कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने जैक रसेल टेरियर नस्ल की एक पपी अपनी मम्मी सोनिया को उपहार में दी है। वे इसे गोवा से लेकर आए हैं। इसका नाम ‘नूरी’ रखा है। राहुल ने एक वीडियो के जरिए अपने परिवार के इस सदस्य के बारे में लोगों को बताया है।
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने कुतिया का नाम नूरी रखे जाने पर एतराज जताया है। वैसे नूरी का मोटे तौर पर अर्थ प्रकाश होता है। लेकिन ऐसा लगता है कि हाल के समय में जाति पर लगातार प्रलाप कर रहे राहुल अपने पापा राजीव से नूर लेना भूल गए हैं।
एक तरफ राहुल जातीय जनगणना के पैरोकार बने घूम रहे हैं, वहीं उनके पापा राजीव जाति विहीन समाज चाहते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने संसद में मंडल कमीशन की सिफारिशों का विरोध करते हुए यह बात कही थी। पूरे देश ने इसे सुना था, पर शायद राहुल इससे रूबरू होना भूल गए।
न्यूज18 ने राजीव गाँधी के उस भाषण की समीक्षा प्रकाशित की है। इस संबोधन के दौरान राजीव की तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह के साथ तीखी नोकझोंक हुई थी, क्योंकि वे मंडल आयोग की रिपोर्ट को आगे बढ़ा रहे थे।
राजीव गाँधी ने कहा था, “यह बेहद दुखद है कि इस सरकार (वीपी सिंह सरकार) की सोच जाति के इर्द-गिर्द घूमती है। वीपी सिंह हमारे समाज में दरार पैदा कर रहे हैं। इस देश का लक्ष्य जाति विहीन समाज होना चाहिए और आपको ऐसा कोई भी कदम उठाने से बचना चाहिए जो देश को जाति-ग्रस्त समाज की ओर ले जाए।”
राजीव गाँधी ने ये भाषण 6 सितंबर 1990 को संसद में दिया था। उन्होंने आगे कहा था, “जिस तरह से आपने मंडल आयोग को लागू किया है, मेरे लिए यह मेरे देश को तोड़ रहा है। इस समय में देश को इस जाति विभाजन से बचाने का समय है। जातिवाद की वजह से देश को इसके लिए बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।”
आरक्षण पर ये थी राजीव गाँधी की राय
वीपी सिंह सरकार द्वारा संसद में मंडल कमीशन की रिपोर्ट रखे जाने के समय चर्चा में राजीव गाँधी ने अपने भाषण के अंत में आरक्षण पर भी अपनी राय रखी थी। राजीव गाँधी ने कहा था, “सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों को आरक्षण सहित हर संभव मदद की जरूरत है और कॉन्ग्रेस इसमें आपका समर्थन करेगी। हम चाहते हैं कि इसका लक्ष्य सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों में सबसे गरीब और सबसे कमजोर लोगों को लक्षित किया जाए, जिसे कॉन्ग्रेस पार्टी ने इस साल 30 अगस्त को संसदीय कार्य समिति के प्रस्ताव में रेखांकित किया है।” राजीव गाँधी का बयान साफ तौर पर कहता है कि वो जाति के आधार पर नहीं, बल्कि आर्थिक तौर पर पिछड़े लोगों और कमजोर लोगों की मदद के पक्षधर थे।
राहुल गाँधी का ऐलान, कॉन्ग्रेस कराएगी जातिगत जनगणना
राजीव गाँधी ने संसद में जो कुछ भी कहा था, वो लोकसभा की कार्यवाही का हिस्सा है। उनके शब्द मिटाए नहीं जा सकते हैं। लेकिन अब राहुल गाँधी जो कुछ भी बोल रहे हैं, वो राजीव गाँधी की सोच के एकदम उलट है। राहुल गाँधी कह चुके हैं कि कॉन्ग्रेस के सत्ता में आते ही जातिगत जनगणना कराई जाएगी।
Caste census भारत का X-Ray है!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 25, 2023
OBC कितने हैं? बाकी वर्ग के लोग कितने हैं? जब ये आंकड़े सामने आएंगे, तभी देश सबकी भागीदारी दे कर आगे बढ़ पाएगा।
कांग्रेस की सरकारें अडानी की नहीं – देश के किसानों, मज़दूरों, दलितों, वंचितों और आदिवासियों की हैं। pic.twitter.com/GTMaEBURDz
वैसे, ओबीसी आरक्षण पर राहुल गाँधी और कॉन्ग्रेस किस तरह से लगातार झूठ बोल रहे हैं, उसके बारे में जानने के लिए आप यह रिपोर्ट रिपोर्ट पढ़ सकते हैं।