"मेरे टोपी वाले भाइयों, कब निकलेंगे टोपियाँ पहन-पहनकर सड़क पर। हम 2 दिन सड़क पर उतर आएँ तो हिन्दुस्तान पूरा बंद हो जाए। खाली निकलना है सड़क पर। चालीस करोड़ लोग हैं हम, वैध और अवैध मिलाकर... एक बार निकलना है खाली।"
पायल ने लिखा है कि शायद यही वजह है कि उनका परिवार उन्हें हिन्दुओं के बारे में बात करने से रोकता है। साथ ही, पायल रोहतगी ने मुंबई पुलिस पर पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाने का भी आरोप लगाते हुए लिखा कि इसी कारण से वो हिन्दू होने के नाते इस देश में असुरक्षित महसूस करती हैं।
“मीडिया का एक सेक्शन है जो दीमक की तरह हमारे देश में लगा है। ये जो दोगली मीडिया है, बिकाऊ मीडिया है, जो ख़ुद को लिबरल कहती है, सेकुलर कहती है और कुछ भी नहीं है दसवीं फेल है... ये लोग सूडो लिबरल हैं और ये लोग बिल्कुल भी सेकुलर नहीं हैं।”
सेमीफाइनल मैच में रविंद्र जडेजा की पारी काफी सराहनीय रही। इसके बाद संजय माँजरेकर ने एक ऐसा ट्वीट कर दिया जिससे सभी क्रिकेट प्रेमी भड़क गए और अपनी प्रतिक्रियाएँ देने लगे।
मीडिया संस्थानों ने भी गौ तस्करी के इस मामले को इस प्रकार पेश किया जैसे गायों को वाहनों के जरिए ले जाने वाले लोग 'निर्दोष पशु व्यापारी' थे, जिन्हें कुछ गौ रक्षकों ने पकड़कर प्रताड़ित किया।
पाकिस्तान की एक पत्रकार नायला इनायत ने अपने ट्विटर हैंडल से इस कार्यक्रम का एक वीडियो क्लिप शेयर किया। ट्विटर पर यह वीडियो शेयर होते ही यूजर्स ने इसे हाथों हाथ लिया और जमकर मजाक उड़ाया। लोगों ने कमेंट करते हुए कहा कि कहा कि ये न्यूज चैनल है या कॉमेडी शो।
यह पहली बार नहीं है जब किसी सत्ता विरोधी और कॉन्ग्रेस-वादी, चाहे वो पत्रकार हो, लेखक हो, या फिर सोशल मीडिया पर दिन रात सरकार की नीतियों में 'मुस्लिम विरोधी नजरिया' तलाशने वाला कोई कॉन्सपिरेसी थ्योरी एक्टिविस्ट हो, ने अपनी गलती स्वीकार करने की जगह उल्टा अपने दुराग्रहों से दूसरों पर कीचड़ उछालने का काम किया हो।
"जिस देश में गाँधी विचारधारा का नेतृत्व करने वाले नेता को लोग अनसुना एवं अनदेखा कर दें, उस देश में जीने का कोई मतलब नहीं रह जाता है। मुझे देश की न्याय प्रणाली पर विश्वास है और इच्छा मृत्यु की अनुमति चाहिए।"