केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार (20 जुलाई 2022) को राज्यसभा में जानकारी दी कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) या अर्धसैनिक बलों में अग्निपथ योजना के तहत भर्तियों के लिए 10% आरक्षण क्षैतिज तरीके से लागू होगा। नया आरक्षण सीएपीएफ में मौजूदा जाति-आधारित कोटा और शारीरिक पात्रता आवश्यकताओं के साथ क्षैतिज रूप से फिट होगा। भारत सरकार के स्पष्ट किए जाने के बाद भी इंडियन एक्सप्रेस ने सरकार के जबाव का इस्तेमाल कर फेक न्यूज फैलाया। वहीं आज शुक्रवार (22 जुलाई, 2022) को इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में सुधार कर लिया है।
गुरुवार (21 जुलाई 2022) को इंडियन एक्सप्रेस ने एक आर्टिकल पब्लिश किया, जिसमें दावा किया कि अन्य सेवाओं की तरह ‘अग्निपथ’ योजना में भी आरक्षण लागू है। जबकि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने जो जबाव दिया था, उसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि ऐसा नहीं है।
इसके अलावा मंत्री ने राज्यसभा में अपने लिखित जबाव में सीएपीएफ के मौजूदा आरक्षण ढाँचे का उल्लेख किया है, जिसके साथ अग्निवीर आरक्षण पूरी तरह से फिट होगा। लेकिन ये जाति आधारित आरक्षण इस योजना के लिए नहीं है।
वहीं इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में फर्जी दावा किया कि ‘अग्निपथ’ योजना में 15 प्रतिशत सीटें अनुसूचित जाति (एससी) श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए, अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए 7.5 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) 27 प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं।
उल्लेखनीय है कि जाति-आधारित आरक्षण रक्षा बलों- सेना, नौसेना और वायु सेना में कभी भी लागू नहीं थे। यहाँ तक कि अग्निपथ योजना में भी ये स्थिति नहीं बदली है। हालाँकि, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की भर्ती में हमेशा आरक्षण का प्रावधान था और मंत्री का जवाब उसी को दोहराता है। हालाँकि, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि जो आरक्षण सीएपीएफ के लिए था असल में वो अग्निपथ योजना के लिए है। इंडियन एक्सप्रेस का ये दावा सदन में मंत्री द्वारा दिए गए जबाव के ठीक उल्टा है।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने अग्निवीरों की भर्ती के लिए पिछले महीने ही अग्निपथ योजना की शुरुआत की थी, तभी से विपक्ष इसे घटिया बताकर अपनी सियासी रोटियाँ सेकनें का काम कर रहा है। इसके साथ ही कुछ मीडिया चैनल भी इसमें शामिल हैं।
अपडेट: इस मामले में हालाँकि इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी गलती मानते हुए अपने रिपोर्ट में सुधार कर लिया है। अपनी रिपोर्ट में इंडियन एक्सप्रेस ने अंत में करेक्शन जोड़ते हुए इसकी जानकारी भी दी है। हालाँकि झूठ फ़ैलाने के लिए किसी तरह का खेद व्यक्त नहीं किया है।