इस स्क्रीनशॉट को साझा करते हुए राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने भी ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, पहले जिस ट्रेन की लागत ₹290 करोड़ थी, अब उसकी लागत ₹436 करोड़ होगी। यह केवल AC कोच वाली ट्रेन है, जिसे गरीब लोग वहन नहीं कर सकते। उन्होंने आगे पूछा, वंदे भारत अनुबंध में 50% लागत वृद्धि से किसे लाभ हो रहा है।
Important:
— Saket Gokhale MP (@SaketGokhale) September 16, 2024
Modi Govt has revised the ₹58,000 crores contract for making Vande Bharat sleeper trains
A train that cost ₹290 crores earlier will now cost ₹436 crores
This is a train with ONLY AC coaches that poor cannot afford.
Who is benefiting from this 50% cost increase… pic.twitter.com/sR8qLgK7DK
इसी तरह अन्य यूजर अमीना ने भी एक स्क्रीनशॉट शेयर किया और अपने ट्वीट में लिखा कि राफेल घोटाला के बाद अब वंदे भारत का एक नया घोटाला सामने आया है घोटाले की कुल कीमत 19430 करोड़ हो सकती है।
Remember the Rafale scam? Now there’s a new one with Vande Bharat.
— أمينة Amina (@AminaaKausar) September 16, 2024
Here’s how it works:
They first award contracts to their preferred companies, then they reduce the No. of aircraft or trains needed.
The dealer will provide the reduced number of aircraft or trains at the… https://t.co/s9A3NLX6js pic.twitter.com/3OPC6bIAK7
अब इन्हीं दावों के वायरल होने के बाद रेल मंत्रालय ने इस मामले पर खुद संज्ञान लिया। उन्होंने साकेत गोखले के ट्वीट पर जवाब देते हुए कहा, “कृपया गलत सूचना और फर्जी खबरें फैलाना बंद करें। कोच की संख्या से गुणा की गई प्रति कोच लागत, ट्रेन की लागत के बराबर होती है।”
आगे साफ-साफ बताया गया कि स्लीपर परियोजना में, पूरे प्रोसेस में पारदर्शिता के कारण प्रति कोच लागत सभी बेंचमार्क से कम है। हमने लंबी ट्रेनें बनाने के लिए कोचों की संख्या 16 से बढ़ाकर 24 कर दी है, जबकि कॉन्ट्रैक्ट में कुल कोचों की संख्या स्थिर रखी गई है। ऐसा सिर्फ ट्रेन में सफर करने की बढ़ रही डिमांड के कारण किया गया है।
Important:
— Saket Gokhale MP (@SaketGokhale) September 16, 2024
Modi Govt has revised the ₹58,000 crores contract for making Vande Bharat sleeper trains
A train that cost ₹290 crores earlier will now cost ₹436 crores
This is a train with ONLY AC coaches that poor cannot afford.
Who is benefiting from this 50% cost increase… pic.twitter.com/sR8qLgK7DK
ट्वीट में बताया गया कि पहले 200 ट्रेन, 16 कोच के साथ थीं यानी 3200 कोच के साथ। वहीं संशोधन के बाद 133 ट्रेन बनेंगी 24 कोच के साथ यानी कुल कोच होंगे 3192। रेल मंत्रालय ने कोच की संख्या साझा करते हुए बताया कि असलियत में कॉन्ट्रैक्ट की कीमत बढ़ी नहीं बल्कि घटी है क्योंकि ट्रेन की लेंथ बढ़ा दी गई है।
टीएमसी सांसद द्वारा फैलाए गए झूठ का पर्दाफाश होने के बाद लोग कह रहे हैं कि इस तरह फर्जी खबर फैलाने के आरोप में रेल मंत्रालय को सांसद पर केस करना चाहिए ताकि सबक मिले और आगे कोई आधी-अधूरी देकर भ्रमित न करे।