भगवा ध्वज फहराना दलित उत्पीड़न के अंतर्गत अपराध नहीं है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत दर्ज किए गए एक मामले पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए आरोपित को जमानत दी।
जूता फैक्ट्री चलाने वाले ज़ाहिद ने आरोप लगाया कि उसके समाज के लोगों ने जबरन उसकी फैक्ट्री बंद कराने की कोशिश की और धमकियाँ दीं। इरफ़ान सलीम, शिराज कुरैशी, महमूद ख़ान, राहत अली, नदीम नूर, जुहैर ख़ान, हाजी बिलाल और तालिब शहजाद सहित कई लोगों पर मुक़दमे दर्ज किए गए।
मौलवी आदिल का मानना है कि कश्मीर में कथित आज़ादी के लिए चल रहे 'अभियान' से भी ज्यादा ज़रूरी है ज़ायरा वसीम जैसी लड़कियों को बताना कि वे बॉलीवुड में काम करना छोड़ें। मौलवी ने कहा कि ज़ायरा वसीम जैसी लड़कियाँ इस्लाम के लिए शर्म हैं।
ISIS के झंडे लहराए गए। तबरेज अली के बैनर-पोस्टर के साथ उसे शहीद का दर्जा देने की माँग की गई। इंस्पेक्टर, सीओ और सिटी एसपी से धक्कामुक्की की गई। राहगीरों को परेशान किया गया। पाँच थानों में 70 नामजद सहित हज़ारों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है।
रील वाली जायरा ने रियल में न जाने कितनी 'जायरा' को प्रभावित किया होगा, पर अफसोस! जायरा अपने फैसले से कितना आगे गईं, कितना पीछे, पता नहीं, लेकिन जिन्होंने जायरा के संघर्ष में खुद का भविष्य सोचा होगा, वो लड़कियाँ मानसिक तौर पर बहुत पीछे चली गई होंगी, यह पक्का है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, पहले साज़िश के तहत यह अफवाह फैलाई गई कि एक मुस्लिम व्यक्ति की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई है और उससे जबरदस्ती 'जय श्री राम' बुलवाया गया है। इस अफवाह के बाद मुस्लिम मॉब मंदिर में घुस आई और मूर्तियों को तोड़-फोड़ दिया।
14 फरवरी को हुए पुलवामा अटैक के बाद पूरे देश में जवानों के लिए डोनेशन में काफी वृद्धि दर्ज की गई है। इस साल 18 जून तक ₹242.15 करोड़ की सहायता राशि मिल चुकी है। वीरों के लिए दिए जाने वाले डोनेशन में 12 गुना से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई।
राजस्थान में 5 पाँच दिन पहले मोनू पठान (इरफान) नाम के हिस्ट्री शीटर ने बंदूक की नोक पर नवविवाहित शोभा का अपहरण किया था। जिसके मद्देनजर शोभा के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी, लेकिन कार्रवाई करने की बजाय पुलिस मामले में लापरवाही दिखाती रही।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने प्रियंका शर्मा के भाई राजीब शर्मा द्वारा दायर अवमानना याचिका पर राज्य सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से पूछा है कि मई में उसके आदेश के तुरंत बाद प्रियंका शर्मा को रिहा क्यों नहीं किया गया?
सांसद बनने के बाद खाली हुई सीटों पर कई सांसद अपने परिजनों को उतारने की तैयारी में थे। पार्टी ने इसे भाँपते हुए साफ कर दिया कि किसी भी जीते हुए सांसद के किसी भी रिश्तेदार को टिकट नहीं दी जाएगी। पार्टी के इस फैसले ने इन लोगों के इरादों पर पानी फेर दिया।