दिल्ली दंगों के डेढ़ साल बाद आज (जुलाई 1, 2021) एक वीडियो सामने आई है। इसे लेकर सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि गुजरात की क्राइम ब्रांच ने दिल्ली दंगों के आरोपितों को ऑन कैमरा बिलकुल फिल्मी अंदाज में पकड़ा। ये वीडियो मुंबई तेज न्यूज नाम के यूट्यूब चैनल पर 1 जुलाई 2021 को ही डाली गई है। इसके विवरण में बताया गया है कि ये ऑपरेशन भरूच में हुआ। वहाँ सिराज मोहम्मद अनवर को पकड़ने के लिए पुलिस ने जाल बिछाया फिर जानकारी होते ही उसे पकड़ लिया।
वीडियो में देख सकते हैं कि 4 लोग खाने की टेबल पर बैठे हैं लेकिन थोड़ी देर में वहाँ अलग-अलग दिशा से 5-7 लोग इकट्ठा होते हैं और मौका पाते ही युवकों को दबोच लेते हैं। कुल मिलाकर जिस प्रकार वीडियो में नजर आ रहा है उस हिसाब से आरोपितों को पकड़ने के इस अंदाज की तारीफ होनी बनती है, लेकिन सही तथ्यों के साथ। दरअसल, वीडियो को लेकर चैनल पर किए गए दावे हकीकत से अलग हैं।
ये घटना गुजरात की ही है। लेकिन आरोपित पर चोरी और रेप जैसे 14 केस दर्ज हैं। आरोपित का नाम सिराज नहीं, किशोर लुहार है। उसके साथ 3 अन्य पकड़े गए हैं। पुलिस ने उसके पास से पिस्तौल बरामद की और उसके बाद लुहार को जमीन पर लिटाया। इस बीच अन्य लोगों की तलाशी की गई। इसके बाद लुहार की चेकिंग हुई।
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज 27 जून की शाम का है। क्राइम ब्रांच के बयान के अनुसार 29 साल का लुहार दीसा का निवासी है और अहमदाबाद नगर में हुए 7, बवसकंठा में हुए 5, सिरोही और झालोर में हुए 2 अपराधों में शामिल हैं। पुलिस ने उसके पास से 1 मैग्जीन, 5 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं।
इसके अलावा मालूम हो कि मुंबई तेज न्यूज पर जो वीडियो अपलोड की गई है उसमें भरूच में हुई गिरफ्तारी की बात है। बता दें कि ये घटना फर्जी नहीं है, बस इसके साथ जोड़कर दिखाई गई वीडियो दूसरी घटना से संबंधित है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, भरूच में भी लोकल क्राइम ब्रांच अधिकारियों ने मंगलवार को एक आदमी को गिरफ्तार किया था। इसकी पहचान सिराज मंजूर आलम अंसारी के तौर पर हुई है जो बिहार के भीमपुरा इलाके का निवासी है। भरूच पुलिस ने दरोल चोकड़ी हाइवे से उसे पड़का। सिराज की गिरफ्तारी आर्म्स एक्ट के तहत हुई है। उसके पास से कथित तौर पर दो पिस्तौल, 7.65 मिमी के 19 कारतूस सहित हथियार जब्त किए। भरूच एलसीबी, पुलिस निरीक्षक जेएन जाला ने कहा, “प्राथमिक पूछताछ के बाद, आरोपित ने कबूल किया कि वह उन्हें (हथियार) बेचने के लिए अपने पैतृक स्थान से हथियार लाए थे।”