कंगना रनौत को लेकर सोशल मीडिया पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। लिबरल गैंग हाथ धो कर उनके पीछे पड़ी है और वो खुद भी अपने बेबाक रवैये के कारण चुन-चुन कर सबको जवाब दे रही हैं। उनके हालिया ट्वीट में उन्होंने वामपंथियों का उल्लेख करके बाकायदा उनकी क्लास ली। इसमें उन्होंने जिक्र किया कि उनका अकॉउंट सस्पेंड करवाने की कोशिश चल रही है जिसके कारण उसे अस्थायी रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
Librus cried to their chacha @jack and got my account temporarily restricted, they are threatening me mera account/virtual identity kabhi bhi desh keliye shaheed ho sakti hai,magar my reloaded desh bhakt version will reappear through my movies.Tumhara jeena dushwar karke rahungi.
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) January 20, 2021
अब व्हॉट्सएप पर कुछ लोगों का दावा है कि वामपंथी कंगना से इसलिए नाराज हैं क्योंकि उन्होंने अल्लाह को लेकर कमेंट किया था। और इसीलिए उनके अकॉउंट पर कार्रवाई हुई। हालाँकि, इस दावे की सच्चाई क्या है यह मैसेज देखने से स्पष्ट नहीं है। अब ऐसे में सवाल है कि क्या वाकई में ट्विटर ने कंगना पर कार्रवाई इसलिए की, क्योंकि उन्होंने ‘अल्लाह’ का नाम लेकर वामपंथियों को ललकारा या फिर इसलिए कि मामला कुछ और है।
Did #KanganaRanaut‘s Twitter account get restricted temporarily due to her tweets on #Tandav row? Find out! (via @etimes)https://t.co/sQiNKCGuAm pic.twitter.com/DPrqux5rbR
— The Times Of India (@timesofindia) January 20, 2021
ऑपइंडिया ने इस संबंध में ट्विटर पर लिबरलों के रिएक्शन देखने के लिए #SuspendKanganaRanaut ट्रेंड को देखा। इसमें कई जगह कंगना के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग था लेकिन बहुत कम जगह पर उनके ‘अल्लाह’ वाले उस ट्वीट को शेयर किया गया था, जिसमें उन्होंने लिखा था, “माफी माँगने के लिए बचेगा कहाँ? ये सीधा गला काट देते हैं, जिहादी देश फतवा निकाल देते हैं, लिबरल मीडिया वर्चुअल लिंचिंग कर देती है, तुम्हें ना सिर्फ़ जान से मार दिया जाएगा बल्कि उस मौत को भी जस्टिफ़ाई किया जाएगा, बोलो अली अब्बास जफर, है हिम्मत अल्लाह का मज़ाक़ उड़ाने की?”
अब हो सकता है कंगना की टिप्पणी पर वामपंथी भड़कें हों लेकिन सेकुलर छवि को बनाए रखने के लिए वह उस ट्वीट को न शेयर कर रहे हों।
इस हैशटैग पर स्क्रॉल करते हुए हमें कंगना का एक कॉमन ट्वीट हर जगह दिखा। इस ट्वीट में उन्होंने भगवान कृष्ण और शिशुपाल से जुड़े प्रसंग की चर्चा की थी। कंगना ने इसमें लिखा था, “क्योंकि भगवान कृष्ण ने भी 99 बार शिशुपाल को माफ किया था। पहले शांति फिर क्रांति। समय आ गया है कि सर काटे जाएँ। जय श्री कृष्ण।”
हमने यही ट्वीट कंगना के टाइमलाइन पर देखा तो इसे डिलीट किया जा चुका था। जाहिर है, पूरा बवाल इसी के आधार पर हुआ और कंगना पर तरह-तरह के इल्जाम लगाए गए। दावा किया गया कि कंगना नफरत फैलाकर सिर काटने की बातें कर रही हैं और ट्विटर पर खुलेआम हिंसा फैला रही हैं।
हालाँकि, उनके इस ट्वीट का यदि संदर्भ देखें तो वह गलती करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने से था। अतुल मिश्रा के ट्विटर से तांडव वेब सीरीज को भेजे गए समन पर एक ट्वीट किया था।। इसमें लिखा था, “…पहले हिंदुओं ने अपमान बर्दाश्त करना छोड़ा और अब सरकारी कदम उठाया है। लेफ्ट ने अक्सर हमारे गुस्से का मजाक उड़ाया है क्योंकि ट्विटर ने उन्हें ये अधिकार दिया। खैर ये अब नहीं होगा।”
अतुल के इसी ट्वीट को पढ़ने के बाद, कंगना ने अपना ट्वीट किया था। शायद दोनों ट्वीट पढ़कर साफ पता चलता है कि बात गलती के बदले जवाब देने को लेकर थी। लेकिन वामपंथियों ने इसे दूसरा रुख दे दिया और कंगना को नफरत फैलाने वाला कहा जाने लगा।
कंगना ने इसके बदले भी उन्हें जवाब दिया और लिखा, “जो लिब्रु डर के मारे मम्मी की गोद में रो रहे हैं। वो ये पढ़ लें कि मैंने तुम्हारा सिर काटने के लिए नहीं कहा। इतना तो मैं भी जानती हूँ कि कीड़े मकोड़ों के लिए कीटनाशक आता है।”
दिलचस्प बात यह है कि ऑल्ट न्यूज के सहसंस्थापक मोहम्मद जुबैर समेत कई लोगों ने कंगना के ट्वीट को लेकर दावा किया वो हिंसा फैला रही हैं। जबकि उनके गिरोह के पत्रकार न जाने कितनी बार भड़काऊ बातें करते पकड़े गए हैं, जिसके खिलाफ़ कभी किसी ने आवाज नहीं उठाई ।