हाल ही में दिल्ली के पुलिसकर्मी का नमाजियों को मारने का वीडियो वायरल हुआ था। अब इसी आधार एक और वीडियो वायरल हो रहा है और दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने नमाज पढ़ने वालों पर कार्रवाई की। उन्हें लाठी से मारा, सड़क पर खींचा और पुलिस की गाड़ी में भर कर ले गए। ऑपइंडिया ने इस दावे का फैक्ट चेक किया है।
इस वीडियो को सोशल मीडिया पर अलग-अलग बातें लिख कर शेयर किया जा रहा है। एक्स (पहले ट्विट्टर) पर ‘हम लोग’ नाम के एक अकाउंट ने यह वीडियो डालकर लिखा, “दिल्ली पुलिस ने तो अपने कर्तव्य का पालन करने वाले अधिकारी को बर्खास्त कर दिया इस बीच यूपी में नमाज के लिए सड़कें रोकने का नतीजा।”
दिल्ली पुलिस ने तो अपने कर्तव्य का पालन करने वाले अधिकारी को बर्खास्त कर दिया
— हम लोग We The People 🇮🇳 (@ajaychauhan41) March 9, 2024
इस बीच यूपी में नमाज के लिए सड़कें रोकने का नतीजा. pic.twitter.com/el0hJA6GJC
एक अन्य यूजर ने सीएम योगी की कानून व्यवस्था को लेकर सख्ती की तरफ इशारा करते हुए लिखा, “यूपी में सड़क पर नमाज ना बाबा ना ….. बाबाजी का ख़ौफ़।”
यूपी में सड़क पर नमाज ना बाबा ना ….. बाबाजी का ख़ौफ़ 😂 pic.twitter.com/uhcGiybUt0
— Riniti Chatterjee Pandey ( Modi’s Family) (@mainRiniti) March 9, 2024
एक और अकाउंट ने दिल्ली पुलिस के अधिकारी का समर्थन किया और उत्तर प्रदेश में रोड जाम करने के परिणाम के रूप में इस वीडियो को शेयर किया।
#IStandWithManojTomar and Delhi Police.
— श्रवण बिश्नोई (किसान)(मोदी का परिवार) (@SharwanKumarBi7) March 9, 2024
Chal bosdiwale chal madarchap
The result of blocking the roads for Namaaz In UP. 👍 pic.twitter.com/3DG2WpztbV
एक और यूजर ने यही वीडियो शेयर किया और लिखा, “यह भी सड़क पर नमाज़ पढ़ रहे थे लेकिन ये उत्तर प्रदेश है यहाँ बाबा की पुलिस हर वक्त हर जगह ऑन ड्यूटी रहती है।”
यह भी सड़क पर नमाज़ पढ़ रहे थे लेकिन यह उत्तर प्रदेश है यहां बबा की पुलिस हर वक्त हर जगह आन ड्यूटी रहती है pic.twitter.com/f1qnBEF5uA
— गुलशन कुमार मल्होत्रा@gkarya.62 (@62Gkarya) March 9, 2024
एक और यूजर ने लिखा, “कैसें उत्तर प्रदेश में सड़क जाम करने पे कुटाई होती है”
कैसें उत्तर प्रदेश में सड़क जाम करने पे कुटाई होती है
— Kreately.in (@KreatelyMedia) March 8, 2024
😂
pic.twitter.com/xyxZXsnAxz
क्या है वीडियो की सच्चाई?
ऑपइंडिया ने इस वीडियो की पड़ताल करने का फैसला लिया। पहली नजर में यह वीडियो वर्तमान का नहीं लग रहा था, ऐसे में इसकी तह तक जाने का प्रयास किया गया। जिन लोगों ने वीडियो डाले हैं, उन्होंने यह घटना कहाँ की है, यह नहीं बताया है। हालाँकि, इस वीडियो को ध्यान से देखने पर जहाँ पुलिस यह कार्रवाई कर रही है, वहाँ की दुकानों के बोर्ड दिखते हैं। इन पर नीचे इटावा लिखा हुआ है। वीडियो के एक अन्य फ्रेम में भी एक गेट पर इटावा लिखा है।
ऐसे में हमें पता चला कि यह घटना इटावा की है। हालाँकि जब इटावा में नमाज से सम्बंधित हालिया ऐसी कोई घटना के बारे में जानकारी ढूंढी गई तो नहीं मिली। इटावा में हाल में नमाज को लेकर कोई विवाद नहीं हुआ है। ऐसे में यह वीडियो कहाँ से आई, इसके लिए इसका डिजिटल फुटप्रिंट निकालने की कोशिश की गई।
जब इटावा में नमाज से सम्बंधित ऐसी पुराणी घटनाओं की जानकारी निकाली गई तो पता चला कि यह मामला इटावा में ही हुआ है लेकिन यह वर्तमान का नहीं बल्कि मार्च 2020 यानी आज से लगभग 4 वर्ष पुराना है। इससे सम्बंधित एक वीडियो भी हमें यूट्यूब पर मिली। कुछ खबरें भी उसी दौरान प्रकाशित की गईं थी जिसमें इटावा में नमाजियों को रोके जाने का जिक्र था।
दरअसल, यह वीडियो तब का है जब पूरे देश में कोरोना महामारी को लेकर प्रतिबन्ध लगाए गए थे। इस दौरान लोगों के इकट्ठा होने पर रोक थी। ऐसे में एक साथ नमाज पढ़ने के कारण पुलिस ने यह कार्रवाई की थी और उन्हें तितर बितर किया था। ऐसे में ऑपइंडिया के फैक्ट चेक में यह दावा फेक निकला है कि दिल्ली की तरह उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी नमाजियों पर कार्रवाई की।