ET ने दावा किया कि सरकार दूसरी वेव को मानने से इंकार कर रही थी इसलिए वह इस स्थिति के लिए उत्तरदायी है। अपने इस दावे को सही साबित करने के लिए उन्होंने प्रोफेसर को गलत तरीके से कोट किया।
कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के बीच एडिटर गिल्ड का ये बयान मीडिया के रवैये से थोड़ा विरोधाभासी है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस महामारी में कई पत्रकार अपनी मर्जी से जनता तक जानकारियाँ पहुँचाने के काम में लगे रहे।