Monday, December 23, 2024

विचार

‘यह धार्मिक नहीं, राजनीतिक’: मजहबी आक्रामकता की बात करने पर इस्लामी-वामपंथी करते हैं बेतुका दावा, जानिए इस नैरेटिव के पीछे का मूल मकसद

जब भी कोई इस्लामी चरमपंथी या भीड़ उत्पात मचाती है तो विश्व भर के वामपंथियों की तुरंत प्रतिक्रिया होती है और वे इसे नकारने की कोशिश करते हैं।

भारत में रहने वाले सभी लोग यहाँ के मूलनिवासी: शूद्रों यानी ‘दास-दस्यु’ और ‘सबसे निचले पायदान’ वाले नैरेटिव पर डॉ अम्बेडकर का फैक्ट-चेक

विश्व मूलनिवासी दिवस की तिथि जानने भर से भारतीय जाति-व्यवस्था पर फैलाए गए झूठ को नहीं समझा जा सकता है। डॉ अम्बेडकर ने स्पष्ट किया था कि...

चुन-चुनकर हो रही हिंदुओं की हत्या, लेकिन ‘स्क्रॉल’ के लिए यह ‘सामान्य हिंसा’; NYT बता रहा ‘मुस्लिमों का बदला’: बांग्लादेश पर प्रपंच में जुटा...

न्यूयॉर्क टाइम्स ने बांग्लादेश में हिन्दुओं की हत्या को राजनीतिक बताया तो वही स्क्रॉल ने इसे सामान्यीकृत करने की कोशिश की।

हरियाणा चुनाव से पहले एक जुझारू महिला खिलाड़ी को मोहरा बनाते ‘गिद्ध’, जिस गिरोह ने योगेश्वर-उषा-बबीता को दी थी गाली, अब वो नीता अंबानी...

आज विनेश फोगाट के साथ पूरा देश खड़ा है, लेकिन कभी योगेश्वर दत्त, बबीता फोगाट और PT उषा को भला-बुरा कहने वालों ने जिस तरह से जश्न मनाने के नाम पर 'डिजिटल गुंडागर्दी' की, क्या वो माफ़ी माँगेंगे?

10000+ हिंदुओं को काट डाला था सिर्फ 2 दिनों में… इस्लामी छात्रों ने ही तब भी मचाया था आतंक: बांग्लादेश का छात्र आंदोलन कट्टर...

छात्र यदि उपद्रवी हो जाएँ और उसी देश की संपत्ति को तोड़ने फोड़ने लगें, अपनी बात मनवाने के लिए लोगों के कत्लेआम पर उतर आएँ तब इन्हें छात्र कैसे माना जाएगा?

सिर्फ अल्लाह का नाम नहीं रहेगा, न ही ताज/तख्त उछाल पाओगे: वाजिद हो या खान… सिर्फ भारत के नागरिक बन कर रहो, किताब नहीं...

बांग्लादेश मुश्किल में है। महिला प्रधानमंत्री की ब्रा-साड़ी सब लूट ली गई है... ऐसे में एक इस्लामी लिखता है - बस नाम रहेगा अल्लाह का।

समझिए भारत में क्यों नहीं आ सकती बांग्लादेश जैसी स्थिति: कभी ‘हैप्पीनेस इंडेक्स’ पर चिढ़ाने वाला गिरोह आज देख रहा देश में अराजकता के...

नहीं, भारत कभी भी पाकिस्तान, म्यांमार, श्रीलंका या बांग्लादेश नहीं बन सकता। यहाँ वार्ड से लेकर राष्ट्रपति तक का चुनाव उत्सव है। यहाँ लोग विविधता के साथ तारतम्यता में जीते हैं। यहाँ की सेना का अनुशासन और उनकी प्रशिक्षण प्रक्रिया ऐसी है कि तख्तापलट जैसी चीजें सोची भी नहीं जा सकतीं। भारत में लगातार विकास हो रहा है, किसानों को मिल रही सरकारी सहूलियतें उनका जीवन आसान बनाती हैं।

जब नाराज़ सरदार पटेल देना चाहते थे इस्तीफा… एक अस्थायी प्रावधान के लिए कॉन्ग्रेस मना रही ‘काला दिन’: पत्थरबाजी कम, पर्यटन गुलजार, धड़ाधड़ हो...

नवंबर 1947 में केंद्रीय गृह मंत्रालय की अनुमति लिए बिना ही गोपालस्वामी अयंगर ने जम्मू कश्मीर के लिए पंजाब से 150 वाहन मँगा लिए। पटेल नाराज़ हुए।

ये राजनीति ख़ून माँगती है… जाति पूछ-पूछ कर जाति मिटाने की बातें, ध्रुवीकरण के जरिए आँकड़ों को नेता बनाएँगे हथियार: जाति जनगणना पर क्यों...

एक तरफ योगेंद्र यादव 'बाबासाहब के सपनों' की बात करते हुए जाति मिटाने की भी बात करते हैं, दूसरी तरफ ये भी चाहते हैं कि हर कोई अपनी जातिगत पहचान आगे करे। दोनों चीजें एक साथ कैसे हो सकती हैं?

हिन्दुओं के गाँव से लेकर फाइव स्टार होटल तक, समझिए कैसे जमीन हड़पता है वक्फ बोर्ड: कई मंदिरों पर भी इन्हीं का कब्जा, हिन्दुओं...

वक्फ बोर्ड जमीन एवं इमारतें हड़पने एक ऐसा तंत्र है जो कभी सरकारी इमारत, कभी किसी की निजी जमीन तो कभी हिंदुओं के पूरे गाँव पर दावा कर देता है।

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