"मेरे दामाद अब्बास के किसी और से अवैध संबंध थे। डेढ़ साल पहले उसने पूरे परिवार की मिलीभगत से मेरी बेटी आरिफा को तलाक दे दिया। फिर आश्वासन दिया कि वह आरिफा का हलाला करवाकर दोबारा अब्बास से निकाह करवा देंगे। 2 दिन पहले उसे मार दिया।"
गुजरात में 40 के क़रीब कॉन्ग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। ऐसा उन्होंने जगन्नाथ यात्रा के दौरान हुई पत्थरबाज़ी की घटना को लेकर किया। इस मामले में कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष परिमल सिंह राणा की चुप्पी को लेकर पार्टी कार्यकर्ता नाराज़ थे।
IAS विजय शंकर से पहले सहायक कमिश्नर एलजी नागराज और एक ग्रामीण अकॉउंटेंट मंजूनाथ को गिरफ्तार किया गया था। इन लोगों पर मंसूर खान से 4.5 करोड़ रुपए लेकर क्लीनचिट देने का आरोप है। इनके अलावा एक पार्षद और बंगलुरू विकास प्राधिकरण के एक अधिकारी को भी गिरफ्तार किया जा चुका है।
छात्राओं ने आरोप लगाया कि हॉस्टल वार्डन उनसे मालिश करने को भी कहती थी। घटना की सूचना मिलते ही हॉस्टल में रहने वालीं सभी 80 छात्राओं के परिजन अपनी-अपनी बच्चियों को वापस घर ले गए।
"एक जज ने कहा था कि संविधान बनाने वाले यह जानते थे कि बहुमत से चुनी गई सरकार तानाशाह होती है। मैंने सार्वजनिक रूप से उनसे पूछा कि आप इस तरह के बयान कहाँ से लेकर आते हैं? हम सुप्रीम कोर्ट के जजों का सम्मान करते हैं लेकिन वे भी हमारा सम्मान करें।"
कॉन्ग्रेस ने अपने मंत्रियों को राज्य में विधायकों को एकजुट रखने की जिम्मेदारी सौंपी है। हर एक मंत्री को तीन-तीन विधायकों की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा विधायकों को भाजपा के प्रलोभन से दूर रहने की सलाह दी गई है। कमलनाथ ने विधायकों को सदन में रहने को कहा।
"एयर इंडिया सभी हजयात्रियों को अपने साथ 5 लीटर के डब्बे में जमजम का पानी लेकर आने देने को बाध्य है क्योंकि यह हज कमिटी और एयर इंडिया के बीच हुई करार का हिस्सा है।"
रामायण और राम के नए विशेषज्ञ पैदा हुए हैं, जो झूठ की खेती से उपजे मक्कारी भरे फ़सल को दिखा कर हमें यह बता रहे हैं कि 'श्री' ग़लत है और 'सिया' सही है। अब हिन्दुओं को इनसे सीखना पड़ेगा कि शिव को 'महादेव' कहना है या 'भोलेनाथ'। ग़लत इतिहास बताने वाले ट्रिब्यून के लेख का भंडाफोड़।
2019 आ गया है। दिल्ली इस तरह की घटनाओं से बुरी तरह से प्रभावित है। किसे दोषी ठहराया जाए? वोट बैंक की राजनीति? आज भी अविश्वास का भाव बना रहता है। तो क्या हौज़ काज़ी, मेरठ, आगरा, मुज़फ़्फ़रनगर, हरियाणा, सूरत, पश्चिम बंगाल और अन्य ऐसी जगहों पर हिंदू परिवारों को उनके साथ रहना चाहिए, जहाँ दूसरे मजहब की आबादी काफी है और जहाँ अब सड़कों पर उन्मादी और अराजक भीड़ निकल रही है।