Wednesday, December 4, 2024

बड़ी ख़बर

भगोड़े मेहुल चोकसी की थाई कंपनी ज़ब्त; ED द्वारा कुल ज़ब्त संपत्ति ₹4,765 करोड़

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मेहुल चोकसी के गीतांजलि समूह की थाईलैंड स्थित कंपनी एबीक्रेस्ट लिमिटेड को ज़ब्त किया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राएँ और भारत का बढ़ता क़द

मनमोहन सरकार का अधिकांश फोकस अमरीका या एशियाई देशों तक ही सीमित रहा, वहीं मोदी ने अपनी विस्तारवादी नीति के अंतर्गत इनोवेशन दिखाते हुए कई देशों का चयन किया, जहां वर्षों तक कोई भारतीय प्रधानमंत्री नहीं गए।

सुनो पप्पू बाबू, संसद तुम्हारे बाप, दादी या परनाना की नहीं

घोटालों को नॉर्मलाइज़ करनेवाली पार्टी आजकल विथड्रावल सिम्पटम से जूझ रही है क्योंकि 'जो घोटाले करते नहीं थे, उनसे घोटाले 'हो जाते' थे,' उनका घोटालों से दूर होना कष्टदायक तो है ही।

माओवंशियों के लिए तो ‘मिसेज़ गाँधी’ कस्तूरबा हुईं, और ‘R’ से उनका पुत्र रामदास गाँधी

अब कोई लक्ष्मणसूर्य पोहा टाइप इतिहासकार ये न कह दे कि कस्तूरबा गाँधी वाक़ई में इतालवी महिला थी जो महात्मा गाँधी से दक्षिण अफ़्रीका प्रवास के दौरान मिली थी और दोनों में प्रेम हो गया।

वामपंथी लम्पट गिरोह चुप रहता है जब ‘गलत’ भीड़ ‘गलत’ आदमी की हत्या करती है

यहाँ न तो दलित मरा, न मुस्लिम। उल्टे तथाकथित दलितों ने पुलिस वाले की जान ले ली क्योंकि उन्हें लगा कि वो जान ले सकते हैं। ये मौत तो 'दलितों/वंचितों' का रोष है जो कि 'पाँच हज़ार सालों से सताए जाने' के विरोध में है।

NIA द्वारा पकड़े आतंकी 25 किलो ‘मसाले’ से चिकन मैरिनेट करने वाले थे

ज़ाहिर तौर पर इन सब चीजों से सब्जी बनाई जाती है, और अलार्म क्लॉक का प्रयोग गरीब बच्चों को पढ़ाई के लिए जल्दी जगाने के लिए किया जाता है। वामपंथी पत्रकार सब परेशान हो गए कि विद्यार्थियों को पकड़ लिया, वो तो रसायन विज्ञान का प्रोजेक्ट बना रहे थे।

सबरीमाला विवाद: जेंडर इक्वालिटी, धार्मिक परम्पराएँ और धर्म

समाज और धर्म को एक ही मानकर, मंदिर को पूर्णतः पर्यटन स्थल मानकर उसमें जेंडर इक्वालिटी का तड़का मत लगाइए। हर बात, हर जगह लागू नहीं होती। अगर हो पाती तो मुस्लिम महिलाएँ भी हर मस्जिद में नमाज़ पढ़ पातीं और एक एनजीओ इसी सुप्रीम कोर्ट में इसे लागू करने के लिए लगातार प्रयत्न करती रहती।

UGC NET द्वारा उमैया खान का हिजाब उतरवाना एहतियात है, भेदभाव नहीं

इस बात पर संविधान का नाम लेकर, ‘शॉविनिस्टिक गवर्मेंट सरवेंट’ की हद तक चली जाती हैं मानो उसका काम आपके धर्म के वैकल्पिक बातों को तरजीह देना हो, न कि इस बात की कि कोई चोरी न करें, हिजाब पहनकर!

सबसे ख़तरनाक होता है राहुल हो जाना!

वैसे भी, किसी की कमी पर ऐसे हँसना सही बात नहीं है। भगवान हर किसी को अलग तरह से बनाता है। किसी को रूप देता है, किसी को बुद्धि। किसी को रूप नहीं देता, किसी को बुद्धि नहीं देता। किसी को एक डिम्पल देता है, तो किसी को दो।

नोटा से किसका फायदा; मतदाता का, अच्छे उम्मीदवारों का या फिर बुरे उम्मीदवारों का?

देश में पांच राज्यों के लिए हुए विधानसभा चुनावों और उसके ताजा परिणामों के बाद एक बार फिर से नोटा (उपर्युक्त में से कोई नहीं) को लेकर बहस छिड़ गई है। ऐसे में इस बात पर चर्चा होना लाजिमी है कि आखिर नोटा से जनता का फायदा है या नुकसान?

ताज़ा ख़बरें

प्रचलित ख़बरें