ऑल्टन्यूज़ ने बेहद घटिया हिंदी में दावा किया है कि PM मोदी ने चुनिंदा आँकड़ों के जरिए कोरोना महामारी के मामले में भारत की स्थिति को बेहतर बताने का प्रयास किया है।
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में मीडिया रिपोर्ट्स में किए जा रहे कुछ दावों को सीबीआई ने खारिज कर दिया है। इन दावों में कहा जा रहा था कि सीबीआई अपने निष्कर्ष पर पहुँच गई है।
जैसे ही ये खबर NDTV पर आई, प्रोपेगंडा पोर्टलों ने इसे उठा कर प्रकाशित करना शुरू कर दिया। लेकिन, किसी ने भी स्टोर के मैनेजर या किसी कर्मचारी से बयान लेने की जहमत नहीं उठाई।
ऑल्टन्यूज ने चालाकी से मुद्दा तो हँसने का उठाया, लेकिन फैक्टचेक किसी और फोटो का किया जो एक दो लोग, इस कारण ही शेयर कर रहे थे कि उन्हें भी पता चला राहुल-प्रियंका हँसते हुए जा रहे थे।
राहुल गाँधी और प्रियंका कार से कथित तौर पर पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए जा रहे थे। वीडियो में भाई-बहनों के ठहाके की आवाज सुनाई देती है।
द वायर ने मेडिकल रिपोर्ट के तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया है। सेक्शन 16 के तहत दर्ज पीड़िता के बयान को डॉक्टर का वर्जन बताकर निष्कर्ष निकाला है कि बलात्कार हुआ था।