"आज मैंने गोमांस खाकर पाकिस्तान की खु़शी में भाग लिया। मैं जो खाती हूँ वह मेरी स्वाद का विकल्प है। गोमांस शब्द पढ़ने पर, कृपया न कोई षड्यंत्र शुरू करें और न अपने व्यवहार का परिचय दें।"
"इस बैठक में कश्मीर मसले पर विचारों का आदान-प्रदान होगा। जिसमें आधिकारिक रूप से किसी की बात का कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जाएगा और न ही उन बातों का कोई रिकॉर्ड रखा जाएगा। साथ ही इस बैठक में हुई कोई बातचीत सार्वजनिक नहीं की जाएगी, क्योंकि..."
“मुझे अपने भाई की जगह नौकरी मिली है। मैंने विभाग से अनुरोध किया था कि मुझे मेरे भाई की बंदूक ही दी जाए। नक्सली कायर हैं। मैं दंतेश्वरी फाइटर टीम को जॉइन करना चाहूँगी और अपने भाई की मौत का बदला लेना चाहूँगी।”
मज़े की बात यह कि 2001 में संघ के मुख्यालय पर तिरंगा फ़हराए जाने पर तालियाँ पीटने वाला वायर कश्मीर में तिरंगे की सम्प्रभुता पर उसी साँस में सवाल खड़े कर रहा है! दोगलेपन की ऐसी सानी मिलना मुश्किल है।
11वीं-12वीं शताब्दी के मंदिर में कुतुबुद्दीन ने लड़की को किसी बहाने बुलाया। फिर नशीली दवा खिलाई और कई बार बलात्कार किया। मंदिर की देखरेख करने वाले 2 लोगों ने रंगेहाथ कुतुबुद्दीन को पकड़ लिया और सबूत के तौर पर इसकी रिकॉर्डिंग भी की।
"शेख मुजीब को देखते ही मोहिउद्दीन नर्वस हो गया। उसके मुॅंह से केवल इतना ही निकला, सर आपनी आशुन (सर आप आइए)। मुजीब ने चिल्ला कर कहा-क्या चाहते हो? क्या तुम मुझे मारने आए हो? भूल जाओ। पाकिस्तान की सेना ऐसा नहीं कर पाई। तुम किस खेत की मूली हो?"
हर्षपाल और उनकी टीम ने जम्मू में झज्जर-कोटली में पिछले सितंबर में तीन आतंकवादियों का ख़ात्मा किया था। मुठभेड़ में गोली और छर्रे लगने से वो गंभीर रूप से घायल हो गए थे, पर वो आतंकियों के सामने मज़बूती से डटे रहे और उन्हें मार गिराने तक पीछे नहीं हटे।
बीफ और मांस के ख़िलाफ़ अभियान में यह यूनिवर्सिटी अकेली नहीं है बल्कि कैम्ब्रिज-ऑक्सफॉर्ड के कई कॉलेजों के अलावा कई अन्य अंतरराष्ट्रीय यूनिवर्सिटीज ने 'मीट फ्री मंडे' मनाने का निर्णय लिया है। शाकाहारी भोजन खाने वाले छात्रों को बढ़ावा दिया जा रहा है और...
भारत में एक ब्यूरोक्रेट को मिलिट्री और सुरक्षा सम्बन्धी निर्णय लेने के लिए रखा जाता था। वो ब्यूरोक्रेट किसी भी क्षेत्र से आया हुआ हो सकता था और उसे सेना व सुरक्षा ऑपरेशन्स की कितनी समझ है, इससे कोई लेना-देना नहीं था। इसीलिए सीडीएस का पोस्ट क्रिएट करना आवश्यक था।
गेल के साथ और उनके खिलाफ खेल चुके कई क्रिकेटर भी जब रिटायरमेंट की बधाईयाँ पोस्ट करने लगे तो ICC को आगे आकर स्थिति स्पष्ट करनी पड़ी। गेल को बधाई देने वालों में इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन और भारत के विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा शामिल हैं।