किसानों ने कृषि बिल वापसी को लेकर आंदोलन तेज कर दिया है। उनका आरोप है कि सरकार देश के बड़े-बड़े उघोगपतियों, जैसे- अडानी और अंबानी को फायदा पहुँचाने के लिए नए कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था और मंडियाँ खत्म की तैयारी में है, जिससे वे कॉरपोरेट की दया पर निर्भर रह जाएँगे। तो वहीं, दूसरी तरफ मुख्य विपक्षी पार्टी कॉन्ग्रेस किसान आंदोलन के बहाने लगातार राजनीति करने में जुटी हुई है।
साथ ही, कॉन्ग्रेस लगातार मोदी सरकार को घेरने के लिए सोशल मीडिया के जरिए किसानों में भ्रम फैलाने की कोशिश भी कर रही है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि भारतीय रेलवे अडानी ग्रुप को बेच दी गई है। इस वीडियो को कॉन्ग्रेस नेता ने अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया है।
भारतीय रेल पर अदानी के फ़्रेश आटे का विज्ञापन देखने लायक़ हैं। अब तो दावे के साथ कह सकते है की किसानों की लड़ाई सत्य के मार्ग पर हैं। pic.twitter.com/WB97kaG6Fe
— Hardik Patel (@HardikPatel_) December 12, 2020
कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने गुजरात कॉन्ग्रेस के नेता हार्दिक पटेल के ट्वीट को रिट्वीट किया है। जिसमें कॉन्ग्रेस के नेता हार्दिक पटेल ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “भारतीय रेल पर अडानी के फ़्रेश आटे का विज्ञापन देखने लायक हैं। अब तो दावे के साथ कह सकते है कि किसानों की लड़ाई सत्य के मार्ग पर है।”
वहीं प्रियंका गाँधी ने फेसबुक पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “जिस भारतीय रेलवे को देश के करोड़ों लोगों ने अपनी मेहनत से बनाया। भाजपा सरकार ने उस पर अपने अरबपति मित्र अडानी का ठप्पा लगवा दिया। कल को धीरे-धीरे रेलवे का एक बड़ा हिस्सा मोदी के अरबपति मित्रों को चला जाएगा। देश के किसान खेती-किसानी को भी आज मोदी के अरबपति मित्रों के हाथ में जाने से रोकने की लड़ाई लड़ रहे हैं।”
सोशल मीडिया के जरिए केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ भ्रम फैलाने की कोशिश में लगी कॉन्ग्रेस पार्टी की खुद ही पोल खुल गई है। ट्विटर पर कॉन्ग्रेस द्वारा फैलाए जा रहा ये वीडियो एकदम गलत साबित हुआ है और केंद्र सरकार द्वारा भारतीय रेलवे को अडानी ग्रुप को बेचने वाली खबर फेक निकली।
Through a video on Facebook, it is being claimed that the Government of India has put stamps of a private company on the trains. This claim is misleading, this is is just a commercial advertisement with the aim of improving ‘non-rental revenue’: Press Information Bureau (PIB) pic.twitter.com/OUG4vSFEft
— ANI (@ANI) December 16, 2020
प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि यह दावा भ्रामक है। यह केवल एक वाणिज्यिक विज्ञापन है, जिसका उद्देश्य केवल ‘गैर किराया राजस्व’ (NFR) को बेहतर बनाना है। वहीं कॉन्ग्रेस की पोल खुलने के बाद लोगों ने ट्विटर पर प्रियंका गाँधी और हार्दिक पटेल की जमकर खरी खोटी सुनाई।
गौरतलब है कि प्रियंका गाँधी वाड्रा ने इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाया था कि उनके निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में पिछले 5 सालों में केवल 15 किलोमीटर की एक सड़क लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डे से वाराणसी शहर के लिए बनी है, उसके अलावा कोई सड़क ही नहीं बनी है। हमने इसका फैक्ट-चेक किया जिसमें कुल 60 सेकेंड के भीतर ही उनके इस दावे की कलई खुल गई।