हाथरस मामले में जिस तरह से मीडिया गिरोह के लोगों ने अपने प्रोपेगेंडा को भुनाया है, उसे देख कर यही लगता है मानो उन्हें किसी ऐसी ही घटना के होने का इंतजार था। हर एंगल को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। पीड़ित परिवार का दुख तो मानो ऐसे लोगों से कोसो दूर है। ताजा कारनामा इंडिया टुडे के न्यूज डायरेक्टर राहुल कँवल ने कर दिखाया है।
राहुल कँवल ने योगी सरकार से घृणा व्यक्त करने और यूपी प्रशासन की छवि खराब करने के लिए अपने सोशल मीडिया फॉलोवर्स को बरगलाने की कोशिश की है। उन्होंने ट्विटर पर मृतका के पिता और जिलाधिकारी के बीच बातचीच का एक वीडियो शेयर किया है।
इसमें साफ सुना जा सकता है कि जिलाधिकारी मृतका के पिता को समझा रहे हैं कि मीडिया वाले ज्यादा दिन वहाँ नहीं रहने वाले। कुछ अभी चले गए हैं और कुछ कल चले जाएँगे। ऐसे में उनके साथ सिर्फ़ वही (प्रशासन) खड़े रहेंगे। इसलिए वह बार-बार अपने बयान न बदलें।
वे कहते हैं, “आप अपनी विश्वसनीयता खत्म मत करिए। ये मीडिया वाले, मैं आपको बता दूँ, आज अभी आधे चले गए, कल सुबह तक आधे और निकल जाएँगे, दो-चार बचेंगे कल शाम तक। हम आपके साथ खड़े हैं। अब आपकी इच्छा है कि आपको बार बार बयान बदलना है कि नहीं बदलना है।”
The @dm_hathras caught on camera intimidating grieving victim’s family. Half the media is gone, other half will be gone soon. We will remain here he tells the victim’s father. How can there be a fair probe if this is the attitude of senior officials. 8 pm #Newstrack @IndiaToday pic.twitter.com/HZPylf9tDQ
— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) October 1, 2020
जिलाधिकारी के उक्त बयान से साफ पता चल रहा है कि वे पीड़िता परिवार के साथ खड़े होने की बात कर रहे हैं। मगर अब राहुल कँवल जिलाधिकारी की इसी बात को ऐसे लिखते हैं जैसे जिलाधिकारी किसी कोने में ले जाकर मृतका के पिता से बात कर रहे हों और किसी ने चुपचाप उनका स्टिंग कर लिया।
He doesn’t say “We will remain here”. He says “We will be standing with you”. There’s a world of difference between the meaning of these two. https://t.co/1wt1qafX87
— Suhas (@Suhas_AN) October 1, 2020
राहुल लिखते हैं, “हाथरस के जिलाधिकारी कैमरे पर पीड़ित परिवार को भयभीत करते पकड़े गए।” राहुल का दावा है कि जिलाधिकारी कह रहे हैं, “आधा मीडिया चला गया है। आधा जल्दी चला जाएगा। हम ही यहाँ बचेंगे।”
गौर करिए कि एक ओर जहाँ वीडियो में जिलाधिकारी स्पष्ट तौर पर कह रहे हैं कि वही लोग उनके साथ खड़े रहेंगे। उसमें राहुल चंद शब्दों के फेर बदल से कैसे उसे अपने अजेंडा के लिए तैयार कर रहे हैं। राहुल आगे पूछते हैं कि अगर वरिष्ठ अधिकारियों का ही यह बर्ताव होगा तो निष्पक्ष जाँच कैसे हो पाएगी।
राहुल के ट्वीट और जिलाधिकारी की ऑडियो सुनकर विचार करने वाली बात ये है कि आखिर क्या इंडिया टुडे ने ऐसे पत्रकारों को अपने संस्थान का बड़ा चेहरा बनाया हुआ जिन्हें भावानुवाद की इतनी भारी समस्या है कि वो भाषा बदलने भर से सारी बातचीत का भाव ही बदल दें? या फिर ये राहुल कँवल के खुद के अजेंडे का हिस्सा है कि सब कुछ जानने-सुनने-समझने के बाद भी वह केवल आदतों से बाज नहीं आना चाहते।
प्रियंका गाँधी ने भी शेयर की थी वीडियो, पीछे से आ रही थी आवाज
गौरतलब है कि इससे पहले एक वीडियो कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने पोस्ट की थी। इस वीडियो में मृतका के पिता आरोप लगा रहे थे कि उन पर दबाव बनाया गया। हालाँकि, वीडियो में यह स्पष्ट सुनाई पड़ रहा था कि कोई उन्हें बैकग्राउंड से वैसी बात कहने को बोल रहा है। इस वीडियो में सीबीआई जाँच की माँग कर रहे थे।