अभी-अभी राजनीति में क़दम रखने वाली प्रियंका गाँधी को राजनीति की इतनी समझ नहीं है जिसका वो दिखावा करती हैं। इसी दिखावे का प्रचार करने आज वो अयोध्या पहुँची जहाँ उन्होंने मोदी सरकार की जमकर आलोचना की।
अयोध्या से अपनी प्रत्याशी निर्मल खत्री के समर्थन में पहुँची प्रियंका ने अपने तंज भरे शब्दों से मोदी सरकार की एक के बाद एक मनगढ़ंत कमियों का बखान किया, इसमें उन्होंने कहा कि ये लोग संविधान, लोकतंत्र और संस्थाओं को नष्ट कर देना चाहते हैं। जबकि संविधान औऱ लोकतंत्र, जनता को मज़बूत बनाते हैं। चूँकि मोदी सरकार काम करने की बजाए सिर्फ़ बातें करती है इसलिए आपको मज़बूत नहीं होने देना चाहते। मोदी सरकार को निशाना बनाते हुए प्रियंका ने कहा कि देश में वर्तमान सरकार से दुर्बल सरकार और कोई सरकार नहीं रही है।
वर्तमान सरकार को दुर्बल सरकार बताने वाली प्रियंका गाँधी अपने इन कथनों से केवल और केवल पीएम मोदी को घेरने का प्रयास करती नज़र आईं। जबकि सच्चाई यह है कि इस समय कॉन्ग्रेस ख़ुद दुर्बलता की कगार तक पहुँच चुकी है। यह कॉन्ग्रेस की लाचारी और बेबसी ही है जो रह-रह कर इस रूप में बाहर आती है।
अपने भाषण में प्रियंका ने कई ऐसे मुद्दे उठाए जिनका सच्चाई से कोई लेना-देना ही नहीं था। अपने भाषण में प्रियंका ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अपने पाँच साल के कार्यकाल में चीन, अमेरिका, जापान और अफ्रीका समेत बाकी सारी दुनिया का भ्रमण करते हैंं लेकिन अपने संसदीय क्षेत्र और ग्रामीण इलाक़ों में नहीं जाते। इसके पीछे वजह यह है कि गाँव में उन्हें सच्चाई दिखाई देती है।
प्रियंका गाँधी की इस तरह की बचकानी बातों को उनका कोरा ज्ञान ना कहा जाए तो भला और क्या कहा जाए। वाराणसी का कायाकल्प आज की तारीख़ में जगज़ाहिर है। उनके लगभग साढ़े चार साल के कार्यकाल में वहाँ 126 प्रोजेक्ट को पूरा करवाया गया। कुल 4679.79 करोड़ रुपए की लागत से वाराणसी के कायाकल्प में वे सभी आधारभूत सुधार शामिल हैं जिनसे आम जन-जीवन लाभान्वित हुआ।
वाराणसी में विकास के तहत नगर के इंफ्रास्ट्रकचर में ज़बरदस्त सुधार, मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का भव्य पुनर्निर्माण, सड़कों का निर्माण, गलियों-चौराहों की बेहतरी, अंडरग्राउंड वायरिंग से बिजली के तारों को व्यवस्थित करना, पेयजल की व्यवस्था, सीवरेज व्यवस्था, नगर पहले से अधिक साफ़-सुथरा है, बीएचयू ट्रामा सेंटर, बुनकरों के लिए ट्रेड फेसिलिटेशन सेंटर, अस्सी घाटों की सफ़ाई, बैटरी रिक्शों का वितरण, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, गंगा सफ़ाई परियोजना, गंगा में सीवर जाना बंद किया गया, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए और वंदे भारत एक्सप्रेस और बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने से लेकर तमाम ढाँचागत परियोजनाओं को समय पर पूरा किया गया।
कॉन्ग्रेस को यह बख़ूबी मालूम है कि पीएम मोदी ने पिछले पाँच साल में न सिर्फ़ अपने संसदीय क्षेत्र में विकास किया बल्कि समूचे भारत में विकास की नींव को मज़बूत भी किया।
आगे बढ़ते हैं और आपको बताते हैं कि प्रियंका गाँधी जब मंच से बोलती हैं तो झूठ बोलने की हद से भी गुज़र जाती हैं। अयोध्या के ही मंच से उन्होंने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि ग्रामीण इलाक़ों में हर परिवार को 100 दिन के रोज़गार की गारंटी देने वाली मनरेगा योजना को वो ख़त्म कर देना चाहते हैं और साथ ही आरोप लगाया कि पिछले छह महीने से भुगतान नहीं किया जा रहा है। मनरेगा का पैसा ठेकेदारों को दिया जा रहा है और वे ठेकेदार क्षेत्र के ग्रामीणों के बजाय मज़दूरों से काम करा रहे हैं। उनका यह कथन इतना बेबुनियादी है इसका जवाब तो सोशल मीडिया पर लोगों ने खरी-खोटी सुनाकर दिया।
एक यूज़र ने ट्वीट किया कि प्रियंका गाँधी झूठी हैं और 2017-18 में मनरेगा का 85% भुगतान 15 दिनों के भीतर किया गया जबकि कॉन्ग्रेस के शासनकाल में 15 दिनों के भीतर केवल 34% भुगतान किया गया। सवालिया होते हुए लिखा कि मोदी सरकार ने 1 करोड़ फ़र्ज़ी जॉब कार्ड और 3 करोड़ फ़र्ज़ी लाभार्थियों को हटा दिया, आख़िर वो पैसा कौन ले रहा था?
