Saturday, November 23, 2024
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संतों की सभा के बाद गुजरात के सालंगपुर मंदिर से हटाए गए विवादित चित्र, स्वामी सहजानंद के सेवक के तौर पर प्रदर्शित किए गए थे हनुमानजी

इसी विवाद पर 4 सितम्बर को ही गुजरात के ही गांधीनगर में मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और गृहमंत्री हर्ष संघवी की मौजूदगी में साधु-संतों और हिंदू नेताओं की बैठक हुई थी। इस बैठक में भी विवाद को जल्द से जल्द निपटाने पर सहमति बनी थी। अंततः अब इस पर विवाद पर पूर्ण विराम लग गया है।

गुजरात के सालंगपुर मंदिर की दीवालों पर बने हनुमानजी के विवादित चित्रों को हटा दिया गया है। सोमवार (4 सितंबर 2023) को इसे हटाने का निर्णय संतों और हिन्दू संगठन से जुड़े लोगों की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया था। बैठक के बाद वड़ताल स्वामीनारायण संस्था विवादित चित्रों को 5 सितंबर (मंगलवार) की सुबह तक हटाने पर सहमत हो गई थी। अब उस स्थान पर नए चित्रों को लगाया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मंदिर प्रशासन ने सूर्योदय से पूर्व विवादित चित्रों को हटाने के वादे पर अमल किया। इस दौरान पुलिस ने भी सुरक्षा के इंतजाम किए थे। देर रात इन चित्रों को हटाने से पहले लाइटें बंद कर दी गई थी। साथ ही दीवालों के आगे पर्दे लगा दिए थे। इन चित्रों के चलते पूरे गुजरात में विवाद खड़ा हो गया था। गौरतलब है कि सालंगपुर मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति के नीचे बने भित्तिचित्रों में महावीर बजरंगबली को सहजानंद स्वामी के सेवक के रूप में चित्रित किया गया था।

एक दिन पहले ही बन गई थी सहमति

बताते चलें कि विश्व हिंदू परिषद (VHP) की कोशिशों के बाद सोमवार (4 सितंबर) को अहमदाबाद में संतों की एक सभा हुई थी। यह सभा शिवानंद आश्रम में हुई जो लगभग करीब 2 घंटे तक चली थी। इस बैठक में विवाद को खत्म करने पर आपसी सहमति बन गई। सहमति के तौर पर अगले दिन सूर्योदय से पहले सभी विवादित चित्रों को हटाना तय हुआ था। संत परमानंद स्वामी ने प्रेस वार्ता में स्वामीनारायण संप्रदाय को वैदिक सनातन धर्म का अंग बताया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि इसके सभी भक्त व संत वैदिक परंपराओं, पूजा विधियों और प्रथाओं का सम्मानपूर्वक पालन करते हैं।

परमानन्द स्वामी ने कहा था कि हिंदू समाज का हिस्सा होने के चलते स्वामीनारायण संप्रदाय समाज की भावनाओं को चोट नहीं पहुँचाना चाहता। बकौल परमानन्द स्वामी विश्व हिंदू परिषद हिंदू समाज में सद्भाव बनाए रखने और हिन्दुओं की एकता के लिए प्रतिबद्ध है।

परमानन्द स्वामी ने बैठक को सार्थक बताते हुए सभी से समाज के सौहार्द को बनाए रखने की अपील के साथ मनमुटाव पैदा करने वाले बयानों से परहेज करने के लिए कहा था। इसी विवाद पर 4 सितम्बर को ही गुजरात के ही गांधीनगर में मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और गृहमंत्री हर्ष संघवी की मौजूदगी में साधु-संतों और हिंदू नेताओं की बैठक हुई थी। इस बैठक में भी विवाद को जल्द से जल्द निपटाने पर सहमति बनी थी। अंततः अब इस पर विवाद पर पूर्ण विराम लग गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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