पाकिस्तान की जनता में बढ़ते महँगाई को लेकर आक्रोश बढ़ता जा रहा है। जनता बेसिक सुविधाओं के लिए मुँहताज हो रही है और इमरान खान अभी भी इस समस्या से न निपटकर भारत के आतंरिक मामले कश्मीर में दखल के लिए दूसरे देशों से समर्थन न दिए जाने के बावजूद भी चक्कर लगा रहे हैं।
भूकंप के कारण पाकिस्तान के इस्लामाबाद, रावलपिंडी, मुर्री, झेलम, चारसद्दा, स्वात, खैबर, एबटाबाद, बाजौर, नौशेरा, मनसेहरा, बत्तग्राम, तोगर और कोहितान में तेज झटके महसूस किए गए।
पाकिस्तान में लंबे समय से अहमदिया समुदाय पर अत्याचार हो रहा है। उन्हें साल 1974 में संविधान में संशोधन के साथ गैर मुस्लिम घोषित कर दिया गया था। इसके बाद 1984 में जनरल मुहम्मद जिया-उल-हक के शासन में एक सख्त अध्यादेश जारी किया गया था। जिसमें कहा गया था कि अगर कोई अहमदिया खुद को मुस्लिम बताएगा, तो वो अपराध की श्रेणी में आएगा।
पुलवामा में आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने बालाकोट के आतंकी ठिकानों पर बम बरसाए थे। यह पहला मौका है जब सार्वजनिक तौर पर इमरान ने यह बात कबूली है। इससे पहले कम से कम दो मौकों पर उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से एयरस्ट्राइक की बात मानी थी।
एक अति-उत्साही पाकिस्तानी पत्रकार ने अपने देश की बेइज्जती करवा दी। उसने कश्मीर को लेकर ट्रम्प के सामने पाकिस्तानी प्रोपगेंडा चलाने की कोशिश की, लेकिन इससे इमरान का ही मज़ाक बन गया। मजबूरी में पाकिस्तानी चैनलों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का प्रसारण ही रोक दिया।
नमृता सिंध के घोटकी शहर से थी, जहाँ हाल ही में एक मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी। उसका शव 17 सितंबर को हॉस्टल के कमरे से संदिग्ध हालत में मिली थी। इस मामले में उसके दो सहपाठी गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें से एक नमृता का क्रेडिट कार्ड भी इस्तेमाल करता था।
फ़वाद ने ट्वीट में लिखा, "मोदी जनता का निराशाजनक शो। लाखों रुपए खर्च करने के बाद ये लोग केवल यूएसए, कनाडा और दूसरी जगहों से लोगों को इकट्ठा कर सकते हैं। लेकिन यह दिखाता है कि पैसों से सब कुछ नहीं खरीदा जा सकता।" इसके साथ उन्होंने #ModiInHouston हैशटैग का भी इस्तेमाल किया।
"भारतीय मूल के लोग अमेरिका के हर सेक्टर में काम कर रहे हैं, यहाँ तक कि सेना में भी। भारत एक असाधारण देश है और वहाँ की जनता भी बहुत अच्छी है। हम दोनों का संविधान 'We The People' से शुरू होता है और दोनों को ही ब्रिटिश से आज़ादी मिली।"
इमरान ख़ान सऊदी क्राउन प्रिंस के स्पेशल प्लेन से अमेरिका पहुँचे। फिर भी इमरान ख़ान के लिए रेड कार्पेट नहीं बिछा। वहीं पीएम मोदी के लिए यह तो बिछा ही, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी उनके सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
बलूच, सिंधी, पश्तो, जो कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समूह हैं, दशकों से पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान के हाथों उत्पीड़न का दंश झेल रहे हैं और अब पीएम मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मदद माँग रहे हैं। इन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान उनके समुदायों के ख़िलाफ़ मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन कर रहा है।