खबर ये भी है कि पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी, केपीसीसी प्रमुख एवं वर्तमान सांसद मुल्लापल्ली रामचंद्रन और वरिष्ठ नेता वीएम सुधीरन सहित कई वरिष्ठ कॉन्ग्रेसी नेताओं ने लोकसभा चुनाव लड़ने में अनिच्छा जाहिर की है जिससे कॉन्ग्रेसी नेतृत्व की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
अगर इसी तरह से कॉन्ग्रेस में शामिल हुए नए नेताओं को बधाई दी जाती रही, तो अब कोई यह अनुमान लगा ही सकता है कि कॉन्ग्रेस के अधिकांश नेता अब डूबते जहाज से क्यों कूद कर किनारा ढूँढ रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के कम से कम 15 प्रमुख नेता भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। खास ख़बर ये है कि इन 15 में से 11 ऐसे नेता हैं, जिन्होंने बसपा के टिकट पर विधानसभा और आम चुनाव भी लड़ा है।
मोदी सरकार पर दबाव बनाने के लिए कॉन्ग्रेस अकेले मैदान में नहीं रही बल्कि उसने अपने गोदी मीडिया, सस्ते कॉमेडियन्स, न्यूट्रल पत्रकारों के गिरोह और अवार्ड वापसी गैंग जैसी घातक टुकड़ियों को भी इस प्रक्रिया में एड़ी-छोटी का जोर लगाने पर मजबूर किया।
इस पूरे प्रकरण में एक ओर शीला दीक्षित तो दूसरी ओर राहुल गाँधी, पीसी चाको, अजय माकन और आम आदमी पार्टी दिख रही है।
शीला दीक्षित का कहना है कि उन्हें सर्वे के दौरान जानकारी नहीं दी गई।
एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में शीला दीक्षित ने स्वीकार करते हुए कहा कि मनमोहन सिंह आतंकवाद से लड़ने में उतने कठोर नहीं थे, जितने कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।
अपूर्बा चक्रबर्ती कल रात इस्लामपुर के गुलशन इलाके में अपने किसी रिश्तेदार के यहाँ एक शादी समारोह में गए थे। इसके बाद जब वो लगभग 10 बजे शादी से वापस घर जा रहे थे, तो संदिग्ध TMC गुंडों ने सड़क पर उनके साथ मारपीट की।
ममता ने अपने कार्यकर्ताओं से पोलिंग बूथ पर सतर्क रहने का आदेश दिया है। दरअसल, ममता का तर्क है जब
एक दिन में त्रिपुरा, राजस्थान में चुनाव हो सकते हैं तो बंगाल में क्यों नहीं सकते?
जेटली ने प्रधानमंत्री मोदी के बारे में लिखा है, "अपनी लगातार नई बातों को सीखने की इच्छा के कारण, प्रधानमंत्री न केवल एक प्रभावशाली विद्यार्थी साबित हुए हैं बल्कि उन्होंने विदेश नीति, आर्थिक और रणनीतिक मुद्दों पर भी अपनी पकड़ मज़बूत की।"