अपने तीखे हमलों के लिए अमेरिका ही नहीं, पूरी दुनिया में जाने जाने वाले ट्रम्प ने इन्हें नज़रंदाज़ करने की बात करते हुए कहा, "ये इतने मूर्ख हैं कि इन्हीं के लिए शैम्पू की बोतल जैसी सरल चीज़ पर भी इस्तेमाल करने का तरीका लिखा जाता है।"
पाकिस्तान ने वियना संधि का सीधा-सीधा उल्लंघन करते हुए भारत द्वारा कुलभूषण जाधव को किसी भी प्रकार का क़ानूनी मदद (काउंसलर एक्सेस) मुहैया कराने की अनुमति नहीं दी। जब कुलभूषण की माँ और पत्नी उनसे मिलने गई, तब उनके साथ भी दुर्व्यवहार किया गया।
पाकिस्तान के अतीत को देखते हुए उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। पाकिस्तान ने पहले भी हाफिज को गिरफ्तार किया है। लेकिन, कभी अदालत में उसके खिलाफ ठोस साक्ष्य पेश नहीं किए। नतीजतन, उसे हर बार जमानत मिल जाती है।
भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में जाधव तक कॉन्सुलर एक्सेस न देने को लेकर पाकिस्तान के ख़िलाफ़ याचिका दायर की और सैन्य अदालत के फैसले को चुनौती दी। 15 मई, 2017 को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने भारत और पाकिस्तान की दलीलें सुनने के बाद मामला सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया।
क्रेकर का असली नाम नजामुद्दीन अहमद फराज है। उत्तरी इटली के बोल्ज़ानो में एक अदालत ने उसकी गैरमौजूदगी में सोमवार (जुलाई 15, 2019) को उसे आतंकवाद की साजिश के लिए 12 साल की सजा सुनाई। मुल्ला क्रेकर के पाँच अन्य साथियों को भी सजा सुनाई गई है। क्रेकर के अलावा, दो अन्य अपराधी नॉर्वे में रहते हैं, जबकि अन्य तीन इंग्लैंड में रह रहे हैं।
आँकड़ों के अनुसार, साल 2019 के अप्रैल-जून के दौरान चीन की जीडीपी वृद्धि दर 6.2% रही, जबकि पहली तिमाही में यह 6.4% थी। इससे कम वृद्धि दर 1992 की जनवरी-मार्च तिमाही में दर्ज की गई थी।हालाँकि, जीडीपी के यह आँकड़े पूरे साल के लिए सरकार के छह से 6.5% के लक्ष्य के अनुरूप हैं।
रोजाना 5,000 श्रद्धालुओं को गुरुद्वारे में दर्शन करने की अनुमति देने पर सहमति बनी। वहीं, पाकिस्तान से अनुरोध किया गया है कि 10,000 अतिरिक्त तीर्थयात्रियों को विशेष अवसरों पर जाने की अनुमति दी जाए।
पाकिस्तान, ईरान और सऊदी अरब जैसे कई इस्लामिक देश ऐसे हैं, जिन्होंने मुस्लिमों पर हो रहे इन कथित अत्याचारों पर चुप्पी साध रखी है। इसकी वजह शायद चीन का इन देशों में भारी निवेश है। चीनी निवेश इन देशों को आर्थिक संकट से उबारने में बहुत महत्वपूर्ण है।
पाकिस्तानी एयरस्पेस के बंद होने के कारण रोजाना करीब 400 विमानों के परिचालन पर प्रभाव पड़ रहा है। इसके कारण जून के अंत तक पाकिस्तान को 700 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। पहले से ही आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्तान की हालत इससे और चरमराई हुई है।