Sunday, November 24, 2024
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रवि अग्रहरि

अपने बारे में का बताएँ गुरु, बस बनारसी हूँ, इसी में महादेव की कृपा है! बाकी राजनीति, कला, इतिहास, संस्कृति, फ़िल्म, मनोविज्ञान से लेकर ज्ञान-विज्ञान की किसी भी नामचीन परम्परा का विशेषज्ञ नहीं हूँ!

त्रयम्बक, नटराज, आदियोगी… शिव के कई नाम, विश्व की सबसे बड़ी प्रयोगशाला जिन्हें करती है सलाम!

CERN - स्विटजरलैंड में स्थित नाभिकीय प्रयोगशाला। यह धरती पर भौतिकी की सबसे बड़ी प्रयोगशाला है, जहाँ अणुओं की सारी तोड़-फोड़ हो रही है। वहाँ के प्रवेशद्वार के सामने नटराज की एक मूर्ति है। मूर्ति इसलिए क्योंकि...

शिव एक अघोरी हैं, भयंकरता से परे… सबसे सुंदर, सबसे भद्दे और गृहस्थ भी!

वह सबसे सुंदर हैं तो सबसे भद्दे और बदसूरत भी। अगर वो सबसे बड़े योगी व तपस्वी हैं तो सबसे बड़े गृहस्थ भी। वह सबसे अनुशासित भी हैं, सबसे बड़े पियक्कड़ और नशेड़ी भी। वे महान नर्तक हैं तो पूर्णत: स्थिर भी।

#महाशिवरात्रि का रहस्य: मंदिर या शिवाला में नहीं बल्कि यहाँ और ऐसे मिलेंगे भोलेनाथ

महाशिवरात्रि आपको अपने बोध से परिचय कराने की रात्रि है। योग परम्परा के अनुसार बात की जाए तो ख़ुद को अस्तित्व से जोड़ लेने की रात। यह एक ऐसी रात है, जब प्रकृति स्वयं मनुष्य को उसके आध्यात्मिक शिखर तक जाने में मदद करती है।

जैश-ए-मुहम्मद की वक़ालत करते शांति-यमदूत पाकिस्तान की कथनी और करनी पर शक क्यों न हो?

पूरी दुनिया के मान और जान लेने के बाद भी वहाँ की सरकार सेना और ISI की कठपुतली होने का सबूत दे रही है, सिर्फ़ लफ्फबाजी से ख़ुद को शांति दूत का तमगा देना चाहती है, पर अब उसकी एक भी चाल क़ामयाब नहीं होने वाली, अब आने वाले समय में सबूतों और बतकही के खेल से भरोसा उठ चुका है।

दूसरों के दान और आतंक की खेती पर ज़िंदा पाकिस्तान युद्ध की बात करे तो तुग़लक़ याद आता है!

जैसे-जैसे भारत एक-एक कर कड़े क़दम उठाते हुए पाकिस्तान को घेर रहा है- चाहे पहले पाकिस्तान से ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन‘ का दर्जा वापस ले लेना हो या अब सरकार ने अपने हिस्से का रावी, ब्यास और सतलुज के पानी को पाकिस्तान को देने की बजाय उस से यमुना को सींचने की योजना या उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में घुटने टेकने को मजबूर करना।

1267 क्या है? क्यों परेशान हैं पाकिस्तान, चीन और सऊदी अरब

भारत अगर इस प्रस्ताव को पारित करवाने में क़ामयाब होता है तो इससे पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग कर, पाकिस्तान और उसकी आतंक की फैक्ट्री पर रोकथाम लगाने के लिए उठाए गए कठोर कदमों को वैश्विक समर्थन हासिल होगा।

रवीश जी गालियाँ आपके पत्रकारिता से तंग जनता का आक्रोश है, इसे भारत-माँ के नाम मत कीजिए

जब आपको तारीफें मिली, प्रसिद्धि मिली, आज आप जो कुछ हैं, जब वो सब मिला तो आपने कभी नहीं कहा कि ये सब 'भारत माँ' की वजह से है। और जब आपकी 'पक्षकारिता' की वजह से गालियाँ मिल रही हैं तो किस हक़ से इसे 'भारत माँ' को समर्पित कर रहे हैं?

मसूद अज़हर पर गूँगी-बहरी हैं अंतरराष्ट्रीय संस्थाएँ, क्योंकि वो खुलेआम Pak से दे रहा है धमकी

मसूद अज़हर एक तक़रीर में खुलेआम पुलवामा का नाम ले रहा है। वह पाकिस्तानी सैनिकों को धन्यवाद दे रहा है। वह फिदाइनों की तारीफ़ कर अन्य को फिदाईन बनने के लिए उकसा रहा है। यह सब पाकिस्तान की सरजमीं पर वहाँ के आर्मी की सरपरस्ती में हो रहा है।