Tuesday, June 18, 2024
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नेता खाएँ मलाई इसलिए कॉन्ग्रेस के साथ AAP, पानी के लिए तरसते आम आदमी को दोनों ने दिखाया ठेंगा: दिल्ली जल संकट में हिमाचल का खेला

सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल सरकार पलट गई और कहा कि उसके पास एक्स्ट्रा पानी नहीं है। ऐसे में पार्टियों और सरकारों की आपसी नूरा-कुश्ती में आम जनता पिस रही है और वो प्यास से तड़प रही है।

सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में जल संकट को लेकर एक ऐसे मामले की सुनवाई कर रहा है, जिसमें हर रोज राज्य सरकारें ही अपनी बातों से पलट जा रही हैं। शुरुआत में दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट ये कहकर पहुँची थी कि हिमाचल प्रदेश सरकार उसे 136 क्यूसेक पानी दे रही है, लेकिन हरियाणा सरकार उसे दिल्ली में नहीं आने दे रही है। अब हिमाचल प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि उसके पास एक्स्ट्रा पानी है ही नहीं, तो वो दिल्ली को क्या ही देगा?

इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को जब टैंकर माफिया के मुद्दे पर घेरा और उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए पूछा, तो पहले तो दिल्ली सरकार ने ये बहाना बनाया कि टैंकर माफिया पर उसका बस नहीं चलता, क्योंकि दिल्ली पुलिस उसके कब्जे में नहीं है, लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को डाँटा कि अगर तुम कार्रवाई नहीं कर सकते, तो हम दिल्ली पुलिस को कार्रवाई का आदेश देंगे, इसके बाद अब दिल्ली सरकार ने कहा है कि टैंकर माफिया तो यमुना के उस पार यानी हरियाणा से ऑपरेट करते हैं, वो दिल्ली सरकार का इलाका ही नहीं है।

वैसे, ये साफ है कि लोकसभा चुनाव तक दिल्ली और हिमाचल की सत्ताधारी पार्टियाँ एक पक्ष में खड़ी थी। उन्होंने हरियाणा को घेरने की भरपूर कोशिश की। हिमाचल प्रदेश सरकार के वादे को लेकर दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुँची थी और कहा था कि हिमाचल सरकार पानी दे रही है, लेकिन हरियाणा उसे दिल्ली तक नहीं पहुँचने दे रहा, लेकिन अब जब कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अलग-अलग चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है, तो सुप्रीम कोर्ट में भी हिमाचल सरकार पलट गई और कहा कि उसके पास एक्स्ट्रा पानी नहीं है। ऐसे में पार्टियों और सरकारों की आपसी नूरा-कुश्ती में आम जनता पिस रही है और वो प्यास से तड़प रही है।

बता दें कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की सरकार को डाँट भी लगाई थी कि कोर्ट में सरकार झूठ बोल रही है। दिल्ली सरकार न तो टैंकर माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई कर रही है और न ही जल संकट से निपटने के लिए कोई स्थाई कदम उठा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने तो यहाँ तक कहा था कि दिल्ली सरकार अगर कार्रवाई नहीं कर रही है, तो बता दे, खुद सुप्रीम कोर्ट दिल्ली पुलिस को टैंकर माफिया के खिलाफ कार्रवाई के आदेश देगी। अब सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार ने एक और दावा किया है कि दिल्ली में सक्रिय टैंकर माफिया सारे हरियाणा वाले हैं और वो दिल्ली को नुकसान पहुँचा रहे हैं।

बहरहाल, अभी सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वो अपर यमुना रिवर बोर्ड से अपील करे कि वो ज्यादा पानी दिल्ली के लिए छोड़े। चूँकि सुप्रीम कोर्ट पानी के बँटवारे की एक्सपर्ट नहीं है, इसलिए यमुना के पानी के बँटवारे की जिम्मेदारी अपर यमुना रिवर बोर्ड पर छोड़ दें। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि वो जल संकट से निपटने की क्या कोशिशें कर रही है, जिसके बाद दिल्ली सरकार ने हलफनामा दायर किया है और कहा है कि वो दिल्ली में पानी की बर्बादी रोकने के लिए कदम तो उठा रही है, लेकिन यमुना पार सक्रिय हरियाणा के टैंकर माफिया की वजह से पानी ही नहीं मिल पा रहा है और वो उनके खिलाफ कोई कदम इसलिए नहीं उठा पा रही, क्योंकि वो इलाका हरियाणा का है।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ही सभी सरकारों को डाँट लगाई थी कि वो उसके सामने झूठ बोला जा रहा है, लेकिन दिल्ली में सत्ता संभाल रही आम आदमी पार्टी और हिमाचल की सत्ताधारी कॉन्ग्रेस पार्टी की सरकारें अब भी अपना बयान बदलती जा रही हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या कदम उठाती है, ये देखने वाली बात होगी।

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श्रवण शुक्ल
श्रवण शुक्ल
Shravan Kumar Shukla (ePatrakaar) is a multimedia journalist with a strong affinity for digital media. With active involvement in journalism since 2010, Shravan Kumar Shukla has worked across various mediums including agencies, news channels, and print publications. Additionally, he also possesses knowledge of social media, which further enhances his ability to navigate the digital landscape. Ground reporting holds a special place in his heart, making it a preferred mode of work.

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