मुसलमानों का मसीहा बनने की कोशिश में महातिर पिछले कुछ समय से भारत के खिलाफ जमकर जहर उगल रहे थे। संयुक्त राष्ट्र महासभा में जम्मू-कश्मीर पर गलतबयानी करते हुए भारत पर कई आरोप मढ़े थे। रोहिंग्या मुसलमानों पर कथित अत्याचार का रोना रोया था।
सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश होने के बावजूद इंडोनेशिया की संस्कृति में रामायण रची-बसी है। यहॉं की रामलीला दुनियाभर में प्रसिद्ध है। कुछ दिनों यहॉं हिंदू यूनिवर्सिटी की शुरुआत की गई है।
स्लोवाकिया देश सिर्फ अपनी बॉर्डर में सिर्फ ईसाई माइग्रेंट्स को ही आने की इजाजत देता है। यानी, अगर देश की सीमा पार करने की कोशिश कोई मुस्लिम करता है, तो उसे भगा दिया जाता है। इससे साफ़ है कि ये देश मुस्लिमों को सीमा में नहीं आने देना चाहता।
वे सार्वजनिक तौर पर कम दिखती हैं। उनकी शख्सियत रहस्यमय है। दावा किया जाता है कि वे आइने में नजर नहीं आतीं और जिन्न पाल रखे हैं। अब उनकी कथित बेदअबी का खामियाजा अधिकारियों को भुगतना पड़ा है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि वो सेनेगल से रवि पुजारी को अपने साथ भारत ला रहे हैं और वो अभी पेरिस में हैं। अधिकारियों ने कहा कि वो एयर फ्रांस की उड़ान से आ रहे हैं और आधी रात तक भारत पहुँच जाएँगे।
"भारत और पाकिस्तान के साथ बिगड़ते रिश्तों के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ज़िम्मेदार हैं और जब तक भारत में मोदी की सरकार रहेगी, तब तक भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट सिरीज़ होना असंभव सी बात है।"
"आज बम बाँध कर फटने वाले ज्यादातर आतंकी आखिर और किस मजहब को मानने वाले हैं? अगर इन में से ज्यादातर मुस्लिम ही हैं तो क्यों नहीं इनकी प्रोफाइलिंग की जाए?"
"मैं वादा करता हूँ कि लिबर्टी और इंडिगो अब जीवन में कभी क्रूरता का सामना नहीं करेंगे, यहाँ तक कि किसी कसाई का हाथ तक उन्हें नहीं छू पाएगा। दोनों की देखरेख एक फार्म में की जाएगी। वो जैसे-जैसे बड़े होंगे, हमें याद आता रहेगा कि कुछ दोस्तियाँ अचानक से कहीं भी हो जाती हैं।"
झा लियू के ट्वीट पर चीन से ही जुड़े एक ट्विटर यूज़र ने चीन की सरकार पर कटाक्ष करते हुए लिखा- "हाँ हम जानते हैं कि यह बस एक गंभीर सर्दी-जुकाम मात्र है और हम इससे डरे हुए नहीं हैं। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि फिर भी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) ने लगभग हर इंसान को घर में कैद कर रखा है
जर्मनी में समुदाय विशेष को लेकर विरोध-प्रदर्शन चल रहे हैं। फ्रांस ने विदेशी इमामों को देश में नहीं आने देने का फरमान सुनाया है। ऐसा आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए किया गया है।