Sunday, November 17, 2024
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लखीमपुर खीरी हिंसा: कॉन्ग्रेसी, लिबरल और मीडिया गिरोह ने शेयर किया क्रॉप वीडियो, ‘फॉर्च्यूनर में कौन था’ को लेकर फैलाया झूठ

रोहिणी द्वारा साझा किए गए वीडियो में वह व्यक्ति केवल थार को भीड़ के ऊपर चढ़ाने और लोगों को मारने की बात करता है। जिस हिस्से में उसने बताया है कि वह एक कॉन्ग्रेस नेता के भतीजे के साथ फॉर्च्यूनर में थे, उस हिस्से को क्रॉप कर दिया गया है।

लखीमपुर खीरी हिंसा की जाँच के साथ इस पर राजनीति शुरू हो गई है। इसी बीच सोशल वीडियो पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक पुलिस अधिकारी कॉन्ग्रेस के पूर्व सांसद के भतीजे के एक सहयोगी से पूछताछ करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

वायरल वीडियो में पुलिस अधिकारी घायल व्यक्ति से उसका नाम, पता और अन्य जानकारी पूछ रहा है। आदमी ने खुलासा किया कि वह चारबाग लखनऊ का रहने वाला है और कॉन्ग्रेस नेता और पूर्व सांसद अखिलेश दास के भतीजे अंकित दास के साथ काम करता है।

अधिकारी ने फिर पूछा कि हिंसा के दिन वह किसके साथ और कैसे जा रहा था। इस पर, उस व्यक्ति ने खुलासा किया कि वह अंकित दास, तीन अन्य लोगों और एक ड्राइवर के साथ काले रंग की फॉर्च्यूनर (एसयूवी) कार में था।

पुलिस ने पूछा कि क्या अंकित दास भी मौके पर थे और क्या यह कार उनकी थी। उस व्यक्ति ने हाँ में इसका जवाब दिया। अधिकारी ने तब एक अन्य कार के बारे में पूछताछ की जो काफिले में आगे थी। पुलिस ने पूछा, “आगे किसकी गाड़ी थी? उस आदमी ने जवाब दिया, “वो मुझे नहीं पता।” पुलिस अधिकारी ने उस व्यक्ति को इसके बारे में खुलकर बताने को कहा कि वो (कार) भी तो साथ में होगी?

उस व्यक्ति ने बताया, “आगे थार थी, जिससे लोग टकरा गए थे और पीछे फॉर्च्यूनर थी।” थार वही कार थी, जिस पर किसानों की भीड़ ने पत्थरों और लाठियों से हमला किया था, जिससे उसके शीशे टूट गए थे। इसके बाद ड्राइवर ने अपना बैलेंस खो दिया और भीड़ को कुचल दिया। बाद में यह भी सामने आया कि कार के चालक को भी किसानों की भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला।”

पुलिस ने थार के बारे में कुछ और सवाल किए। जिसमें उस व्यक्ति ने कहा कि उसे नहीं पता कि कार में कौन था। यह ‘भैया’ का था और वह व्यक्ति भी उसके साथ था। हालाँकि, अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि वह व्यक्ति ‘भैया’ किसे कह रहा था। रिपोर्ट्स की मानें तो पुलिस अंकित दास की तलाश में जुट गई है।

वामपंथियों ने भ्रामक जानकारी साझा की

इस बीच दुष्प्रचार करते हुए वामपंथी लोगों द्वारा इस पूछताछ का एक क्रॉप वीडियो साझा करके सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी को बढ़ावा दिया जा रहा है। द वायर की पत्रकार रोहिणी सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट पर किसानों के ग्रुप द्वारा साझा किए गए क्रॉप वीडियो को रीट्वीट किया है।

रोहिणी सिंह ने भ्रामक और क्रॉप किए गए वीडियो को रीट्वीट किया। साभार: ट्विटर

रोहिणी द्वारा साझा किए गए वीडियो में वह व्यक्ति केवल थार को भीड़ के ऊपर चढ़ाने और लोगों को मारने की बात करता है। जिस हिस्से में उसने बताया है कि वह एक कॉन्ग्रेस नेता के भतीजे के साथ फॉर्च्यूनर में थे, उस हिस्से को क्रॉप कर दिया गया है। जबकि, NDTV ने वीडियो से संबंधित अपने शीर्षक में कहा है कि उस व्यक्ति ने हिंसा प्रभावित क्षेत्र में केंद्रीय मंत्री के बेटे की मौजूदगी के बारे में बताया है।

NDTV ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वह व्यक्ति यूपी के मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को ‘भैया’ कह रहा है। वह अपनी रिपोर्ट में ‘भैया’ को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा से जोड़कर देख रहा है। वायरल वीडियो के पहले हाफ में उस शख्स ने अंकित दास को ‘भैया’ कहकर बुलाया है। जैसा कि हमने कहा, ”यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि थार में किस ‘भैया’ का जिक्र किया जा रहा था। लेकिन सभी ने मान लिया कि वह ‘भैया’ आशीष मिश्रा हैं।”

कौन हैं अंकित दास?

अंकित दास को पूर्व कॉन्ग्रेस सांसद अखिलेश दास का भतीजा बताया जा रहा है, जो मनमोहन सिंह की यूपीए-1 सरकार में जनवरी 2006 से मई 2008 तक इस्पात मंत्री थे। वह मई 1993 से नवंबर 1996 तक लखनऊ के मेयर भी रहे हैं।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में जहाँ हर विपक्षी दल किसानों के नाम पर मामले का राजनीतिकरण करने में जुटा है और माहौल को उकसाने के प्रयास हो रहे हैं। वहीं दूसरी ओर योगी सरकार कोशिश कर रही है कि हर हिंसा पीड़ित को इंसाफ मिले और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई हो। इस बीच लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए ‘किसान’ लवप्रीत सिंह के परिवार वालों का बयान सामने आया है। इसमें वह हाथ जोड़कर अपील कर रहे हैं कि इस घटना पर राजनीति न की जाए। लखीमपुर खीरी हिंसा में शिकार हुए 8 लोगों में 19 साल के लवप्रीत सिंह का भी नाम है। लवप्रीत को लेकर मीडिया में छपी जानकारी बताती है कि वह इंटरमीडिएट तक पढ़ाई पूरी करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए कनाडा जाने की तैयारी कर रहा था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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