लोकसभा चुनाव हों और जनता को भ्रमित करने के लिए मीडिया गिरोह द्वारा आधी-अधूरी जानकारी न फैलाई जाए… ऐसा तो हो ही नहीं सकता। अपने ‘कौन जात हो’ डायलॉग के लिए मशहूर रवीश कुमार ने लखनऊ में मतदान से पहले ऐसा करके प्रथा जारी रखी। उन्होंने अपने एक ट्वीट में दावा किया है कि देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह देश से आरक्षण का आधार बदलने की बात कह रहे हैं।
अपने X पोस्ट में वह लिखते हैं, “अमर उजाला को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इंटरव्यू दिया है। राजनाथ जी कह रहे हैं कि आरक्षण का आधार ग़रीबी होना चाहिए। क्या वे आरक्षण के आधार को बदलने की बात कर रहे हैं? आरक्षण विरोध की शुरुआत ही इस तर्क से होती है। बाक़ी आरक्षण के सिद्धान्त जानकार इस पर रौशनी डालेंगे ही। बताएँगे कि धर्म और ग़रीबी के बीच एक मुख्य आधार ग़ायब है और वो क्या है।”
अमर उजाला को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इंटरव्यू दिया है। राजनाथ जी कह रहे हैं कि आरक्षण का आधार ग़रीबी होना चाहिए। क्या
— ravish kumar (@ravishndtv) May 20, 2024
वे आरक्षण के आधार को बदलने की बात कर रहे हैं?
आरक्षण विरोध की शुरुआत ही इस तर्क से होती है। बाक़ी आरक्षण के सिद्धान्त जानकार इस पर रौशनी डालेंगे ही। बताएँगे…
अपनी बात में दम दिखाने के लिए उन्होंने पोस्ट में ये भी बताया कि राजनाथ सिंह का इंटरव्यू पेज दस पर छपा है। वह वरिष्ठ राजनेता हैं। कई बार चुनाव जीत चुके हैं। इसके साथ उन्होंने पोस्ट में ये भी लिखा कि आज लखनऊ में मतदान भी है।
पोस्ट से साफ है कि वो मतदाताओं के मन में शंका डालना चाहते हैं कि भाजपा आई तो आरक्षण खत्म न कर दे।
अब लेकिन इस पोस्ट की हकीकत है क्या? क्या सच में रक्षा मंत्री ने देश में आरक्षण खत्म करने की बात कही है जैसा कि रवीश कुमार समझा रहे हैं? या कुछ और… तो इसके बारे में पता लगाने के लिए हमने अमर उजाला का इंटरव्यू देखा।
इंटरव्यू देख पता चलता है कि आरक्षण पर रक्षा मंत्री से सवाल जो हुआ था वो इस प्रकार था- विपक्ष का कहना है कि यदि भाजपा 400 पार हुई तो आरक्षण या संविधान में बदलाव होगा? इसी सवाल के जवाब में रक्षा मंत्री ने पूरे मुद्दे पर अपनी राय रखी, लेकिन ये राय ये संदेश नहीं देती जो रवीश बताते दिख रहे हैं। उन्होंने कहा-
“80-90 बार संविधान में संशोधन तो इन्हीं लोगों ने किया। वर्ष 1976 में इंदिरा गाँधी ने तो संविधान की आत्मा उसकी प्रस्तावना में ही परिवर्तन कर दिया था। धर्म के नाम पर नहीं, गरीबी के आधार पर आरक्षण होना चाहिए और भारत में इस समय गरीबी के आधार पर ही आरक्षण दिया जा रहा है। इसे खत्म करने का प्रश्न ही नहीं उठता। विपक्ष कहता है कि हम धर्म के नाम पर आरक्षण देंगे। क्या संविधान इसकी इजाजत देता है। मैं विपक्ष से कहता हूँ कि अल्पसंख्यकों से झूठ मत बोलो।”
अब रवीश कुमार ने अपना प्रोपगेंडा चलाने के लिए जनता तक क्या पहुँचाया कि रक्षा मंत्री आरक्षण खत्म करने की बात कर रहे हैं… लेकिन ये नहीं बताया कि जहाँ तक उन्होंने जनता को बयान बताया है उसकी अगली ही लाइन में रक्षा मंत्री ने कहा कि इसे खत्म करने का प्रश्न नहीं उठता।
आरक्षण का आधार गरीबी ही होना चाहिए। केवल बौद्धिक आतंकियों को ही इसमें आरक्षण विरोध दिख सकती है। संविधान भी जाती पाती की बात नहीं करता लेकिन तुम लोगों को भारत को बाँटना है इसलिए इस तरह के कुतर्क को गढ़ रहे हो। बंद करो देश को बाँटना।
— कर्वज्ञ (@eternalroute) May 20, 2024
रवीश कुमार की इस हरकत के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स भी उनकी हकीकत जानकर उन्हें सुधर जाने की नसीहत दे रहे हैं। इसके साथ ही यूजर्स का कहना है कि आरक्षण का आधार गरीबी ही होना चाहिए। केवल बौद्धिक आतंकियों को ही इसमें आरक्षण विरोध दिख सकती है। संविधान भी जाती पाती की बात नहीं करता लेकिन तुम लोगों को भारत को बाँटना है इसलिए इस तरह के कुतर्क को गढ़ रहे हो। बंद करो देश को बाँटना।