Sunday, November 24, 2024
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रवि अग्रहरि

अपने बारे में का बताएँ गुरु, बस बनारसी हूँ, इसी में महादेव की कृपा है! बाकी राजनीति, कला, इतिहास, संस्कृति, फ़िल्म, मनोविज्ञान से लेकर ज्ञान-विज्ञान की किसी भी नामचीन परम्परा का विशेषज्ञ नहीं हूँ!

सहेली सबीना ही जान की दुश्मन, सराय काले खाँ में दलितों पर हमले की साजिश उसी की: पुलिस को 3 और की तलाश

बस्ती के लोगों ने कहा कि वो प्रशासन से माँग करते हैं कि सुलेमान की बेटी सबीना सहित सभी हमलावरों को सजा हो। सबीना ने ही बस्ती में खून की होली खेलने की धमकी दी थी।

‘अगर महिलाएँ और बच्चे शोर नहीं मचाते तो पूरी वाल्मीकि बस्ती को जला देती मुस्लिम भीड़’: सराय काले खाँ की काली रात

मुस्लिम भीड़ गाड़ी तोड़ने के बाद उसी में से पेट्रोल निकालकर बस्ती जलाने की कोशिश में थे, मगर बस्ती के लोगों और महिलाओं की सक्रियता ने इस हादसे को होने से बचा लिया।

‘वे गाली दे रहे थे, कहा हमें दे दो, काट देंगे’: दलित सुमित की माँ की जुबानी सुनिए ‘काले खाँ’ की पूरी कहानी

"डर की वजह से राजीनामा के बाद उन्हें अपने घर लेकर नहीं आई। उन लोगों ने उनके घर में तोड़फोड़ की। घर में आग लगाने की कोशिश की। अगर उस दिन घर पर वो लोग होते वो मार दिए जाते।"

मुस्लिम भीड़ का तलवारों से हमला, घरों में आग लगाने की कोशिश, भं* कहा: सुनें सराय काले खाँ की पीड़िता को

मुस्लिम हमलावरों के हाथों में तलवार, चाकू, छूरी, बंदूकें और डंडे आदि थे। पीड़ितों का कहना है कि चूँकि वो लोग जगे हुए थे, इसलिए बच गए। हमलावरों ने महिलाओं के बाल पकड़ कर भी खींचे।

मस्जिद के पास से ईंट-पत्थर लेकर शुरू हुआ हमला: दिल्ली के सराय काले खाँ में दलित बस्ती पर आतंक की कहानी

दिल्ली के सराय काले खाँ में दलित बस्ती में आतंक की कहानी जाननी है तो वहाँ की गलियों में चलिए, जिसे उस रात चारों तरफ से घेर लिया गया था।

महाशिवरात्रि: शून्यता के उस शिखर को छू लेने की परमरात्रि जहाँ से उद्घाटित होता है शिव तत्व

आधुनिक विज्ञान ने भी साबित कर दिया है कि सब कुछ शून्य से ही उपजा है और शून्य में ही विलीन हो जाता है। इसी संदर्भ में...

किसान आंदोलन राजनीतिक, PM मोदी को हराना मकसद: ‘आन्दोलनजीवी’ योगेंद्र यादव ने कबूली सच्चाई

वे केवल बीजेपी को हराना चाहते हैं बाकी उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है कि कौन जीतता है। यहाँ तक कि अब्बास सिद्दीकी के बंगाल जीतने पर भी वे खुश हैं। उनका दावा है कि जब तक मोदी और भाजपा को अनिवार्य रूप से सत्ता से बाहर रखा जाता है। तब तक ही सही मायने में लोकतंत्र है।

‘अब भी लगता है डर, नहीं हुई नुकसान की भरपाई’: दिल्ली दंगों में जिस पार्किंग में जली थी दर्जनों गाड़ियाँ, 1 साल बाद हम...

दिल्ली हिन्दू विरोधी दंगों में पूरी तरह तबाह शिव विहार पार्किंग के मालिक गजेंद्र परिहार ने बताया कि FIR में उन्होंने डर से कई चीजें नहीं बताई हैं और किसी को निशाना नहीं बनाया है, क्योंकि उन्हें इसी क्षेत्र में रहना है।