हरियाणा के मेवात (Mewat, Haryana) में सोमवार (31 जुलाई 2023) को भारी हिंसा हुई। हिंसा में 2 होमगार्ड जवानों और एक नागरिक की हत्या कर दी गई। घायलों की संख्या 60 से अधिक बताई जा रही है, जिनमें दर्जनों पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। पुलिस सहित बृजमंडल जलाभिषेक यात्रा में शामिल लोगों के 30 से अधिक वाहनों को या तो तोड़ डाला गया है या जला दिया गया।
तनाव को देखते हुए नूहं, गुरुग्राम, रेवाड़ी और फरीदाबाद में धारा 144 लागू कर दी गई है। स्कूल-कॉलेजों के साथ-साथ इंटरनेट को भी बंद कर दिया गया है। दंगाइयों के बीच फँसे लोगों को बचाकर नूहं पुलिस लाइन लाया गया है। बचाये गए लोगों का दावा है कि हिंसा की साजिश कम-से-कम 6 महीना पहले से रची जा रही थी।
ABP न्यूज़ ने हिन्दू संगठन से जुड़े उन लोगों का इंटरव्यू लिया है, जिन्हें नल्हड शिव मंदिर से बचाकर लाया गया है। बचाए गए लोगों में एक साधु के वेश वाले व्यक्ति ने बताया, “हिन्दुओं की पहली बस, जो मंदिर में जल चढ़ाकर गई, उसे 1 किलोमीटर बाद जला दिया गया। इसके बाद 14-15 और गाड़ियों को जलाया गया।”
पीड़ित ने आगे बताया कि मामले की जानकारी होने पर कुछ हिन्दू घटना के बारे में जानने गए तो उनके वाहनों को भी जला दिया गया। पीड़ित ने कहा कि उन पर हमले के लिए आतंकवादियों द्वारा AK 47 का इस्तेमाल किया गया था। एक अन्य पीड़ित ने कहा, “प्राचीन शिव मंदिर 3 तरफ से पहाड़ों से घिरा है। तीनों तरफ से गोलियाँ चलीं।”
आरोप है कि पुलिस ने पहुँचने के बाद जवाबी फायरिंग की, लेकिन पुलिस पर भी लगभग एक घण्टे तक गोलियाँ बरसाईं गईं। लोगों ने बताया कि हमले के दौरान मंदिर में फँसे श्रद्धालुओं की संख्या 6 से 7 हजार के बीच थी। पूरी बृजमंडल यात्रा में अनुमानित लोगों की तादाद 25 हजार बताई गई है। लोगों ने बताया कि वो मंदिर के अंदर लगभग 7 घंटे तक फँसे रहे।
बचाकर लाए गए एक अन्य श्रद्धालु ने कहा, “14 साल के लड़के भी असलहा चला रहे थे। ये प्लानिंग 6 महीने से की गई थी।” लोगों का आरोप है कि पहाड़ों से चलाई जा रही गोलियाँ किसी के पेट, किसी के जाँघ और किसी के माथे से छूकर निकली है।