कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन के चलते बहुत सी भर्ती व प्रवेश परीक्षाएँ स्थगित हो गई हैं। बहुत सी परीक्षाएँ ऐसी भी हैं जिनकी तिथि में कोई बदलाव नहीं किया गया है। अनिश्चितता के इस माहौल के बीच सोशल मीडिया पर इन भर्ती परीक्षाओं के रद्द होने, स्थगित होने की फर्जी खबरें फैल रही हैं।
ताजा मामला देश की प्रतिष्ठित यूपीएससी (UPSC) परीक्षा का है। हर साल 8 से 9 लाख युवा इस परीक्षा में बैठते हैं। एक मराठी टीवी चैनल ने दावा किया है कि यूपीएससी की ओर से आयोजित होने वाली परीक्षा कोरोना वायरस के चलते रद्द हो गई है। अभ्यर्थियों को गुमराह होने से बचाने के लिए प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) फैक्टचेट के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से इस संबंध में ट्वीट किया गया है, जिसमें इस खबर को फर्जी बताया गया है। PIB ने कहा है, एक मराठी टीवी चैनल ने ऐसा दावा किया कि यूपीएससी की परीक्षा कोरोना वायरस के कारण रद्द हो गई है। यह दावा बिलकुल झूठ है। यूपीएससी ने कहा है कि परीक्षा तिथि में किसी भी तरह के बदलाव की सूचना वेबसाइट पर दी जाएगी।”
PIB ने मराठी चैनल के दावे का खंडन करते हुए ट्विटर पर लिखा कि चैनल द्वारा दिखाई जा रही खबर फेक है। अगर किसी तरह की रिशिड्यूलिंग होगी तो वेबसाइट पर उसकी सूचना दी जाएगी।
बता दें कि 15 अप्रैल को पीआईबी की प्रेस रिलीज में कहा गया था कि संघ लोक सेवा आयोग ने एक स्पेशल मीटिंग कर तमाम परीक्षाओं के बारे में जानकारी दी है। इसमें कहा गया था कि सिविल सर्विस परीक्षा 2019 के होने वाले इंटरव्यू की तारीख पर 3 मई के बाद फैसला लिया जाएगा, जबकि 2020 की सिविल सर्विस प्रारंभिक परीक्षा सहित और भी तमाम परीक्षाओं की तारीखों की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। अगर इसमें कोई परिवर्तन होता है तो उसे आयोग की वेबसाइट पर जारी किया जाएगा।
साथ ही इसमें ये भी कहा गया था कि यूपीएससी चेयरमैन और मेंबर्स ने एक साल तक अपनी बेसिक सैलरी का 30 फीसदी पीएम केयर्स फंड में देंगे, जबकि आयोग के दूसरे स्टाफ ने एक दिन की सैलरी देने का फैसला किया था।
इसी तरह एक दक्षिण भारतीय न्यूज चैनल ने दावा किया कि कोरोना वायरस महामारी संकट के बीच सरकार सभी शहरों में हेलीकॉप्टर के जरिए पैसे गिराएगी। इस खबर के प्रसारित होने के बाद यह मैसेज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा।
प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इस खबर का खंडन किया है। कहा है कि सरकार ऐसी कोई भी चीज नहीं करने जा रही है।
क्या है हेलीकॉप्टर मनी?
‘हेलीकॉप्टर मनी’ की चर्चा पिछले कुछ दिनों से हो रही है। दरअसल यह टर्म अर्थशास्त्री मिल्टन फ्रीडमैन का दिया हुआ है। इसका मतलब होता है कि रिजर्व बैंक रुपए प्रिंट करे और सीधा सरकार को दे दे। सरकार इसके बाद इसे जनता में बाँट दे, जिससे लोगों की बेसिक जरूरतें पूरी हो सकें। इसको ‘हेलीकॉप्टर मनी’ कहा जाता है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं होता कि सरकार हेलीकॉप्टर के जरिए पैसे शहरों में गिराती है। पैसे लोगों के खाते में आते हैं। इसको ‘हेलीकॉप्टर मनी’ नाम इसलिए दिया गया, क्योंकि यह पैसे लोगों के पास ऐसे ही पहुँचते हैं, जैसे आसमान से गिरे हों। अर्थव्यवस्था को गहरी मंदी से बाहर निकालने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।