅल आता है तो परिवार के लोग डर जाते हैं।
राजकुमार की पत्नी पुष्पा ने दैनिक भास्कर को बताया, “बेटी 25 साल की हो गई है। सालभर पहले शादी होनी थी। वो टल गई। अब पता नहीं कब होगी। 20 साल का बेटा नौकरी करता है। उसकी 11 हजार रुपए की सैलरी में किसी तरह घर का खर्चा चलता है।” राजकुमार ने अपनी टूटी-फूटी आवाज में बताया, “न खड़ा हो सकता हूँ, न बैठ सकता हूँ। हालत खराब हो गई है। बार-बार दिमाग में वही सीन घूमता है। सोता हूँ तो वही सपने आते हैं। दो ऑपरेशन हुए। डॉक्टर ने कहा था कि नस काम करेगी तो दूसरा साइड काम करने लगेगा। लेकिन अभी तक कुछ काम नहीं कर रहा।”
कन्हैया लाल की हत्या से पहले राजकुमार टेलर की दुकान में काम करने के अलावा पार्ट ऑनलाइन फूड डिलिवरी भी किया करते थे। सरकार से आज भी सुरक्षा मिली हुई है। 5 लाख की आर्थिक मदद भी मिली थी। सारे पैसे खर्च हो चुके हैं। अब न सरकारी मदद है और न सामाजिक। कथित तौर पर रिश्तेदारों ने भी मुँह मोड़ लिया है। उल्लेखनीय है कि बीते साल अक्टूबर में राजकुमार को ब्रेन हेमरेज हो गया था। उसके बाद उदयपुर के एमबी अस्पताल में उनका ऑपरेशन हुआ था।
इधर राजकुमार का परिवार चमत्कार की प्रतीक्षा में है। वे किसी तरह स्वस्थ हो जाएँ। उनकी जिंदगी पहले की तरह सामान्य हो जाए। इधर कन्हैया लाल का बेटा आज भी न्याय की इंतजार में नंगे पैर है। उनका परिवार भी खौफ में जी रहा है। सालभर बाद भी उदयपुर के उस बाजार में सन्नाटा है जहाँ कन्हैया लाल का गला काटा गया था। डर से घरों में बाहर से ताला लगाकर लोग भीतर कैद रहते हैं।