हमले में पाँच लोग तीर लगने से घायल हो गए। मो. फजीर और मो. शमशाद को सीने में तीर लगे। पाँचों को पहले तो सदर अस्पताल ले जाया गया लेकिन बाद में उन्हें एमजीएम मेडिकल कॉलेज खुद सिविल सर्जन ले गए।
अलगाववादी समूह की संस्थापक आसिया भारत से कश्मीर के अलगाव के लिए काम कर रही हैं। आसिया को राष्ट्र के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने के मामले में पिछले वर्ष जुलाई में गिरफ्तार भी किया जा चुका है।
कमलनाथ के रिश्तेदारों की खातिरदारी के लिए सीधा मुख्यमंत्री कार्यालय से पत्र आया था, ऐसा अधिकारियों ने दावा किया है। भतीजे के लिए उज्जैन यात्रा में सरकारी अधिकारी, पुलिस दल, एम्बुलेंस सहित कई ऐसी सरकारी सुविधाएँ दी गईं, जो किसी बड़े अधिकारी या कैबिनेट रैंक वाले को...
"गुरुग्राम के मुस्लिम युवक द्वारा झूठे दावे करने के बाद गौतम गंभीर ने त्वरित टिप्पणी करते हुए टॉलरेंस और सेकुलरिज्म की बात की थी जबकि अपने लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिमों द्वारा पत्थरबाज़ी कर बसों को क्षतिग्रस्त करने और खुलेआम गुंडागर्दी करने की घटना पर वह चुप क्यों हैं?"
मुस्लिम समुदाय के महबूब, आज़ाद, इसराइल, मोनीस और अलानूर को पुलिस ने अपने शिकंजे में लिया। इन लोगों ने देवस्थान में मूर्तियाँ खंडित कर दी थीं, देवी-देवताओं की प्रतिमाएँ उठा कर ले गए थे और वहाँ जम कर उत्पात मचाया था।
निसार घर-घर घूम कर अपनी शादी की बातें करता रहता था। वह अपनी चाची शबनम से भी शादी करने की बातें कहता था, जिसे वह टाल जाती थी। निसार को लगता था कि उसकी शादी...
"अगर मेरे को ख़त्म करना है, तो मुझे गोली मार दो।" हरियाणा कॉन्ग्रेस अध्यक्ष की इस बात के बाद बैठक में आज़ाद ने भी कहा कि पार्टी के भीतर कुछ बड़े होने वाले हैं, लेकिन उनकी बात को नज़रअंदाज़ करते हुए कॉन्ग्रेस नेता पूरी मीटिंग में आपस में लड़ते रहे।
स्क्रॉल का लेख उसी समय आ रहा है जब रथयात्रा पर घटिया सवाल उठाने को लेकर The Hindu पहले ही घिरा हुआ है। यह संयोग नहीं, साज़िश है। फार्मूला है हिन्दू धर्म को खात्मे की तरफ ढकेलने का.....
30 मई को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आयोजित हुए शपथ-ग्रहण समारोह में NCP नेता शरद पवार इस नाराजगी के चलते शामिल नहीं हुए थे क्योंकि उन्हें लगा था कि समारोह में उन्हें पाँचवीं पंक्ति में सीट दी गई है। जबकि उनकी सीट V-सेक्शन मतलब VVIP सेक्शन में थी।
समुदाय विशेष के लोगों ने ईद होने और नमाज़ का समय हो जाने की बात करते हुए कहा कि अब उनका त्यौहार आ गया है, इसीलिए लाउडस्पीकर पर भजन नहीं होना चाहिए। श्रद्धालुओं का तर्क था कि वे गाँव के बाहर आकर भजन-कीर्तन कर रहे हैं, जबकि नमाज़ गाँव के भीतर पढ़ी जाती है।