चीनी मुस्लिमों के लिए हज की तरह महत्व रखने वाला एक पवित्र स्थल आज खाली इसीलिए पड़ा हुआ है क्योंकि इसे ढाह दिया गया है। चीन ने इमाम आसीन दरगाह के गुम्बद को छोड़ कर इसके बाकी हिस्से को मिट्टी में मिला दिया है। यहाँ लगे झंडे और चढ़ावे गायब हो गए हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति द्वारा जेइएम चीफ मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध किए जाने के कुछ ही दिन बाद फ्रांसेस्का मैरिनो की यह रिपोर्ट आई है।
यह एक आत्मघाती हमला था, जिसमें सूफी दरगाह की सुरक्षा में लगे 'इलीट फ़ोर्स' की गाड़ी को निशाना बनाया गया। ये धमाका सुबह 8.45 के क़रीब हुआ, जब पुलिस की मोबाइल वैन दरगाह के पास पार्क की गई थी। शुरूआती जाँच से पता चला है कि इस हमले में 7 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री का प्रयोग किया गया।
कुछ दिन पहले सड़क पार करते समय एक पूर्व सैनिक ने मुस्लिम समझकर उसके परिवार पर अपनी कार से हमला कर दिया था। इसके बाद महज 8 दिनों के भीतर क्राउड-फंडिंग के जरिए धृति के इलाज के लिए 6 लाख डॉलर (करीब 4.17 करोड़ रुपये) से ज्यादा जुटाए जा चुके हैं।
आतंकी संगठन से जुडी 700 करोड़ रुपए की सम्पत्तियाँ चिह्नित की गई हैं और 14 करोड़ रुपए नकद बरामद किए गए हैं। कुल 73 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, जिनमें 9 महिलाएँ भी शामिल हैं।
इन लड़कियों से पहले तो फ़र्ज़ी शादी का कॉन्ट्रैक्ट किया जाता है, फिर इन्हें चीन ले जाकर देह व्यापार की काली इंडस्ट्री में धकेल दिया जाता है। पाकिस्तान की इस कार्रवाई को चीन द्वारा मसूद अज़हर मामले में भारत के सामने झुकने से जोड़ कर देखा जा रहा है।
दुर्घटना की जाँच में जुटी टीम की प्रवक्ता स्वेतलाना पेट्रेन्को द्वारा दी जानकारी के मुताबिक विमान में मौजूद 78 लोगों में 37 लोग जिंदा हैं यानि 41 लोगों की मौत हुई हैं।
कुछ दिनों पूर्व श्री लंकाई सेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल महेश सेनानायके की टिप्पणी आई थी, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि ईस्टर हमले के संदिग्ध भारत में कश्मीर गए थे और उन्होंने केरल राज्य की यात्रा भी की थी।
गृह मंत्री ने बताया कि देश में मौजूदा स्थिति को देखते हुए वीजा प्रणाली की समीक्षा की गई, जिसमें धार्मिक उपदेशकों यानी मौलवियों आदि के लिए वीजा प्रतिबंधों को और अधिक कड़ा करने का फैसला किया गया है।