चुनाव के चलते पॉलिटिक्स से जुड़ी ‘फेक खबरें’ इन दिनों आपको सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड करती दिखती होंगी। जहाँ बिना किसी आधार पर एक पढ़े-लिखे समुदाय द्वारा नेटिजन्स को बरगलाने का काम किया जाता है। कुछ समय पहले प्रियंका की रैली में जनसैलाब दिखाकर भी ऐसा ही प्रोपेगेंडा चलाने की कोशिश की गई थी। और अब फिर एक बार पत्रकारों के गिरोह ने अपनी भेड़ चाल का एक प्रत्यक्ष सबूत दे दिया है।
दरअसल सोशल मीडिया पर एक फेक न्यूज आई कि मक्का मस्जिद बम मामले में स्वामी असीमानंद को बरी करने वाले सेवानिवृत्त एनआईए जज रविंद्र रेड्डी भाजपा में शामिल हो रहे हैं। इस खबर के पीछे की सच्चाई को बिना जाने इसे ‘शर्मनाक खबर’ बनाकर कई पत्रकारों ने अपनी खबरों के प्रति ‘गंभीरता’ का प्रत्यक्ष उदाहरण दिया।
वामपंथी विचारधारा से लबरेज स्क्रॉल वेबसाइट के ‘जागरूक पत्रकार’ सौरव दत्ता ने मंगलोर वॉयस का एक स्क्रीनशॉट शेयर किया। जिस पर ट्वीट करते हुए सौरभ ने लिखा कि असीमानंद को बरी करने वाले एनआईए जज रविंद्र रेड्डी, बीजेपी में शामिल हो गए हैं।
इस ट्वीट को सोशल मीडिया पर एक घंटे के भीतर 350 से ज्यादा बार रिट्वीट किया गया। इस सूची में कई दिग्गज पत्रकार भी शामिल थे।
किसी ने भी जानने की कोशिश नहीं कि क्या रेड्डी ने वाकई भाजपा ज्वाइन की है, या सब सिर्फ़ फेक न्यूज का हिस्सा है। इस सूची में समर हलरंकर का भी नाम शामिल है।
मिहिर शर्मा, जो आमतौर पर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने के लिए और तरह-तरह झूठ फैलाने के लिए पहचाने जाते हैं उन्होंने ने भी इसे रिट्वीट करते हुए ’बनाना रिपब्लिक’ का नाम दिया।
इस खबर को देखते ही कई लोगों ने इस फेक न्यूज़ को फैलाने में सौरभ की मदद करते हुए सवालिया निशान लगाकर शेयर किया। अपने बड़े-बड़े सूत्रों से इस खबर की सच्चाई का पता लगाने की बजाए ट्वीट को शेयर करने में एक नाम स्वाति चतुर्वेदी का भी है। रिट्वीट करने के बाद स्वाति को रविंद्र रेड्डी नामक शख्स से हकीकत पता चलने के बाद उन्होंने भी इस ट्वीट को डिलीट किया।
इस खबर की सच्चाई जानने की जगह इसे शेयर करने में एक नाम एनडीटीवी की जानी-मानी पत्रकार निधि राज़दान का भी है। जिन्हें स्वाति की तरह ही अपना ट्वीट बाद में डिलीट करना पड़ा था।
इसके बाद वॉल-स्ट्रीट जर्नल के स्तंभकार, जो आमतौर पर हजार बार तब तक झूठ बोलना पसंद करते हैं, जब तक कि वह झूठ सच नहीं हो जाता। साथ ही सदानंद धुमे, ने भी दत्ता के ट्वीट के आधार पर ट्वीट किया है।
सोशल मीडिया पर थोड़ी देर तक ट्वीट-रिट्वीट का सिलसिला चलता रहा। थोड़ी देर बाद सौरव दत्ता ने अपनी गलती मानते हुए कहा कि दरअसल उन्होंने जॉन दयाल के एक फेसबुक पोस्ट के आधार पर ऐसा ट्वीट किया। दयाल भी समाज के उन जागरूक लोगों की श्रेणी के एक नाम हैं, जिन्होंने बिना खबर की सच्चाई को जाने सोशल मीडिया पर शेयर किया। जॉन के पोस्ट को भी फेसबुक पर 250 से ज्यादा शेयर मिले हैं।
इस पोस्ट को आधार बनाकार आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने भाजपा पर निशाना साधने की पुरजोर कोशिश की।
अब आपको अंत में इस खबर की सच्चाई बता दें कि आखिर जिसे समाज के जागरूक तबके ने रेड्डी कहकर फेक न्यूज फैलाने की कोशिश की, वो दरअसल में रेड्डी न होकर वास्तव में छत्तीसगढ़ कॉन्ग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष राम दयाल उइके का है जो पिछले साल अक्टूबर में भाजपा में शामिल हुए थे।
Congress Chhattisgarh working president and Pali-Tanakhar MLA, Ramdayal Uike joined BJP in presence of Amit Shah and CM Dr.Raman Singh pic.twitter.com/m2MuwrTraO
— ANI (@ANI) October 13, 2018
जिस रेड्डी के भाजपा में शामिल होने पर बीजेपी पर इतने सवाल उठाए गए, तरह-तरह की बातें की गईं। वो वास्तविकता में तेलंगाना जन समिति में शामिल हो गए हैं, जो कॉन्ग्रेस की सहयोगी है।
इस खबर के मूल हकीक़त को परखे बिना इसे सोशल मीडिया पर शेयर करना दिखाता है कि आजकल सोशल मीडिया का इस्तेमाल किस प्रकार फेक न्यूज को फैलाने के लिए किया जा रहा है।