इन वीडियोज के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोग पाकिस्तानी डॉक्टर की इन हरकतों को बेफिजूल बता रहे हैं। साथ ही सलाह दे रहे हैं कि उन्हें अब इन मामलों पर सीरियस हो जाना चाहिए।
महिलाओं ने दावा किया कि काफिर समुदाय विशेष पर अत्याचार करते हैं, इसीलिए वो इस वायरस के कारण तबाह हो जाएँगे। महिलाओं ने दावा किया कि इससे उनका तो कुछ नहीं बिगड़ेगा लेकिन काफिरों की तबाही आ जाएगी, इसका उन्हें पूरा विश्वास है।
रक्सौल बॉर्डर पर भारतीय सुरक्षा कर्मियों ने जमातियों को रोकने का प्रयास किया था, मगर सभी जमाती जबरन नेपाल की सीमा में प्रवेश कर गए थे। यह सभी जमाती पाकिस्तान, इण्डानेशिया व भारत के थे। जिन्हें सीमा पार के बाद जालिम मुखिया ने शरण दी और उन्हें 10 बाइकों की व्यवस्था करके ले गया।
"भारत के लोगों ने जिस तरह से इस पर अमल किया, हम उसका समर्थन करते हैं। हमारे पास इसका विस्तृत आँकड़ा नहीं है, लेकिन हमें लगता है कि आप लॉकडाउन के माध्यम से कोरोना के बहुत बड़े प्रकोप को रोकने में सक्षम हैं।"
शव को 45-60 मिनट की अवधि तक 800-1200 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर जलाया जाएगा। मुस्लिम समुदाय के तमाम विरोध के बावजूद भी स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वह शवों के अंतिम संस्कार के आखिरी फैसले को परिवार और मजहब पर छोड़ने की इस माँग को कोरोना वायरस के संक्रमण की असीमित क्षमता को देखते हुए रद्द कर रहे हैं।
इस हत्याकांड को 15 अगस्त 1975 को अंजाम दिया गया था। सजा सुनाए जाने के बाद से मजीद फरार चल रहा था। उसे 7 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में उसने बताया कि वह बीते 4 साल से कोलकाता में छिपा था। फरारी के दौरान वह पाकिस्तान और लीबिया में भी कुछ दिन रहा था।
वीडियो में आप देख सकते हैं कि सैकड़ों पाकिस्तानी दुबई में दूतावास के सामने देश लौटने की माँग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। कुछ अधिकारी समझाते हुए सुनाई दे रहे हैं कि विरोध करने का यह तरीका सही नहीं हैं। इससे आपको भी परेशानी होगी और हमें भी। इससे पाकिस्तान का भी नाम ख़राब होगा।
कोरोना वायरस को हराने के लिए पॉंच टाइम नमाज पढ़ना काफी है। कुछ टिक टॉक यूजर्स के इसी पोस्ट पर राकेश ने कमेंट किया। बरगलाने पर आपत्ति जताई। कट्टरपंथियों को यह रास न आया और परदेस में उन पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा।
इस मामले का एक वीडियो पत्रकार रविन्द्र सिंह रॉबिन ने अपने ट्विटर पर शेयर किया है। मस्जिद में हो रही नमाज को लेकर जब पुलिस ने विरोध किया तो लोगों ने अचानक से पुलिस टीम पर ईंट-पत्थरों से हमला कर दिया। इस दौरान पुलिस को घरों में घुसकर अपनी जान बचानी पड़ी।
भारत ने मंगलवार को इसके निर्यात पर लगी रोक को आंशिक रूप से हटा लिया और गुरुवार को भारत द्वारा भेजी गई 5 टन दवाइयाँ इजरायल पहुँच गईं, जिनमें हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन भी शामिल थी। जिसके बाद नेतन्याहू का ट्वीट आया।