तृणमूल कॉन्ग्रेस के नेता दिनेश त्रिवेदी ने कोरोना वायरस को लेकर अफवाह फैलाई है। इसके लिए उन्होंने उसी रेलवे का सहारा लिया, जिसके वो कभी मंत्री हुआ करते थे। पूर्व रेलमंत्री ने एक पुरानी तस्वीर शेयर कर मोदी सरकार पर आरोप लगाए। बता दें कि दुनिया भर में कोरोना वायरस से अब तक 3 लाख से भी अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और लगभग 13 हज़ार लोगों ने इस संक्रमण से अपनी जान गँवाई है। जहाँ एक तरह पीएम मोदी जनता कर्फ्यू की अपील कर के लोगों को इससे बचाव के उपायों पर अमल करने को कह रहे हैं, कुछ नेता लगातार अफवाह फैलाने में लगे हैं। त्रिवेदी उनमें से ही एक हैं।
दिनेश त्रिवेदी ने दादर रेलवे स्टेशन की एक पुरानी फोटो शेयर की। उन्होंने इसे ताज़ा तस्वीर बताते हुए सवाल किया कि तस्वीर में दिख रही भीड़ अगर गाँवों तक आ पहुँची, फिर देश कोरोना वायरस से कैसे लड़ पाएगा? त्रिवेदी ने जो तस्वीर शेयर की, वो ‘अलामी स्टॉक’ की थी। उन्होंने सरकारी तैयारियों पर निशाना साधते हुए इसे बेहूदापन करार दिया। उन्होंने पूछा कि क्या इसी तरीके से हम कोरोना से लड़ने के दावे कर रहे हैं?
जब हमने ‘अलामी स्टॉक’ पर जाकर इस फोटो के बारे में छानबीन की तो पता लगा कि ये फोटो मार्च 3, 2015 को क्लिक की गई थी। यानी दिनेश त्रिवेदी ने 5 साल पुरानी तस्वीर को शेयर कर मोदी सरकार पर कोरोना से निपटने की तैयारी न होने के आरोप लगाए। पल्लवी घोष जैसे ‘दरबारी’ पत्रकारों ने उनके इस ट्वीट को आगे बढ़ाया और सरकार पर निशाना साधा। कॉन्ग्रेस की पत्रकार के रूप में जानी जाने वाली पल्लवी ने इस फोटो को आगे शेयर किया और लिखा- “ओह गॉड!“
दिनेश त्रिवेदी तृणमूल कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। वो बैरकपुर से लोकसभा सांसद रहे हैं। हाल ही में वे राज्यसभा के लिए चुने गए हैं। जहाँ ऐसे नेताओं से इस समय जिम्मेदारी से बयान देने की उम्मीद की जा रही है, दिनेश त्रिवेदी ने इसके एकदम उलट काम किया है।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी की ही सरकार है। राज्य में संक्रमण के 3 मामले सामने आ चुके हैं। बावजूद इसके मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसे लेकर असंवेदनशीलता दिखा रही हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार दिल्ली दंगों से ध्यान भटकाने के लिए कोरोना वायरस को बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर रही है। इतना ही नहीं रविवार (मार्च 22, 2020) को जनता कर्फ्यू को धता बताते हुए सरकारी स्कूलों में चावल और आलू बाँटने का कार्यक्रम रखने का ऐलान किया था।