प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2023 को भव्य ‘यशोभूमि’ के पहले चरण का उद्घाटन किया है। इसको लेकर फेक न्यूज फैलाने के मामले में जेल की चक्की पीस चुके तृणमूल कॉन्ग्रेस के राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने दावा किया है कि इसे बनाने में सरकार ने 27,000 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। ऑपइंडिया ने गोखले के इस दावे का फैक्ट-चेक किया है।
ममता बनर्जी की पार्टी के सांसद साकेत गोखले ने ट्विटर (अब एक्स) पर लंबी-चौड़ी पोस्ट लिखी है। इसमें उन्होंने दावा किया है कि पीएम मोदी ने अपना जन्मदिन मनाने के लिए दिल्ली के द्वारका में बने इंडिया इंटरनेशनल एंड एक्सपो सेंटर (IICC) का उद्घाटन किया। इस कन्वेंशन सेंटर के निर्माण में 27,000 करोड़ रुपए की लागत आई है।
VERY SHOCKING details on bizarre birthday spending by Modi Govt:
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) September 17, 2023
Today, PM Modi will inaugurate a convention center in Dwarka, Delhi, called IICC to celebrate his birthday.
The cost of building this ONE "convention center" IICC?
₹27,000 crores
Now here's a comparison 👇…
इस पोस्ट में साकेत गोखले ने यशोभूमि को बनाने में आई लगात की तुलना अन्य कामों में हुए खर्च से की है। उन्होंने लिखा कि नए संसद भवन के निर्माण में 862 करोड़ रुपए की लागत आई। पूरे सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की लागत 20,000 करोड़ रुपए है। G20 के लिए केंद्र सरकार का बजट 990 करोड़ था। इस हिसाब से कन्वेंशन सेंटर की लागत नए संसद भवन की लागत से 3000% अधिक है। पूरे सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट से 7,000 करोड़ रुपए अधिक है। साथ ही इस लागत में 2025 तक हर साल होने वाले G20 हो जाएँगे।
साकेत गोखले ने यह भी सवाल किया है कि जब G20 के लिए ‘भारत मंडपम’ बनाया जा चुका है तो फिर कन्वेंशन सेंटर क्यों बनाया जा रहा है? यही नहीं, उन्होंने 27 हजार करोड़ की लागत में से पीएम मोदी और भाजपा द्वारा 2024 के चुनाव के लिए कितने रुपए का गबन किया गया है, इसकी जाँच कराने की माँग की है।
साकेत गोखले के इस दावे का फैक्ट-चेक करते हुए ऑपइंडिया को प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की वेबसाइट पर ‘यशोभूमि’ को बनाने से जुड़ी जानकारी मिली। यहाँ हमने पाया कि साकेत गोखले का दावा पूरी तरह झूठा है। वास्तव में प्रधानमंत्री मोदी ने जिस कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन किया है, वह इंडिया इंटरनेशनल एंड एक्सपो सेंटर (यशोभूमि) का हिस्सा है।कन्वेंशन सेंटर को बनाने में ₹27,000 करोड़ रुपए नहीं, बल्कि ₹5400 करोड़ रुपए का खर्च आया है।
वहीं, इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत करोड़ ₹25,000 करोड़ रुपए है। पीएम मोदी ने पूरे प्रोजेक्ट का नहीं, बल्कि इसके पहले चरण के तहत बने कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन किया है। पूरे प्रोजेक्ट के साल 2025 तक बनकर तैयार होने की उम्मीद है। पूरी परियोजना 8.90 लाख वर्गमीटर में फैली हुई है। वहीं, कंस्ट्रक्शन एरिया 1.80 लाख वर्गमीटर का होगा।
इस कन्वेंशन सेंटर का इस्तेमाल विश्वस्तरीय बैठकों, सम्मेलनों और प्रदर्शनियों के लिए किया जाएगा। इसमें 11,000 लोगों की क्षमता के साथ 15 कन्वेंशन सेंटर और 13 मीटिंग रूम बनाए गए हैं। इस कन्वेंशन सेंटर को 73,000 वर्गमीटर में बनाया गया है। इसमें मुख्य सभागार और ग्रैंड बॉलरूम भी है।
जब ‘यशोभूमि’ के सभी चरणों का काम पूरा हो जाएगा, तब ये एशिया का सबसे बड़ा कन्वेंशन सेंटर बन जाएगा। दिल्ली के प्रगति मैदान में स्थित ‘भारत मण्डपम्’, जहाँ G20 समिट का आयोजन किया गया, उससे ये दोगुना बड़ा होगा। इसे 25,703 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया जा रहा है। इसके पहले चरण के काम में 5400 करोड़ रुपए लगे हैं।
इसमें 2 एक्सजिबिशन हॉल भी हैं। इसके प्लेनरी हॉल में 6,000 लोगों के बैठने की क्षमता है। इसके साथ ही भारत के सबसे अत्याधुनिक ऑटोमेटेड सिटिंग सिस्टम से भी ये लैस होगा। लकड़ी की फ्लोरिंग और दीवालों पर बने पैनल विशेष आकर्षण होंगे। द्वारका सेक्टर 25 में नए मेट्रो स्टेशन का भी उद्घाटन होगा, जिसे ‘यशोभूमि’ के नाम से ही जाना जाएगा।
मेट्रो की एक्सप्रेस लाइन, जो IGI एयरपोर्ट तक जाती है, उससे भी ये जुड़ जाएगा। साथ ही एक्सप्रेस लाइन पर मेट्रो ट्रेनों की गति 90 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी। ‘यशोभूमि’ का प्रदर्शनी हॉल भी विशेष आकर्षण होगा, जो 1.07 लाख वर्गमीटर में बना है।
यशोभूमि की खासियत मीडिया रूम, VVIP लॉन्ज, अत्याधुनिक वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट और सूचना केंद्र के अलावा टिकट काउंटर भी होगा। कन्वेंशन सेंटर का ग्रैंड बॉलरूम पत्ते के आकार का है। इसमें 2500 प्रतिनिधि एक साथ बैठ सकेंगे। ये कन्वेंशन सेंटर 8 फ्लोर का होगा। इससे थोड़ी ही दूरी पर कई 5 स्टार होटल भी हैं। ये 221.27 एकड़ में फैला हुआ है।
कौन है साकेत गोखले
साकेत गोखले स्वघोषित पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट हैं। ममता बनर्जी ने उन्हें अपनी पार्टी TMC से राज्यसभा सांसद बनाया है। साकेत गोखले को ‘झूठ की मशीन’ कहना गलत नहीं होगा। इससे पहले भी वह कई बार झूठ फैलाते पकड़े गए हैं। यहाँ तक कि झूठ फैलाने को लेकर वह जेल भी जा चुके हैं।
गोखले ने एक समाचार रिपोर्ट शेयर कर दावा किया था कि साल 2022 में गुजरात के मोरबी में हुए हादसे के बाद आयोजित पीएम मोदी की यात्रा में 30 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। यह रिपोर्ट फर्जी साबित हुई और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया था।