मुजफ्फराबाद में एक दिन में पाक पुलिस का बर्बर चेहरा दूसरी बार सामने आया। पत्रकारों को न केवल पीटा गया, बल्कि उनके उपकरण भी तोड़ दिए गए। पत्रकारों ने जानबझूकर निशाना बनाने का आरोप लगाया है।
जमशेद महमूद जामी ने बताया कि उसका रेप एक बड़े मीडिया कारोबारी ने किया था, उसकी इसी बात पर पाकिस्तानी मीडिया की कई वेबसाइट्स ने कोई चर्चा तक नहीं की। इसपर अपने ट्वीट में लिखते हुए जामी ने बताया "अधिकांश चैनलों से यह स्टोरी एक ही साथ गायब हो गई।
इसके पहले रविवार (20 अक्टूबर, 2019) को भारतीय सेना ने LOC के उस पार तंगधार और मेंढर सेक्टरों के आमने सामने स्थित 4 आतंकी लॉन्च पैडों को नेस्तनाबूद कर दिया था।
"यह गंभीर चेतावनी है इस मुल्क को और ये जंग खौफनाक हो सकती है। ये कन्वेंशनल युद्ध नहीं होगा। जो अक्ल के अंधे ये समझ रहे हैं कि 4-6 दिन टैंक, तोपें चलेंगी या हवाई जहाज, एयर अटैक होंगे या नेवी के गोले चलेंगे... नो वे!"
भारतीय ऑइल इंडस्ट्री के इस फ़ैसले के बाद मलेशिया के बाजार पर ख़ासा नुकसान पड़ा है और अब वहाँ की सरकार डैमेज कण्ट्रोल में जुट गई है। कई भारतीय कम्पनियाँ पाम ऑइल के लिए मलेशिया की जगह अब इंडोनेशिया का रुख कर रही हैं।
पाकिस्तान को अंदाज़ा नहीं था कि भारत इस फायरिंग का ऐसा जवाब देगा कि पाकिस्तानी फ़ौज फिर से ऐसी हिमाकत करने से पहले कई बार सोचेगी। पाकिस्तान ने अमेरिका से कहा है कि भारत दक्षिण एशिया को एक खतरनाक युद्ध की ओर ढकेल रहा है।
"प्रत्येक राजनीतिक दल और व्यापारी, शिक्षक, डॉक्टर तथा मजदूर सहित सभी तबकों के लोग, सरकार की नीतियों से नाखुश हैं। इससे मुझे लगता है कि इमरान खान अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएँगे।"
पुलिस अधीक्षक सरकार एमडी कैसर ने चार लोगों की मौत की पुष्टि की है। इनमें मदरसा छात्र महबूब (14 वर्षीय), कॉलेज छात्र शाहीन (23 वर्षीय), महफूज़ (45 वर्षीय) और मिज़ान (40 वर्षीय) शामिल हैं। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया है कि जो लोग मारे गए थे, वे उन्हीं के आदमी थे।