Friday, November 15, 2024
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अनुपम कुमार सिंह

भारत की सनातन परंपरा के पुनर्जागरण के अभियान में 'गिलहरी योगदान' दे रहा एक छोटा सा सिपाही, जिसे भारतीय इतिहास, संस्कृति, राजनीति और सिनेमा की समझ है। पढ़ाई कम्प्यूटर साइंस से हुई, लेकिन यात्रा मीडिया की चल रही है। अपने लेखों के जरिए समसामयिक विषयों के विश्लेषण के साथ-साथ वो चीजें आपके समक्ष लाने का प्रयास करता हूँ, जिन पर मुख्यधारा की मीडिया का एक बड़ा वर्ग पर्दा डालने की कोशिश में लगा रहता है।

किसने और क्यों शास्त्री जी के चेहरे पर चन्दन मल दिया था? पढ़िए उनके नाती संजय नाथ की जुबानी

"मैं रूस से आए निमंत्रण के बाद अपनी नानी के साथ ताशकंद गया, जब मैं उनके कमरे में गया (जहाँ शास्त्रीजी की मृत्यु हुई थी) तो मुझे पता चला कि उनके कमरे में एक घंटी तक नहीं थी। सरकार ने झूठ बोला था कि उनके कमरे में कई फोन थे। क्यों?"

देश को बेचने वाले वामपंथियों को जरूर देखनी चाहिए ‘द ताशकंद फाइल्स’: ऑपइंडिया से बोले विवेक अग्निहोत्री

'नसीरुद्दीन शाह के व्यक्तिगत विवाद से मुझे कोई लेना-देना नहीं है। भारत विश्व का सबसे ज्यादा सहिष्णु देश है। मैं तो इतना सहिष्णु हूँ कि मैंने न्यूज़लॉन्ड्री वालों सभी बात की। वो कुत्ते की दुम की तरह कभी सीधे नहीं हो सकते।'

‘मेरे पिता लाल बहादुर शास्त्री की तरह मोदी ने भी भारतीयों का मस्तक गर्व से ऊँचा उठाया’

'द ताशकंद फाइल्स' के ट्रेलर रिलीज के मौके पर भावुक लाल बहादुर शास्त्री के बेटे सुनील शास्त्री को ढाढस बँधाते हुए अभिनेत्री पल्लवी जोशी ने कहा कि क्या एक बेटे को यह जानने का हक़ नहीं है कि उनके पिता की मृत्यु कैसे हुई?

जब बनी थी बॉलीवुड की अपनी राजनीतिक पार्टी, किसको था ख़तरा, कौन डरा, किसने धमकाया, क्या हुआ अंजाम?

जब आपातकाल के बाद देव आनंद की अध्यक्षता में बनी थी बॉलीवुड की अपनी राजनीतिक पार्टी। जानिए क्या हुआ इसके बाद। राजनारायण ने क्यों जोहर के हाथ-पाँव तोड़ने की धमकी दी थी? क्या हुआ नेशनल पार्टी का और क्यों अकेले पड़ गए थे देव आनंद?

माँ के रुदन को नज़रअंदाज़ कर मासूम की हत्या करने वाले आतंकियों का कैसा मानवाधिकार?

एक रोती हुई माँ, बाहर विनती करता पूरा परिवार, मौलवियों-उलेमाओं द्वारा मस्जिद के लाउडस्पीकर से आग्रह, सुरक्षा बलों द्वारा नागरिकों को बचाने की कोशिश, इन सबके बीच आतंकियों ने कुछ ऐसा किया जो उनसे सहानुभूति रखने वालों की पोल खोल देगा।

इंडियन प्लेयर के जबरदस्त छक्के से टूट गई थी फाइव स्टार होटल की खिड़की और IPL में अब…

अब वो ज़माना गया जब डॉन ब्रैडमैन के एक छक्के पर दर्शकों को मुफ़्त में कोल्डड्रिंक और चिप्स नसीब होती थी। अब वो ज़माना भी गया जब श्रीकांत के छक्के से टूटी काँच को सहेज कर रख दिया जाता था। यह धूम-धड़ाके का युग है।

कोहिनूर धारण करने वाला सिख सम्राट जिसकी होली से लाहौर में आते थे रंगीन तूफ़ान, अंग्रेज भी थे कायल

कहते हैं कि हवा में गुलाल और गुलाबजल का ऐसा सम्मिश्रण घुला होता था कि उस समय रंगीन तूफ़ान आया करते थे। ये सिख सम्राट का ही वैभव था कि उन्होंने सिर्फ़ अंग्रेज अधिकारियों को ही नहीं रंगा बल्कि प्रकृति के हर एक आयाम को भी रंगीन बना देते थे।

चिरयुवा राहुल के ‘बूढ़ों की फ़ौज’ बनाम ‘रूढ़िवादी’ BJP के युवा मुख्यमंत्रियों की टोली

भाजपा और कॉन्ग्रेस के मुख्यमंत्रियों की औसत उम्र में डेढ़ दशक का फ़र्क़ है। अगर वंशवाद को हटा दें तो कॉन्ग्रेस में शायद ही कोई बड़ा युवा नेता हो। जबकि विपक्षियों द्वारा रूढ़िवादी कही जाने वाली भाजपा के किसी भी मुख्यमंत्री की उम्र 65 से ज्यादा नहीं है।