Friday, November 15, 2024
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UP में सड़क जाम कर नमाज, पुलिस ने लाठियों से दम भर कूटा, खींच-खींच के मारा: वायरल हो रहा वीडियो कहाँ का? क्या है सच्चाई?

यह वीडियो वर्तमान का नहीं बल्कि मार्च 2020 यानी आज से लगभग 4 वर्ष पुराना है। इससे सम्बंधित एक वीडियो भी हमें यूट्यूब पर मिली। कुछ खबरें भी उसी दौरान प्रकाशित की गईं थी जिसमें इटावा में नमाजियों को रोके जाने का जिक्र था।

हाल ही में दिल्ली के पुलिसकर्मी का नमाजियों को मारने का वीडियो वायरल हुआ था। अब इसी आधार एक और वीडियो वायरल हो रहा है और दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने नमाज पढ़ने वालों पर कार्रवाई की। उन्हें लाठी से मारा, सड़क पर खींचा और पुलिस की गाड़ी में भर कर ले गए। ऑपइंडिया ने इस दावे का फैक्ट चेक किया है।

इस वीडियो को सोशल मीडिया पर अलग-अलग बातें लिख कर शेयर किया जा रहा है। एक्स (पहले ट्विट्टर) पर ‘हम लोग’ नाम के एक अकाउंट ने यह वीडियो डालकर लिखा, “दिल्ली पुलिस ने तो अपने कर्तव्य का पालन करने वाले अधिकारी को बर्खास्त कर दिया इस बीच यूपी में नमाज के लिए सड़कें रोकने का नतीजा।”

एक अन्य यूजर ने सीएम योगी की कानून व्यवस्था को लेकर सख्ती की तरफ इशारा करते हुए लिखा, “यूपी में सड़क पर नमाज ना बाबा ना ….. बाबाजी का ख़ौफ़।”

एक और अकाउंट ने दिल्ली पुलिस के अधिकारी का समर्थन किया और उत्तर प्रदेश में रोड जाम करने के परिणाम के रूप में इस वीडियो को शेयर किया।

एक और यूजर ने यही वीडियो शेयर किया और लिखा, “यह भी सड़क पर नमाज़ पढ़ रहे थे लेकिन ये उत्तर प्रदेश है यहाँ बाबा की पुलिस हर वक्त हर जगह ऑन ड्यूटी रहती है।”

एक और यूजर ने लिखा, “कैसें उत्तर प्रदेश में सड़क जाम करने पे कुटाई होती है”

क्या है वीडियो की सच्चाई?

ऑपइंडिया ने इस वीडियो की पड़ताल करने का फैसला लिया। पहली नजर में यह वीडियो वर्तमान का नहीं लग रहा था, ऐसे में इसकी तह तक जाने का प्रयास किया गया। जिन लोगों ने वीडियो डाले हैं, उन्होंने यह घटना कहाँ की है, यह नहीं बताया है। हालाँकि, इस वीडियो को ध्यान से देखने पर जहाँ पुलिस यह कार्रवाई कर रही है, वहाँ की दुकानों के बोर्ड दिखते हैं। इन पर नीचे इटावा लिखा हुआ है। वीडियो के एक अन्य फ्रेम में भी एक गेट पर इटावा लिखा है।

ऐसे में हमें पता चला कि यह घटना इटावा की है। हालाँकि जब इटावा में नमाज से सम्बंधित हालिया ऐसी कोई घटना के बारे में जानकारी ढूंढी गई तो नहीं मिली। इटावा में हाल में नमाज को लेकर कोई विवाद नहीं हुआ है। ऐसे में यह वीडियो कहाँ से आई, इसके लिए इसका डिजिटल फुटप्रिंट निकालने की कोशिश की गई।

जब इटावा में नमाज से सम्बंधित ऐसी पुराणी घटनाओं की जानकारी निकाली गई तो पता चला कि यह मामला इटावा में ही हुआ है लेकिन यह वर्तमान का नहीं बल्कि मार्च 2020 यानी आज से लगभग 4 वर्ष पुराना है। इससे सम्बंधित एक वीडियो भी हमें यूट्यूब पर मिली। कुछ खबरें भी उसी दौरान प्रकाशित की गईं थी जिसमें इटावा में नमाजियों को रोके जाने का जिक्र था।

दरअसल, यह वीडियो तब का है जब पूरे देश में कोरोना महामारी को लेकर प्रतिबन्ध लगाए गए थे। इस दौरान लोगों के इकट्ठा होने पर रोक थी। ऐसे में एक साथ नमाज पढ़ने के कारण पुलिस ने यह कार्रवाई की थी और उन्हें तितर बितर किया था। ऐसे में ऑपइंडिया के फैक्ट चेक में यह दावा फेक निकला है कि दिल्ली की तरह उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी नमाजियों पर कार्रवाई की।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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