इटली में घातक कोरोना वायरस COVID-19 के फैलते जाने के बीच सोशल मीडिया में इस वायरस के फैलने के पीछे पाकिस्तानी प्रवासी को जिम्मेदार ठहराने की खबरें चल पड़ीं हैं। सोशल मीडिया में “पेशेंट जीरो” यानी वो मरीज जिसे किसी बीमारी के फैलने पर सबसे पहले डॉक्टरों द्वारा चिन्हित किया गया, एक ऐसे पाकिस्तानी प्रवासी को बताया गया जिसने कोरोना वायरस से संक्रमण की पुष्टि के बाद भी, खुद को और लोगों से अलग नहीं रखा।
Oh My. Coronavirus Patient Zero in Italy Reportedly a Pakistani Immigrant https://t.co/exA6wrSSGS via @gatewaypundit
— Jim Hoft (@gatewaypundit) March 8, 2020
विभिन्न मीडिया संगठन ने रिपोर्ट किया कि इटली में एक अज्ञात पाकिस्तानी व्यक्ति ने कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि के बाद भी लगातार चायनीज फूड की डिलीवरी चालू रखी।
हालाँकि अब यह पक्का हो चुका है कि इस तरह की खबरें सिर्फ अफवाह हैं। एसोसिएट प्रेस इटली के अनुसार, इटली को अभी भी “पेशेंट जीरो” की पहचान करनी बाकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रवक्ता स्टीफेनी ब्रिकमैन ने एसोसिएट प्रेस (एपी) से बात करते हुए इस बात की पुष्टि की कि अभी तक इटालवी प्राधिकरणों ने इस वायरस के लिए “पेशेंट जीरो” की शिनाख्त नहीं की है।
एक दूसरी खबर जो लगातार चर्चा में बनी हुई है, के अनुसार चीनी नागरिकों के खिलाफ पूर्वाग्रह खत्म करने के लिए इटली के फ्लोरेंस शहर के मेयर ने जो ‘हग अ चायनीज’ कैम्पेन चलाया था। पहली नजर में ‘हग अ चायनीज कैम्पेन’ की ये खबर फेक न्यूज़ लगती है क्योंकि ऐसे समय में जब इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए लोगों से शारीरिक सम्पर्कों को कम किए जाने की सलाह दी जा रही, अनजान लोगों को गले लगाने का ऐसा कोई कैम्पेन हास्यास्पद ही दिखता है लेकिन ऐसा है नहीं।
इटली के मेयर डेरियो नरदेला ने 1 फरवरी को ट्विटर पर ‘हग अ चायनीज’ कैम्पेन चलाया था।
The mayor of Florence, Italy, @DarioNardella initiated “hug a Chinese” on Twitter on Feb 1, opposing anger toward China amid the #nCoV2019 outbreak, and calling for “Unity in this common battle!” Many Italian netizens responded by posting photos of themselves with Chinese. pic.twitter.com/LutXfPyXc7
— Global Times (@globaltimesnews) February 4, 2020
इसने ऐसा चीनी नागरिकों के खिलाफ “मनोवैज्ञानिक आतंकवाद” से लड़ने के लिए किया था। और यह कोई व्यंग्य नहीं है।
Against psychological terrorism and racism around #coronavirus – btavo @DarioNardella https://t.co/fJuWztDNLQ
— Alexandra M. Korey (@arttrav) February 4, 2020
हालाँकि, इस बात के कोई स्पष्ट साक्ष्य नहीं है कि इस ‘हग अ चायनीज’ कैम्पेन के कारण ही इटली में कोरोना वायरस का संक्रमण फैला, क्योंकि सभी चीनी नागरिक इस वायरस से संक्रमित नहीं हैं, जिसके कारण उनसे भेदभाव किया जाए। साथ ही यह भी सही है कि इस तरह के कैम्पेन को कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए फिलहाल टाला जा सकता था। इस तरह का कैम्पेन एक ‘पॉलिटिकल करेक्टनेस’ के सामान्य समझ पर भारी पड़ने का क्लासिक उदाहरण है।
ध्यातव्य है कि चीन के बाद इटली ही इस वायरस से सबसे ज्यादा संक्रमित है जहाँ अबतक 1000 लोगों की मौत इस वायरस के कारण हो चुकी है जबकि पूरे विश्व में इससे मरने वालों की संख्या 4600 है। पिछले 24 घंटों में ही इटली में 200 लोगों की मौत इस वायरस की वजह से हुई है।