सोशल मीडिया और मीडिया में इस तरह का दावा किया जा रहा है कि 18 जुलाई, 2022 से धर्मार्थ ट्रस्टों पर जीएसटी लागू किया गया है। इसको लेकर भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस तरह का दावा करने वाली मीडिया रिपोर्ट्स फर्जी हैं। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, “मीडिया और सोशल मीडिया के कुछ वर्ग यह संदेश फैला रहे हैं कि 18 जुलाई, 2022 से जीएसटी लागू किया गया है, यहाँ तक कि धार्मिक/धर्मार्थ ट्रस्टों द्वारा संचालित सरायों पर भी यह संदेश फैलाया जा रहा है, यह सच नहीं है।”
Certain sections of the media and social media are spreading the message that GST has recently been imposed with effect from 18 July, 2022 even on ‘Sarais’ run by religious/charitable trusts. This is not true. (1/9) The correct position is detailed below: @nsitharaman @PIB_India
— CBIC (@cbic_india) August 4, 2022
सिलसिलेवार कई ट्वीट कर सीबीआईसी ने बताया, जीएसटी परिषद (GST Meeting) की 47वीं बैठक की सिफारिश के मुताबिक 1,000 रुपए प्रतिदिन के किराए वाले होटल कमरों से GST छूट वापस ली गई है। अब उन पर 12% GST लगाया गया है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि धार्मिक ट्रस्टों या सरायों से किसी भी प्रकार का जीएसटी कलेक्शन (GST Collection) नहीं किया जा रहा है औऱ इसको लेकर आ रही सभी खबरें फेक हैं। यहाँ 1000 रुपए प्रतिदिन से कम किराया वाले कमरों दी जा रही छूट में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एवं कस्टम्स (CBIC) ने छूट अधिसूचना और क्रमांक संख्या भी शेयर की है। अधिसूचना संख्या 12/2017-सीटीआर दिनांक 28.06.2017 की संख्या 13 में छूट से संबंधित सभी डिटेल्स हैं।
It has been stated that the three Sarais managed by SGPC in Amritsar have started paying GST with effect from 18.7.2022. These three Sarais are:
— CBIC (@cbic_india) August 4, 2022
1. Guru Gobind Singh NRI Niwas
2. Baba Deep Singh Niwas
3. Mata Bhag Kaur Niwas. (5/9)
सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एवं कस्टम्स ने 3 सराय गुरु गोबिंद सिंह NRI निवास, बाबा दीप सिंह निवास और माता भाग कौर निवास के बारे में स्पष्ट किया कि इनमें से किसी को भी नोटिस नहीं दिया गया। हो सकता है कि इन्होंने खुद ही GST भरना शुरू किया हो।
दरअसल, CBIC ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा है कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की सरायों पर GST नहीं लगाया गया है। ना ही इन सरायों में से किसी को भी कोई GST भरने के लिए नोटिस जारी किया गया है। हो सकता है कि उन्होंने खुद ही GST जमा करवा दिया हो जिसके लिए वे बाध्य नहीं थे। इस संबंध में जारी नोटिफिकेशन के आधार पर एसजीपी की सराय को दी गई छूट का लाभ उठा सकती हैं।
These Sarais managed by SGPC may therefore avail the above stated exemptions in respect of renting of rooms by them. (9/9) @PIB_India @nsitharaman @nsitharamanoffc @PIBChandigarh @FinMinIndia @mppchaudhary @DDNewslive @airnewsalerts
— CBIC (@cbic_india) August 4, 2022
बता दें कि इसको लेकर आम आदमी पार्टी के नेता ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया था कि उन्होंने ‘Golden Temple’ के सरायों पर 12% GST लगाकर संगत का अपमान किया है। सांसद राघव चड्डा ने गुरुवार (4 अगस्त 2022) को कहा, “ये Tax Aurangzeb के ‘जजिया टैक्स’ की याद दिलाता है, जब तीर्थ यात्रा पर टैक्स वसूला जाता था। 3 करोड़ पंजाबियों की ओर से वितमंत्री निर्मला सीतारमण से टैक्स वापस लेने की माँग की है।”
Why don’t you file a police case against this AAP spokesperson for spreading rumours in a sensitive border state like Punjab. Any weakness in smashing such nation breaking narratives & punishing liars may have very bad consequences @PMOIndia https://t.co/b0PMYcHoa8
— SM 🇮🇳 (@tweet2ssm) August 4, 2022
इसको लेकर एक ट्विटर यूजर ने राघव चड्डा के खिलाफ मामला दर्ज करने की माँग की। उसने कहा, “पंजाब जैसे संवेदनशील सीमावर्ती राज्य में अफवाहें फैलाने के लिए ‘आप’ के इस प्रवक्ता के खिलाफ पुलिस केस क्यों नहीं दर्ज कराते। राष्ट्र को तोड़ने वाले बयान देने वालों और झूठे लोगों को दंडित करने में किसी भी तरह की ढील के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।”