कलकत्ता हाई कोर्ट में सोमवार (7 अगस्त 2023) को एक अजीबोगरीब घटना हुई। एक जमीन विवाद में हाई कोर्ट के जस्टिस जय सेनगुप्ता ने शिवलिंग हटाने का आदेश दिया। लेकिन फैसला रिकॉर्ड करते हुए सहायक रजिस्ट्रार बिश्वनाथ राय अचानक बेहोश हो गए। इसके बाद जज सेनगुप्ता ने मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।
रिपोर्ट के अनुसार बेहोश होने के बाद हाईकोर्ट के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। जज अपने चेंबर में चले गए। थोड़ी बाद जज सेनगुप्ता कोर्ट रूम में लौटे। लेकिन इस बार उन्होंने मामले में हस्तक्षेप से मना कर दिया। वहीं सहायक रजिस्ट्रार के अचानक बेहोश होने के कारण का भी पता नहीं चला है।
शिवलिंग हटाने का आदेश मुर्शिदाबाद बेलडांगा के खिदिरपुर के दो लोगों के बीच जमीनी विवाद में दिया गया था। खिदिरपुर के सुदीप पाल और गोविंद मंडल के बीच यह विवाद चल रहा है। इसको लेकर इसी साल मई में दोनों पक्षों में मारपीट भी हुई थी। इसके बाद दोनों पक्षों ने बेलडांगा थाने में एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में निचली अदालत से दोनों को जमानत दे दी थी।
लेकिन विवाद में नया मोड़ तब आ गया जब सुदीप ने गोविंद मंडल पर विवादित जमीन पर शिवलिंग रखने का आरोप लगाते हुए पुलिस से शिकायत की। उसने शिवलिंग हटाने की माँग की। उसका आरोप है कि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ सुदीप पाल हाई कोर्ट पहुँच गया।
हाई कोर्ट में सोमवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस जय सेनगुप्ता ने गोविंद मंडल के वकील से पूछा कि उनके मुवक्किल ने विवादित वाली जमीन पर शिवलिंग क्यों स्थापित किया? इस पर गोविंद के वकील मृत्युंजय चटर्जी ने कहा कि उनके मुवक्किल ने शिवलिंग स्थापित नहीं किया, बल्कि ये खुद ही जमीन से निकल आया है। इसके बाद जज सेनगुप्ता ने शिवलिंग हटाने का निर्देश दिया। लेकिन जिस वक्त सहायक रजिस्ट्रार इस फैसले को रिकॉर्ड कर रहे थे वे अचानक से बेहोश हो गए।