पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान पर की गई एयरस्ट्राइक पर गुरुवार (फरवरी 28 2019) को तीनों सेनाओं (वायु सेना, थल सेना, नौसेना) के प्रमुखों ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन से मुलाकात की। भारतीय पॉयलट को पाकिस्तान द्वारा पकड़ लिए जाने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। पूरे मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसी मंत्री की जगह सेनाधिकारियों द्वारा संबोधित किया गया।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई प्रकार के खुलासे हुए। भारत ने उन सबूतों को सामने रखा जो इस इसे साबित करते हैं कि इस्लामाबाद द्वारा किया गया दावा पूर्ण रूप से झूठा है। दरअसल, जिस एफ-16 को मार गिराने के चक्कर में हमारा पायलट पाकिस्तान पहुँच गया उस एयरक्राफ्ट के बारे में इस्लामाबाद ने कहा है कि उन्होंने एयरस्ट्राइक के लिए एफ-16 का प्रयोग नहीं किया। लेकिन, गुरुवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान का यह झूठ भी बेनकाब हुआ।
पाकिस्तान ने F-16 का इस्तेमाल किया इसे साबित करने के लिए भारत द्वारा बताया गया कि जिस मिसाइल से भारत की सीमा में घुस कर अटैक करने की कोशिश की गई वो सिर्फ F-16 से ही संभव है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में AMRAAM मिसाइल का टुकड़ा दिखाया गया, यह वो मिसाइल है जिससे पाकिस्तान ने अटैक किया था। सेना के प्रवक्ताओं ने बताया कि ये मिसाइल सिर्फ F-16 से ही फायर की जा सकती है। पाकिस्तान के पास और दूसरा कोई ऐसा विमान नहीं है जिससे इस मिसाइल को फायर किया जा सके।
AMRAAM मिसाइल के टुकड़े राजौरी में भारतीय सरहद के भीतर पाए गए हैं। इसके अलावा इलैक्ट्रॉनिक सिग्नेचर के जरिए भी यह पता लगाया गया कि वह एफ-16 विमान था।
बता दें कि अमेरिका के सामने एफ-16 लड़ाकू विमान के इस्तेमाल को लेकर यह सबूत काफी महत्वपूर्ण है, जिसने इसे इस्लामाबाद को बेचा था। जो उसे इस तरह की आक्रामक कार्रवाई की इजाजत नहीं देता है। दरअसल अमेरिका ने पाकिस्तान को यह विमान आतंकवादियों पर कार्रवाई करने के लिए दिया था लेकिन पाकिस्तान ने इसके इस्तेमाल भारत के ख़िलाफ़ किया है।