Liar @priyankagandhi, 85% of MNREGA payments in 2017-18 were done within 15 days.
— Chowkidar Spaminder Bharti (@attomeybharti) March 29, 2019
In 2013-14 under your momma’s rule, only 34% payments were done within 15 days.
Modi govt removed 1 crore fake job cards & 3 crore fake beneficiaries enrolled by UPA. Who was taking that money? https://t.co/gJUJg7HMqJ
Exactly their calculation of jobless ????
— चौकीदार Narayanan P S (@narayananpsn) March 29, 2019
Middlemen lost, when DBT was implemented!
एक अन्य ट्विटर यूज़र ने लिखा कि 2013-14 के बीच 34%, 2017-18 के बीच 85% और 2018-19 के बीच 93% भुगतान किया गया, बावजूद इसके कोई न्यूट्रल पत्रकार गाँधी परिवार से सवाल नहीं करेगा।
MNREGA Payment generation within 15 days –
— Chowkidar Spaminder Bharti (@attomeybharti) March 29, 2019
FY 2013-14 (UPA) : 34%
FY 2017-18 : 85%
FY 2018-19 (until July) : 93%
Despite this, Gandhi family brazenly lies that Modi has stopped payments. And no “neutral journalist” will question them. pic.twitter.com/2sb5Yd4gw9
ट्विटर पर ही अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करते हुए एक यूज़र ने लिखा कि कॉन्ग्रेस केवल झूठ बोलना जानती है, इससे ज़्यादा की कोई उम्मीद नहीं की जा सकती। 2013-14 के बीच वो (प्रियंका गाँधी) वाड्रा के पैसे गिनने में व्यस्त थीं। इसके जवाब में एक अन्य यूजर ने ट्वीट किया कि प्रियंका गाँधी का भाई झूठ बोलता है, मम्मी झूठ बोलती हैं, उनका पति झूठ बोलता है और वो ख़ुद भी झूठ बोलती हैं…पूरा परिवार झूठा है।
She is from CONgress, apart from appeasement, they know to LIE. What more can you expect from her? BTW in 2013 – 2014, she was busy counting Vadra’s money, WE ALL KNOW HOW HE GOT THEM….
— Chowkidar Badri (@badrinvr) March 29, 2019
Her brother lies, her momma lies her husband lies and she lies toooo.. family of liers.
— hampanna.bk (@Bkhampanna) March 29, 2019
इन सभी प्रतिक्रियाओं से यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि गाँधी-वाड्रा परिवार के कारनामें लोगों को ज़ुबानी याद हैं जिसे वो खुलकर उजागर भी करते हैं। बावजूद इसके कॉन्ग्रेस झूठ की चरस बोने से कभी बाज नहीं आती। यह जानते हुए कि पिछले पाँच वर्षों में मोदी सरकार द्वारा किया गया विकास उसकी सोचने से भी परे है। लेकिन कॉन्ग्रेस की सच से मुँह फ़ेरने की आदत पुरानी है जिसे वो चाहे भी तो भी नहीं छोड़ सकती।
बता दें कि 2014 के बाद से एक आम जन के जीवन में जो सुधार आया है वो पहले लोगों की सोच से भी परे था। देश के भीतर तो तमाम योजनाओं के माध्यम से विकास किया ही गया साथ ही वैश्विक स्तर पर भारत ने अपने संबंधों की बुनियाद को भी मज़बूत किया गया। लेकिन अफ़सोस इस बात का है कि कॉन्ग्रेस अपने ख़ुद के दु:खों से पार ही नहीं पा रही है, जिसकी वजह से ले-देकर उसे एक मोदी ही दिखते हैं जिनपर वो अपनी भड़ास निकालकर ख़ुश होने के नए आयाम तलाशती है। सच पूछो तो कॉन्ग्रेस की बेबसी अब किसी से छिपी नहीं है लेकिन सत्ता की भूख और लालसा उसे इस हद तक गिरने पर मजबूर कर रही है, जिसका प्रदर्शन आए दिन इन्हीं मंचो से होता रहता है।