सोशल मीडिया पर एक तस्वीर जम कर वायरल हो रही है, जिसके आधार पर दावा किया जा रहा है कि ये उत्तर प्रदेश में UPTET की परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की तस्वीर है। कई लोगों ने ये तस्वीर शेयर कर के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार पर निशानया साधा। कहा गया कि जाड़े की रात अभ्यर्थियों को इस तरह से रात गुजारनी पड़ी और बाद में पता चले कि परीक्षा रद्द हो गई, तो आपको कैसे लगेगा? दरअसल, UPTET की परीक्षा रद्द किए जाने की घोषणा के बाद इस तरह कि बातें की जा रही हैं।
लखनऊ में बेरोजगार युवाओं का रात्रि विश्राम!
— Pinki Chaubey🇮🇳 (@pinkichaubey1) November 28, 2021
खुले आसमान के नीचे!!#TET @yogita_singh13 @ pic.twitter.com/6C25iOzzKl
नीचे आप देख सकते हैं कि किस तरह समाजवादी पार्टी से जुड़े और भाजपा विरोधी हैंडलों ने जम कर प्रॉपगंडा फैलाया।
वायरल फ़ोटो UPTET के अभ्यर्थियों की नहीं है अपितु राजस्थान के युवकों की है। UPTET के परीक्षार्थियों को उनके एडमिट कार्ड के आधार पर सुविधापूर्वक यूपीएसआरटीसी की बसों से घर भेजा जा रहा है और यह परीक्षा राजकीय व्यय पर पुनः एक माह में आयोजित करायी जायेगी। कृपया भ्रामक खबर ना फैलाएँ। pic.twitter.com/p4e94Uicyq
— UPPOLICE FACT CHECK (@UPPViralCheck) November 28, 2021
#UPTET #paperleak #Students
— ADVOCATE ASLAM SHAIKH (assu) (@ADVOCATEASLAM_) November 28, 2021
लखनऊ TET की परीक्षा देने आए देश भर के बीस #लाख बेरोजगार युवा
जो रात भर खुले आसमान के नीचे ठिठुरते रहे इस उम्मीद में कि कल का सूरज उनके जीवन से बेरोजगारी का अंधकार #खत्म कर देगा
सुबह पता चला कि TET का पेपर #लीक हो गया है
क्या बीत रही होगी इनके दिल पर pic.twitter.com/OiqqtDvPrn
जयपुर से लखनऊ पहुंचे राजस्थान के बेरोज़गारों की यह तस्वीर बहुत उदास करती है।
— MD Saleem (@MDSalee39923904) November 28, 2021
UP TET का पेपर लीक, प्रदेशभर में परीक्षा रद्द pic.twitter.com/WaayCnP4d6
अंत में यूपी पुलिस ने सच्चाई की जानकारी दी। ये तस्वीरें दरअसल राजस्थान के बेरोजगारों की है। राजस्थान सरकार इनकी नहीं सुन रही है, जिसके बाद ये उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित कॉन्ग्रेस दफ्तर के बाहर धरना देने पहुँचे थे। प्रियंका गाँधी अक्सर रोजगार की बातें करती हैं और वो उत्तर प्रदेश में खासी सक्रिय हैं, ऐसे में ये मामला उनकी फजीहत करा सकता है। लेकिन, इसे उलटा भाजपा के खिलाफ ही उपयोग किया जा रहा है। ये युवा राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार से आक्रोशित हैं।
वायरल फ़ोटो UPTET के अभ्यर्थियों की नहीं है अपितु राजस्थान के युवकों की है। UPTET के परीक्षार्थियों को उनके एडमिट कार्ड के आधार पर सुविधापूर्वक यूपीएसआरटीसी की बसों से घर भेजा जा रहा है और यह परीक्षा राजकीय व्यय पर पुनः एक माह में आयोजित करायी जायेगी। कृपया भ्रामक खबर ना फैलाएँ। pic.twitter.com/p4e94Uicyq
— UPPOLICE FACT CHECK (@UPPViralCheck) November 28, 2021
उत्तर प्रदेश पुलिस ने जानकारी दी, “वायरल फ़ोटो UPTET के अभ्यर्थियों की नहीं है अपितु राजस्थान के युवकों की है। UPTET के परीक्षार्थियों को उनके एडमिट कार्ड के आधार पर सुविधापूर्वक यूपीएसआरटीसी की बसों से घर भेजा जा रहा है और यह परीक्षा राजकीय व्यय पर पुनः एक माह में आयोजित करायी जाएगी। कृपया भ्रामक खबर ना फैलाएँ।” उत्तर प्रदेश ने इस तस्वीर के सहारे अफवाह फैलाने की साजिशों को नाकाम करने के लिए ऐसा करने वालों पर कार्रवाई भी शुरू कर दी है।
#UPTET परीक्षा के संबंध में फेसबुक अकाउंट ‘आपन देवरिया’ से भ्रामक फोटो/तथ्य पोस्ट किए जाने पर @deoriapolice द्वारा अभियोग पंजीकृत करते हुए अभियुक्त प्रिंस यादव को गिरफ्तार कर नियमानुसार विधिक कार्यवाही की जा रही है।
— UPPOLICE FACT CHECK (@UPPViralCheck) November 28, 2021
कृपया भ्रामक पोस्ट कर अफवाह न फैलाएं।#UPPViralCheck#UPPolice https://t.co/eCDmwc5UEG pic.twitter.com/7kYX3T7cFR
उत्तर प्रदेश पुलिस ने तस्वीर शेयर कर जानकारी दी “UPTET परीक्षा के संबंध में फेसबुक अकाउंट ‘आपन देवरिया’ से भ्रामक फोटो/तथ्य पोस्ट किए जाने पर देवरिया पुलिस द्वारा अभियोग पंजीकृत करते हुए अभियुक्त प्रिंस यादव को गिरफ्तार कर नियमानुसार विधिक कार्यवाही की जा रही है। कृपया भ्रामक पोस्ट कर अफवाह न फैलाएँ।” राजस्थान में पिछले कुछ परीक्षाओं में भी गड़बड़ी की बातें सामने आई है। अशोक गहलोत सरकार मंत्रिमंडल विस्तार से लेकर आपसी कलह सुलझाने में व्यस्त है।
हालाँकि, पेपर लीक किए जाने के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल ही आरोपियों की संपत्ति जब्त करने के आदेश पारित किए थे, जिसके क्रम में अब कार्रवाई भी शुरू हो गई है। गाजीपुर में सामूहिक नकल कराने और पेपर लीक के आरोप में शिक्षा माफिया महेंद्र कुशवाहा की संपत्ति को मुनादी करने के बाद सीज कर लिया गया। इस संपत्ति की कुल कीमत 4 करोड़ 80 लाख रुपए आँकी गई है। सीएम योगी ने इस मामले में कडा रुख अपनाते हुए बयान भी दिया था।