Tuesday, November 19, 2024
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‘राम’ है दुनिया की सबसे महँगी करेंसी, छपी है भगवान की फोटो भी: एक राम की कीमत 886.5 रुपए – फैक्ट चेक

एक हमारे यहाँ के 'सेकुलर' नेता हैं, जो राम नाम को ही सांप्रदायिक मानते हैं... और दूसरी ओर विदेशी सरकार है, जो प्रभु राम को मान-सम्मान दे रही है और उनके नाम पर करेंसी भी है।

सोशल मीडिया पर एक दावा शेयर हो रहा है कि दुनिया की सबसे मजबूत और महँगी करेंसी का नाम राम है। साथ ही बताया जा रहा है कि आज की तारीख में 1 राम की कीमत 10 यूरो के बराबर है। बता दें कि 1 यूरो फिलहाल 88.65 भारतीय रुपयों के बराबर होता है। इस तरह से दावे के मुताबिक़ एक राम की कीमत 886.5 रुपए हुए। कहा जा कि ये मुद्रा आज भी चलती है और इसे हॉलैंड की डच सरकार ने मान्यता दी हुई है।

सोशल मीडिया पर इस दावे को शेयर करते हुए सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता प्रशांत पटेल उमराव ने लिखा कि महर्षि महेश योगी ने हॉलैंड में आज से लगभग बीस साल पहले “राम” नाम से करेंसी चलाई थी। साथ ही उन्होंने 1, 5 और 10 ‘राम’ का नोट भी शेयर किया, जिस पर भगवान राम की तस्वीर बनी हुई है और साथ हुई ‘विश्व शांति राष्ट्र’ अंकित किया हुआ है। इस पर ‘नीदरलैंड’ भी लिखा हुआ है।

कई लोगों ने सोशल मीडिया पर इस दावे को आगे बढ़ाया और लिखा कि एक हमारे यहाँ के नेता हैं, जो राम नाम को ही सांप्रदायिक मानते हैं और राम मंदिर पर मोदी सरकार का समर्थन करने से दूर भागते हैं क्योंकि ये सब उनकी तुष्टिकरण की नीति के खिलाफ है। लोगों ने लिखा कि जिस देश में राम का जन्म हुआ, उससे ज्यादा बाहर के लोग उन्हें मान-सम्मान दे रहे हैं और उनके नाम पर करेंसी भी है।

ऑपइंडिया ने जब सोशल मीडिया के इन दावों की पड़ताल की तो पाया कि राम नाम की करेंसी हॉलैंड में है और इसे वहाँ मान्यता भी मिली हुई है। इस दौरान हमें फ़रवरी 2003 की एक बीबीसी की खबर मिली, जिसमें बताया गया था कि डच सेन्ट्रल बैंक ने स्पष्ट कर दिया है कि महर्षि महेश योगी द्वारा जारी की गई ‘करेंसी’ राम उसके नियमों का उलंघन नहीं करती। साथ ही बताया गया था कि उस वक़्त हॉलैंड में 100 से अधिक दुकानें इसका लेनदेन करती हैं।

इसे अक्टूबर 2001 में ‘द ग्लोबल कंट्री ऑफ वर्ल्ड पीस’ द्वारा लॉन्च किया गया था। कई शहरों और गाँवों में, यहाँ तक कि बड़े मॉल्स में भी इस करेंसी को स्वीकार किया जाता है। डच सेन्ट्रल बैंक ने कहा था कि ये सब कुछ नियमानुसार हो रहा है। महर्षि मूवमेंट के ‘वित्त मंत्री’ रहे बेंजमिल फेल्डमैन ने कहा था कि गरीबी से लड़ने में राम मददगार साबित हो सकता है और कृषि में इसके उपयोग को बढ़ावा मिलना चाहिए।

राम को ‘वर्ल्ड पीस बॉन्ड’ के नाम से भी जाना जाता है। महर्षि मूवमेंट का कहना है कि इससे विश्व शांति को मजबूती मिलेगी, अर्थव्यवस्था में संतुलन बनेगा और साथ ही गरीबी से लड़ाई में ये कारगर सिद्ध होगा। यूरोप में इसकी कीमत 10 यूरो के बराबर होती है, वहीं अमेरिका में ये 10 डॉलर के बराबर हो जाता है। राम के नोट सिर्फ 3 डेनोमिनाशन में आते हैं। इसका सर्कुलेशन काफी तेजी से बढ़ा था।

फ़िलहाल इसे आर्थिक विशेषज्ञ ‘बेयरर बॉन्ड’ या लोकल करेंसी कहते हैं। नीदरलैंड के 30 शहरों में इसका उपयोग किया जाता है। लोवा में स्थित महर्षि सिटी को इसकी राजधानी कहा जाता है। इसके द्वारा अमेरिका के विभिन्न शहरों में ‘पीस पैलेस’ बनाए जा रहे हैं। इस तरह से ये दवा सही है कि राम करेंसी को हॉलैंड में डच सरकार की मान्यता मिली हुई है और इसकी कीमत 10 यूरो है। लेकिन, बात ‘ लीगल टेंडर’ की हो तो इसे दुनिया की सबसे महँगी करेंसी नहीं कह सकते।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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