कुछ दिन पहले ही अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने एक विवादित बयान देकर ‘असहिष्णुता’ की चर्चा को एकबार फिर चिंगारी दे दी है। उन्होंने कहा कि वो एक ऐसी परिस्थिति के बारे में चिंतित हैं जहाँ उनके बच्चों को उग्र भीड़ घेरकर उनसे पूछ रही है कि उनका धर्म हिन्दू है या मुस्लिम? उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय समाज में ज़हर फ़ैल चुका है। मशहूर अभिनेता के बयान ने बहुत सारी प्रतिक्रियाओं को निमंत्रण दे दिया है। बॉलीवुड से भी बहुत से लोगों ने इस पर प्रतिक्रिया दी है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो डायरेक्टर मधुर भंडारकर और आशुतोष राणा भी नसीरुद्दीन शाह के ‘समर्थन में खड़े हो गए हैं’। इंडियन एक्सप्रेस के एक लेख की हेडलाइन थी, ‘कानून और व्यवस्था पर शाह के बयान के बाद आशुतोष राणा, मधुर भंडारकर ने दिखाई एकजुटता’। जबकि ‘Quint’ ने लिखा कि आशुतोष राणा, मधुर भंडारकर और अन्य लोगों ने किया नसीरुद्दीन शाह का बचाव’। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि मधुर भंडारकर ने नसीरुद्दीन शाह का बचाव किया। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने लिखा है कि ‘आशुतोष राणा, मधुर भंडारकर ने नसीरुद्दीन शाह के बयान का बचाव किया’।
लेकिन ये सभी रिपोर्ट्स मधुर भंडारकर के कथन का विकृत स्वरूप हैं। भंडारकर ने नसीरुद्दीन शाह के बयान का समर्थन नहीं किया बल्कि सिर्फ उनकी अभिव्यक्ति के अधिकार का बचाव किया है। भंडारकर ने लखनऊ में मीडिया से बातचीत के दौरान बयान दिया, जिसका विडियो ANI द्वारा यूट्यूब पर डाला गया है। विडियो में मधुर भंडारकर कह रहे हैं, “सबका अपना-अपना मत है और सबको अभिव्यक्ति का अधिकार है। हम लोकतंत्र में रह रहे हैं। मुझे नहीं लगता है कि इस तरह का कोई डर है। मेरा मानना है कि भारत में सब बराबर हैं और यही उसका नज़रिया है। हमारे देश के बारे में यही ख़ास बात है कि हर कोई अपना विचार रख सकता है। मुझे नहीं लगता है कि यहाँ पर असहिष्णुता जैसी कोई चीज है।’’
फ़िल्म निर्माता मधुर भंडारकर कह रहे थे कि वो नसीरुद्दीन शाह की बात से समर्थन नहीं रखते, लेकिन वो शाह के अभिव्यक्ति के अधिकार का समर्थन करते हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उन्हें देश में असहिष्णुता जैसी कोई बात नज़र नहीं आती है।
इसी तरह से आशुतोष राणा ने भी नसीरुद्दीन शाह की बात का समर्थन नहीं किया था, जैसे कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दिखाया गया है। उनके विडियो में दिए गए बयान में साफ़ नज़र आता है कि वो शाह के बयान की प्रतिक्रियों के बारे में कह रहे थे।
आशुतोष राणा ने कहा कि अगर कोई कुछ कह रहा है, तो उसे बेवजह परेशान नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों के पास बिना डरे हुए अपने विचारों को अभिव्यक्त करने का अधिकार होना चहिए, न कि ये कहा है कि देश में डर, असहिष्णुता का माहौल है, और वो नसीरुद्दीन शाह के बयान का समर्थन करते हैं।
ज्ञात हो कि ANI ने 23 दिसम्बर को एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसका टाइटल था – ‘मधुर भंडारकर ने किया नसीरुद्दीन शाह के बयान का बचाव’। लेकिन अब ANI ने अपनी वेबसाईट से ये आर्टिकल हटा लिया है। गूगल सर्च रिज़ल्ट में यह आर्टिकल नज़र आ रहा है, लेकिन उस पर क्लिक करने पर सिर्फ ‘error 404’ दिख रहा है।
शायद ANI ने मुद्दे की वास्तविकता को भाँपकर इस आर्टिकल को हटा दिया होगा, हालाँकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स अभी तक अपनी भ्रामक हेडलाइंस पर क़ायम हैं।