राजनैतिक मुद्दे
सूअर का माँस खाने वाला, शराब पीने वाला ‘क़ायद ए आजम’, जो नमाज तक पढ़ना नहीं जानता था
जिन्ना शराब पीता था, सूअर का माँस खाता था, उर्दू नहीं बोलता था और नमाज तक पढ़ना नहीं जानता था। तमाम मजहबी विरोधाभासों के बावजूद उन्हें समुदाय विशेष ने प्रेम किया, यह चौंकाने वाली बात जरूर है।
कला-साहित्य
काहे के महानायक: अमिताभ बच्चन ने चोरी की कविता की अपने नाम से पोस्ट, लेकिन दूसरों को भेजते हैं नोटिस!
अमिताभ बच्चन ने जो कविता अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर शेयर की है, उसकी वास्तविक रचनाकार ने अमिताभ बच्चन से इसे लेकर आपत्ति दर्ज की है।
हास्य-व्यंग्य-कटाक्ष
केजरीवाल जी, वाड्रा जी, शिपिंग कॉर्पोरेशन में 65% हिस्सेदारी बेच रही है सरकार, आपको लेना है?
खुद ही तेल की खुदाई करने के लिए कॉमरेड्स द्वारा उठाए गए इस कदम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में बड़ा कदम बताया।
राजनीति
दिल्ली के रिलीफ फंड में आए ₹34 करोड़, खर्च सिर्फ ₹17 करोड़, कोरोना नियंत्रण पर केजरीवाल सरकार ने एक पैसा भी नहीं खर्चा
कोरोना नियंत्रण को लेकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार कितनी गंभीर है, इसका खुलासा खुद उसके ही जवाब से होता है।
हास्य-व्यंग्य-कटाक्ष
व्यंग्य: अयोध्या में मस्जिद की जगह स्कूल या अस्पताल बनाने की माँग, गरीब देंगे दुआ
अयोध्या में बनने जा रही मस्जिद में एक समय में दो हजार लोग नमाज पढ़ सकेंगे। लेकिन देश का उदारवादी वर्ग इस सबसे बेहद नाराज है।
मीडिया हलचल
अप्रिय रवीश कुमार! एक ‘शांतिपूर्ण आंदोलन’ 53 लोगों की जान ले चुका है, अभी कितने बाकी हैं?
व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी के कुलपति रवीश कुमार ने अपने नए प्राइम टाइम वीडियो में आरोप लगाया है कि किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को बदनाम किया जा रहा है।
मीडिया फ़ैक्ट चेक
25 सितंबर को झुठलाई गई खबर के बाद भी रवीश ने लगातार अडानी को ले कर फैलाया फेक न्यूज
रवीश कुमार ने कथित किसान आन्दोलन के बीच एक बार फिर अम्बानी-अडानी का जिक्र लाकर बहस को नई दिशा दी है। उनके दावे व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी के दावों से भिन्न नहीं हैं।
हास्य-व्यंग्य-कटाक्ष
अम्बानी के जियोमार्ट और पूँजीपतियों को फायदा पहुँचाना है किसानों का मकसद, बाजार बंद तो बहाना है – गुप्त सूत्र से खुलासा
ख़ुफ़िया रिपोर्टर कॉमरेड पैट्रिक जिन्ना ने बताया कि ये भारत बंद और कुछ नहीं बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से अम्बानी सहित तमाम पूँजीपतियों को फायदा पहुँचाने की साजिश का ही पहला चरण है।