टाइम्स ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट प्रकाशित की। इसके अनुसार राजस्थान में एक कॉन्ग्रेस विधायक की कार रोकने पर IAS अधिकारी तेजस्वी राणा का तबादला कर दिया गया। विधायक जिस गाड़ी में सवार थे उसके ड्राइवर के पास लाइसेंस नहीं था। आईएस अधिकारी ने विधायक के ड्राइवर पर लगाया जुर्माना, तबादला (IAS officer fines MLA’s driver, transferred) शीर्षक से यह खबर प्रकाशित की गई है। इसमें कहा गया है कि राणा ने 14 अप्रैल को बेगूं से विधायक राजेंद्र बिधूड़ी की कार के ड्राइवर पर जुर्माना लगाया। इसके बाद राज्य की कॉन्ग्रेस सरकार ने उनका तबादला कर दिया।
रिपोर्ट के अनुसार आईएएस अधिकारी राणा चित्तौड़गढ़ के एसडीएम के तौर पर तैनात थीं। इस घटना के एक दिन बाद ही उन्हें जयपुर में राज्य स्वास्थ्य आश्वासन प्राधिकरण में संयुक्त निदेशक के पद पर स्थानांतरित कर दिया गया। इस खबर ने लोगों को चौंका दिया।
लेकिन, टाइम्स ऑफ इंडिया यहाँ एक जरूरी बात बताना भूल गई। असल में इस घटना से दो दिन पहले से ही राणा चित्तौड़गढ़ में व्यापारियों और स्थानीय नेताओं के विरोध का सामना कर रही थीं। शायद यही तबादले की असली वजह थी। दरअसल मंगलवार को एसडीएम राणा सब्जी बाजार गईं थी। यहॉं उन्होंने कथित तौर पर दुकानदारों के साथ दुर्व्यवहार किया। यहॉं तक कि कुछ दुकानों में तोड़फोड़ भी की। यह पूरा घटनाक्रम वहाँ लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया।
बाजार में राणा ने कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए अनिवार्य रूप से सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए लोगों को डाँट फटकार लगाई। जब विक्रेताओं ने इसके जवाब में उनके द्वारा जारी पास दिखाए, तो गुस्से में उन्होंने पास भी फाड़ दिए। इसके बाद, दुकानों के रजिस्टरों को फेंकने के लिए आगे बढ़ीं और कुर्सियों और मेजों को भी दूर फेंक दिया।
इस घटना के बाद गुस्साए व्यापारियों ने डीसी के पास जाकर उनकी शिकायत की। डीसी ने सभी सबूतों के आधार पर घटना की रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को भेज दी। रिपोर्टों के अनुसार, मुख्य सचिव ने रिपोर्ट के आधार पर तेजस्वी राणा को स्थानांतरित करने का फैसला किया।
दिलचस्प बात तो यह है कि टाइम्स ऑफ इंडिया के हिंदी संस्करण नवभारत टाइम्स के प्रकाशन में 14 अप्रैल की घटना को सीसीटीवी फुटेज सहित बताया गया है। वीडियो में स्पष्ट रूप से राणा, रजिस्टर को फाड़ते और फर्नीचर फेंकते नजर आती हैं।
इसके अलावा, टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में खुद बिधूड़ी के हवाले से कहा गया है कि अधिकारी के स्थानांतरण में उनकी कोई भूमिका नहीं है। मीडिया से बात करते हुए, बिधूड़ी ने बताया कि वे एक कार्यकर्ता के वाहन से अपने क्षेत्र में जा रहे थे तो गाड़ी रोकी थी। ड्राइवर के पास लाइसेंस नहीं था और उन्होंने जुर्माना अदा कर दिया था। बकौल विधायक इस दौरान अधिकारी उनके साथ बेहद नम्रता से पेश आईं।
बिधूड़ी ने कहा कि उन्हें तबादले का कारण नहीं पता है। उन्होंने कहा, “मैंने किसी से कोई शिकायत नहीं की है। वे अपनी ड्यूटी कर रही थीं। मैंने उन सभी अधिकारियों की सराहना की है जो इस वक्त COVID-19 से लड़ रहे हैं।”
संभव है कि कॉन्ग्रेस विधायक के ड्राइवर पर जुर्माना भी तबादले की एक वजह हो। लेकिन, इसका मुख्य कारण बाजार में हुई घटना ही नजर आती है। इसकी औपचारिक शिकायत भी हुई थी और आधिकारिक रिपोर्ट भी तैयार की गई थी।