Monday, December 23, 2024

विचार

पोर्न की जकड़ में बेटा, हैवानियत का शिकार बनी बेटी… लाश देख भी नहीं रोया घरवालों का दिल, लड़के को बचाने में जुटे: खोखले...

पोर्न की सुलभता ने आज स्थिति को भयावह बनाया, बच्चों में भाई-बहन की रिश्तों का लिहाज नहीं बचा। रीवा से आया ये ताजा मामला इस बात का उदाहरण है।

भिंडराँवाले के बाद कॉन्ग्रेस ने खोजा एक नया ‘संत’… तब पैसा भेजते थे, अब संसद में कर रहे खुला समर्थन: समझिए कैसे नेहरू-गाँधी परिवार...

RA&W और सेना के पूर्व अधिकारी कह चुके हैं कि कॉन्ग्रेस ने पंजाब में खिसकती जमीन वापस पाने के लिए भिंडराँवाले को पैदा किया। अब वही फॉर्मूला पार्टी अमृतपाल सिंह के साथ आजमा रही। कॉन्ग्रेस के बड़े नेता जरनैल सिंह के सामने फर्श पर बैठते थे। संजय गाँधी ने उसे 'संत' बनाया था।

अखलाक की मौत हर मीडिया के लिए बड़ी खबर… लेकिन मुहर्रम पर बवाल, फिर मस्जिद के भीतर तेजराम की हत्या पर चुप्पी: जानें कैसे...

बरेली में एक गाँव गौसगंज में तेजराम नाम के एक युवक की मुस्लिम भीड़ ने मॉब लिंचिंग कर दी। इलाज के दौरान तेजराम की मौत हो गई।

कागज तो दिखाना ही पड़ेगा: अमर, अकबर या एंथनी… भोले के भक्तों को बेचना है खाना, तो जरूरी है कागज दिखाना – FSSAI अब...

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कांवड़ रूट में नाम दिखने पर रोक लगाई जा रही है, लेकिन कागज दिखाने पर कोई रोक नहीं है।

हैदराबाद में हिन्दुओं का नरसंहार करने वाले, बांग्लादेश में क्या? समझिए PM शेख हसीना ने दंगाइयों को क्यों कहा ‘रजाकार’, आरक्षण विरोधी हिंसा से...

बांग्लादेश में प्रदर्शनकारी भीड़ ने नारे लगाए, "तुई के? अमी के? रजाकार, रजाकार! के बोलेचे? के बोलेचे? सैराचार- सैराचार ।"

मुस्लिम मुल्कों में चलता है ‘झटका’ मांस? मक्का-मदीना के रास्ते में हाजियों को थूक वाला पानी पिलाते हैं हिन्दू? देवी-देवताओं के नाम से इतना...

ये लोग जो भी हमसे कमाते हैं उससे ही तो इनकी आर्थिक व्यवस्था और स्थिति मजबूत होती है, उसी का इस्तेमाल ये हमारे खिलाफ करते हैं तो फिर हिंदू क्यों मजबूर हो कि वह उनके हाथ का खाए।

आरक्षण पर बांग्लादेश में हो रही हत्याएँ, सीख भारत के लिए: परिवार और जाति-विशेष से बाहर निकले रिजर्वेशन का जिन्न

बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ छात्र सड़कों पर उतर आए हैं। वहाँ सेना को तैनात किया गया है। इससे भारत को सीख लेने की जरूरत है।

मुस्लिम फल विक्रेताओं एवं काँवड़ियों वाले विवाद में ‘थूक’ व ‘हलाल’ के अलावा एक और पहलू: समझिए सच्चर कमिटी की रिपोर्ट और असंगठित क्षेत्र...

काँवड़ियों के पास ये विकल्प क्यों नहीं होना चाहिए, अगर वो सिर्फ हिन्दू विक्रेताओं से ही सामान खरीदना चाहते हैं तो? मुस्लिम भी तो लेते हैं हलाल?

1 साल में बढ़े 80 हजार वोटर, जिनमें 70 हजार का मजहब ‘इस्लाम’, क्या याद है आपको मंगलदोई? डेमोग्राफी चेंज के खिलाफ असम के...

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने तथ्यों को आधार बनाते हुए चिंता जाहिर की है कि राज्य 2044 नहीं तो 2051 तक मुस्लिम बहुल हो जाएगा।

जहाँ सब हैं भोले के भक्त, बोल बम की सेवा जहाँ सबका धर्म… वहाँ अस्पृश्यता की राजनीति मत ठूँसिए नकवी साब!

मुख्तार अब्बास नकवी ने लिखा कि आस्था का सम्मान होना ही चाहिए,पर अस्पृश्यता का संरक्षण नहीं होना चाहिए।

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