माहिरा जैसों से तो दिल की सुनने और दिल में झॉंक कर देखने की उम्मीद नहीं की जा सकती। उम्मीद यूएन से है कि वह अपने गुडविल का ध्यान रखे। ऐसा न हो कि शरणार्थियों का दर्द भी कम न हो और उसकी साख को भी बट्टा लग जाए।
सीएफआई से जुड़े लोगों पर अपने से परे विचार रखने वाले लोगों की हत्या के गंभीर आरोप हैं। बावजूद इसके सोशल मीडिया में नैतिकता बघारने वाले गोपीनाथन ने उसके कार्यक्रम में अपने विचार रखे।
मुर्मू पर हमले का आदेश आईएसआई ने कोटली में लश्कर और हिज्बुल के साथ बैठक में दिया। हमले की जिम्मेदारी लश्कर आतंकी जिया-उल-रहमान मीर को दी गई है। भाजपा के कई बड़े नेता भी लश्कर और हिज्बुल आतंकियों की हिट लिस्ट में हैं।
मैनपुरी पुलिस ने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से प्रियंका गाँधी की फ़र्ज़ी ख़बर का खंडन किया है। कहा कि उन्होंने बेवजह इस मुद्दे को जातिवादी रंग दिया। दो पक्षों के बीच जो झड़प हुई थी वो राजपूत परिवार के बीच हुई थी।
पिछले दिनों जॉंच में नमृता के कपड़ों और शरीर पर किसी पुरुष डीएनए के सैंपल मिलने की बात सामने आई थी। आखिरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने भी उसकी हत्या किए जाने की बात पर मुहर लगा दी है।
शिवसेना सांसद संजय राउत का कहना है कि वो महाराष्ट्र के राज्यपाल से मिल चुके हैं। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ़ इंडिया के रामदास अठावले भी राज्यपाल से मिल चुके हैं। अगर अब बीजेपी नेता राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा करने जा रहे हैं, तो उन्हें सरकार बनानी चाहिए।
"अगर सरकार से उन्हें परमिशन नहीं दी गई तो वह तय कार्यक्रम से एक दिन पहले आठ नवम्बर को वाघा स्थित भारत-पाक सीमा से पाकिस्तान जाएँगे, रात को गुरूद्वारे में ठहर कर अगले कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे और फिर अगले दिन गलियारे के ज़रिए भारत वापस आएँगे।"
5 नवंबर बीत जाने के बाद कॉन्ग्रेस नींद से उठी और यह ध्यान आया कि उन्होंने एक और अंतिम तिथि में चूक कर दी। इसके बाद ट्विटर पर यूज़रों ने मौका नहीं गँवाया कॉन्ग्रेस को उसके पूर्व अध्यक्ष से भी बड़ा मज़ाक बताने में, एक ने लिखा कि जल्दी क्या है, अभी तो नया साल पड़ा हुआ है.....
समय आ गया है कि पोलिटिकल साइंटिस्ट का ढोंग करने वाले प्रोपेगंडाबाजों को मान लेना चाहिए कि बहुंसख्यकों की प्रकृति ही सेक्युलर मानी जाती है। अनगिनत पंथों में फैले हुए हिन्दू धर्म ने हमेशा आस्था, विचारधारा, पंथ और मान्यताओं के लिए छतरी का काम किया है। जबकि......
पिछले साल 18 दिसंबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली अदालत के 2013 के फैसले काे पलटते हुए सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।